इस समय हमारे देश में अधिकांश पशु लंपी स्किन बीमारी की चपेट में है। लंपी स्किन बीमारी के प्रकोप से सबसे ज्यादा गाय ग्रसित हैं। गायों में लंपी स्किन बीमारी तेजी से फैल रही है जिससे दूध के उत्पादन में कमी देखी जा रही है। भारत सरकार अपने स्तर से लंपी स्किन बीमारी को रोकने के उपाय कर रही है। इसके लिए स्वदेशी वैक्सीन भी स्वस्थ पशुओं को लगाई जा रही ताकि गायों को इस बीमारी से बचाया जा सके।
इसी कड़ी में केंद्र की मोदी सरकार ने पशुधन बीमा योजना के अंर्तगत पशुओं का बीमा कराने वाले किसानों को प्रीमियम का 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करने के फैसला लिया है। पशु धन बीमा योजना को व्यक्तियों, डेयरी फार्म्स, विभिन्न वित्तीय संस्थानों, सहकारी समितियों और सहकारी डेयरी आदि के स्वामित्व वाले स्वदेशी और विदेशी मवेशियों को बीमा कवर देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आज हम ट्रैक्टर गुरु के माध्यम से आपको पशुधन बीमा योजना के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
केंद्र सरकार ने पशुधन बीमा योजना की शुरुआत पशुओं की मृत्यु के कारण हुए नुकसान से किसानों तथा पशुपालकों काे आर्थिक सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए की है। लेकिन वर्तमान समय में पशुओं में फैली लंपी स्किन रोग जैसी खतरनाक बीमारी ने पशुपालक किसानों की समस्या बढ़ा दी है। पशुओं में लंपी स्किन रोग बढ़ती जा रही है। गौवंशीय पशुओं में लंपी स्किन रोग देश के विभिन्न राज्यों में फैल रही है। देश के राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक, केरल, असम, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में लंपी स्किन रोग तेजी से फैल रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा पशुधन बीमा कराने पर पशुधन बीमा योजना के तहत अनुदान देने का फैसला किया गया है। इस योजना के अंतर्गत पशुओं को बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। ताकि पशुपालकों को पशुओं की मृत्यु होने के कारण आर्थिक नुकसान उठाना न पड़े।
भारत सरकार की पशुधन बीमा योजना के तहत बीमा कवर गाय, भैंस, बैल, ऊंट, भेड़, बकरी तथा सूअर को प्रदान किया जाएगा। इस योजना में प्रीमियम के भुगतान करने के बाद इन सभी पशुओं को 1 से 3 साल की अवधि के लिए बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। यदि इस अवधि के दौरान पशु की किसी कारणवश मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी द्वारा पशु की मृत्यु का मुआवजा संबंधित किसान को दिया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा पशुधन बीमा योजना के अंर्तगत अलग-अलग श्रेणी के पशुपालकों को सब्सिड़ी का प्रावधान है। ये सब्सिड़ी श्रेणी के अनुसार प्रीमियम की रकम के हिसाब से दी जा रही है। सरकार एपीएल श्रेणी के कार्ड धारक पशुपालकों को 50 प्रतिशत सब्सिड़ी प्रदान करती है। वहीं बीपीएल कार्ड धारक और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पशुपालकों को 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता हैं। पशुधन बीमा योजना के अंर्तगत दो प्रकार की पॉलिसी पशुपालकों किसानों को दी जा रही है, जिसमें पशुओं के बीमा की अवधि के लिए 2 विकल्प हैं। जिसमें 3 साल की अवधि व 1 साल की अवधि के लिए पॉलिसी ले सकते हैं।
इस योजना में भारत के शहरी व ग्रामीण पशुपालक अपने पशु का बीमा करवा सकते हैं।
अनुसूचित जाति-जनजाति व सामन्य वर्ग के बीपीएल कार्ड धारक योजना का लाभ ले सकते हैं।
बीमा करवाने के लिए किसान के पास खुद का पशु होना जरूरी है।
योजना के तहत उन्हीं पशुओं को बीमा का लाभ प्रदान किया जाएगा जिनका किसी अन्य पशुधन बीमा योजना में बीमा नहीं किया गया है।
पॉलिसी केवल निम्न कारणों से पशुओं की मृत्यु के लिए बीमा कवरेज प्रदान करेंगी।
दुर्घटना (बाढ़, चक्रवात, अकाल) या किसी भी अन्य आकस्मिक परिस्थितियों (आकस्मिक अर्थात् मूल रूप से दुर्घटनापूर्ण) में पशुओं की मृत्यु हो जाने पर।
रिंडरपेस्ट, सर्जिकल ऑपरेशन, ब्लैक क्वार्टर, हैमोरैजिक सैप्टिसिमीया, पैर और मुंह के रोग जैसी बीमारी से पशु की मृत्यु होने पर।
हड़ताल, दंगा और नागरिक अभियान जोखिम और आतंकवाद के कारण पशुओं की मृत्यु होने पर।
भूकंप के कारण पशुओं की मृत्यु होने पर पशुधन बीमा योजना के अंर्तगत बीमित राशि का लाभ मिलेंगा।
पशुधन बीमा योजना के अंर्तगत पशुओं का बीमा कराने के लिए आपको जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी वे इस प्रकार से हैं:-
आवेदक का आधार कार्ड
आवेदक का मूल निवास प्रमाण-पत्र
आवेदक का एपीएल और बीपीएल कार्ड
पशु का स्वास्थ्य संबंधी विवरण
पशु टैग/ पशु का पहचान-पत्र
पशु की फोटो जिसमें पशु टैग लगा हो
मोबाइल नंबर जो बैंक व आधार कार्ड से लिंक हो
बैंक पासबुक विवरण
यदि आप पशुधन बीमा योजना में आवेदन करके पशुओं की मृत्यु पर बीमा कवरेज प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करना होगा:-
सबसे पहले डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी एंड डेरिंग की ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉग इन करें।
आपके सामने होम पेज खुल जाएगा।
अब आपको पशुधन बीमा योजना के आवेदन फॉर्म की लिंक पर क्लिक करना होगा।
आवेदन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी जैसे कि नाम, पता आदि दर्ज करें।
अपनी सभी जानकारी दर्ज करने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें।
सबमिट बटन पर क्लिक करने के बाद आपका बीमा योजना में आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी।
किसान अपने पशु की मृत्यु के बाद सबसे पहले आपने जिस कंपनी से आपने पशु का बीमा करवाया था उस कंपनी को तत्काल सूचना देनी चाहिए। इसके बाद आपको पशु के बीमा से संबंधित कागजात बीमा कंपनी के अधिकारियों को दिखाने होंगे। इसके बाद बीमा क्लेम पाने के लिए आवेदन करें। इसके बाद आप टैग के साथ अपने पशु की फोटो लें। पशु का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सक से करवाएं। क्लेम के आवेदन के साथ आपको पशु का मृत्यु प्रमाण-पत्र और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी जमा करनी होगी। इस तरह आप अपने पशु की मृत्यु होने पर बीमा क्लेम कर सकते हैं। यदि आपके द्वारा सभी जानकारी ठीक दी गई हैं तो आपको कंपनी 15 दिन के अंदर बीमा क्लेम का लाभ प्रदान करेगी।
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