KCC Loan: आजकल युवा कृषक किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan credit card) के तहत अपनी-अपनी कृषि जरूरत के हिसाब से लोन लेते हैं। पर जरा सोचिए कि यदि किसी केसीसी खाताधारक ने केसीसी लोन (kcc loan) लिया है और किसी कारणवश उसकी मृत्यु हो जाती है, तो फिर ऐसी स्थिति उसके लोन का क्या होगा? क्या ऐसे बकायादार किसानों का कर्जामाफ हो जाता है? अगर नहीं होता तो ये किसे भरना पड़ता है? इस पेचीदा सवाल का जवाब हर किसान जानना चाहता है, तो चलिए इसके बारे जानने की कोशिश करते हैं। जानते हैं कि लोन लेने वाले किसान की मृत्यु पर क्या नियम है।
दरअसल, 1998 में भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा संयुक्त रूप से किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KKC) शुरू की गई। यह योजना देश के किसानों की खेती से जुड़ी जरूरतों में निवेश करने हेतु लोन देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इसमें किसानों का केसीसी खाता खोलकर उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाता है, जिसकी मदद से खाताधारक संबंधित बैंक में जाकर, अपनी भूमि के कागजात जमा करके या कुछ अन्य औपचारिकताओं को पूरा करके कृषि के लिए लोन प्राप्त कर सकते हैं।
बता दें कि यह लोन केसीसी धारक किसान को बहुत ही कम दर से दिया जाता है। साथ ही इस पर भारत सरकार की ओर से ब्याज सब्सिडी भी मुहैया कराई जाती है। आज किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में केसीसी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत बैंक अपने खाताधारक को कृषि लोन उपलब्ध कराता है। अगर केसीसी ऋण (KCC Loan) धारक किसान की किसी कारणवश मौत हो जाती है, तो उसके द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने की जिम्मेदारी उसके उत्तराधिकारी, कानूनी वारिस या उसके परिवार की होती है। वहीं, सामान्य क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु हो जाए, तो फिर बैंक उसके उत्तराधिकारी, कानूनी वारिस और परिवार में किसी दूसरे सदस्य से शेष देनदारी नहीं वसूल सकता। क्योंकि यह अनसिक्योर्ड लोन है यानी ये सुरक्षित लोन नहीं होता है। बता दें कि बैंक अपने ग्राहकों को सुरक्षित और असुरक्षित दो प्रकार के लोन देता है। सुरक्षित लोन लेते समय केसीसी धारक को कुछ संपत्ति या अन्य वस्तु बैंक को गारंटी के तौर पर गिरवी रखनी पड़ती है। वहीं, अनसिक्योर्ड लोन के लिए कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है। अधिकतर ग्राहकों को इसी प्रकार का लोन दिया जाता है, लेकिन केसीसी या कृषि ऋण बैंक द्वारा सुरक्षित ऋण के रूप में दिया जाता है। ऐसे में अगर कर्जदार किसान लोन नहीं चुका पाता है, तो बैंक इस स्थिति में ग्राहक के इंश्योरेंस, संपत्ति को नीलाम करके या कानूनी कार्रवाई के तहत अपनी बकाया राशि लेता है।
अगर आप किसान है और केसीसी लेना चाहते है, तो इसके लिए आपको अपने नजदीकी किसी भी बैंक शाखा से संपर्क कर केसीसी खाता खुलवाने हेतु ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन करना होगा। बैंक जाकर आपको केसीसी आवेदन फॉर्म प्राप्त कर मांगी गई सभी जानकारी को भरना होगा। इसके साथ ही अपने सभी दस्तावेज जैसे पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Size Photo), आधार कार्ड (Aadhaar Card), वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card), ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License), किसान की जमीन के कागजात (Farmer’s land papers) की कापी भी जमा करनी होगी। इसके बाद में बैंक आपके सभी दस्तावेजों को क्रॉस वेरिफाई करके 14 से 15 दिनों में आपका किसान क्रेडिट कार्ड जारी कर देगा।
भारत सरकार के अनुसार, केसीसी योजना के अंतर्गत छोटे-सीमांत किसान, काश्तकार, बटाईदार विभिन्न श्रेणी के किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) योजना के तहत रूपे डेबिट कार्ड दिया जाता है। इस कार्ड पर 3 लाख रुपए तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलती है यानी स्वीकृत सीमा तक रूपे डेबिट कार्ड (RuPay Debit Card ) के माध्यम से किसान तीन लाख रुपए तक की रकम निकाल सकते हैं। यह राशि बैंक द्वारा फसल लोन के एसेसमेंट, भूमि क्षेत्र और उगाई गई फसलों के आधार पर तय की जाती है। 3 लाख रुपए तक के केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) लोन या फसल ऋण के निपटारे, डॉक्यूमेंटेशन, सर्वे, खाता-बही शुल्क समेत अन्य किसी भी प्रकार का सर्विस चार्ज ग्राहक से नहीं लिया जाता है। खास बात यह है कि केसीसी धारक इस पर 1 लाख 60 हजार रुपए तक की राशि का ऋण बिना किसी गांरटी के ले सकता है। हालांकि केसीसी ऋण को प्राप्त करने के लिए किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का होना अनिवार्य है।
सरकारी जानकारी के अनुसार, केसीसी धारकों को 9 प्रतिशत की दर से तीन लाख रुपए तक का कृषि या फसल ऋण दिया जाता है। लेकिन इस ऋण पर भारत सरकार की ओर से खाताधारक को दो प्रतिशत ब्याज दर पर अनुदान और समयावधि से लोन राशि चुकाने पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज में अतिरिक्त छूट प्रदान की जाती है, जिसके कारण किसानों को यह ऋण मात्र 4 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर से पड़ता है। हालांकि अब कई राज्यों में सरकारें अपने केसीसी ऋण धारकों को ब्याज दर में एक प्रतिशत तक की अतिरिक्त छूट अपने स्तर पर भी प्रदान कर रही है।
देश के अधिक से अधिक किसानों तक केसीसी पहुंचाने के लिए किसान ऋण डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग (DFS), पशुपालन और डेयरी विभाग (DAH&D), मत्स्य विभाग (DoF), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया। इस पोर्टल से किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के अंतर्गत उपलब्ध ऋण सेवाओं की पहुंच पात्र किसानों तक पहुंचान में व्यापक मदद मिलती है।
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