महंगाई के इस दौर में समय और पैसा दोनों की बचत बहुत जरूरी है। कृषि क्षेत्र को ही लें तो इसमें किसानों को ज्यादा मेहनत और समय की जरूरत होती है। कई बार घर के सारे सदस्य खेती-बाड़ी के कामों में जुटते हैं तो भी काम अधूरा रह जाता है। ऐसे में आधुनिक कृषि यंत्र काम को आसान बना देते हैं। यही कारण है कि अब भारत में खेती-किसानी के कार्यों में मशीनों का उपयोग ज्यादा होने लगा है। खेतों में निराई- गुड़ाई से लेकर हार्वेस्टिंग आदि कार्यों के लिए किसानों को कृषि यंत्रों की जरूरत पड़ती है। इन कृषि उपकरणों की हाई रेट होने से छोटे किसान इनको खरीद नहीं पाते। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों की ओर आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। इससे लघु और सीमांत किसान आसानी से जरूरत के अनुसार कृषि यंत्रों की खरीदारी कर सकते हैं। इससे इन्हें खेती के काम जल्दी करने में सहायता मिलती है। वहीं पैसे की बचत होती है। इन दिनों मध्यप्रदेश सरकार कई महत्वपूर्ण कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है। इस सब्सिडी योजना का ज्यादा से ज्यादा किसान लाभ उठा सकें, इसके लिए सरकार ने जिलेवार लक्ष्य तय कर लॉटरी सिस्टम लागू किया है। इस लॉटरी सूची में किसान अपना नाम भी देख सकते हैं जिन्होंने सब्सिडी के लिए आवेदन किया था। यहां ट्रैक्टर गुरू की इस पोस्ट में आपको कृषि यंत्रों की सूची और इन पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इसे पढ़ें और आगे शेयर करें।
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार की ओर से जिन कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए आवेदन किसानों से मांगे गए थे उनमें पावर वीडर, लेजर लैंड लेवलर, विनोविंग फेन शामिल हैं। कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय, मध्यप्रदेश की ओर से 4 फरवरी से लेकर 12 फरवरी तक राज्य के किसनों से उपरोक्त कृषि यंत्रों के लिए आवेदन मांगे गए थे। इन्हीं यंत्रों के आधार पर किसानों की लाटरी निकाली गई है।
मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि यंत्रों पर अनुदान की घोषणा की है। इसमें अलग-अलग यंत्रों पर इनकी लागत के अनुसार सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सब्सिडी की राशि कितनी मिलेगी इसका सही पता करने के लिए किसान ई- कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर कैलकुलेटर के जरिए पता लगा सकते हैं। मध्यप्रदेश में एससी/एसटी और महिला किसानों को 50 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
ई- कृषि यंत्र अनुदान योजना के आवेदक किसान लॉटरी सूची में अपना नाम देखने के लिए यहां बताई जा रही यह प्रक्रिया अपनाएं।
मध्यप्रदेश सरकार की ई कृषि यंत्र अनुदान योजना में यदि चयन होता है तो उन किसानों को अपना बैंक ड्राफ्ट लॉटरी के बाद तीन दिवस की अवधि में सहायक कृषि यंत्री, कार्यालय में जमा कराना होता है। इस व्यवस्था के अंतर्गत लॉटरी से चयनित एवं प्रतीक्षा सूची के आवेदनों के लिए धरोहर राशि उनके प्रकरण के अंतिम निराकरण तक जमा रहती है। इसके बाद वह किसानों को लौटा दी जाती है। वहीं यदि किसी आवेदक किसान द्वारा बैंक ड्राफ्ट के स्थान पर अभिलेख लगाया जाता है तो उसका आवेदन निरस्त करते हुए 6 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाता है।
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