Agriculture Drone : देश में खेती को पहले से अधिक लाभकारी बनाने के लिए आधुनिकीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं का संचालन कर किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा भी जा रहा है। किसान स्मार्ट खेती कर फसलों की पैदावार के साथ-साथ अपनी आय को बढ़ा सकें। इसके लिए खेती में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। साथ ही ड्रोन खरीदने पर सरकार की ओर से किसानों को तय प्रावधानों के अनुसार अनुदान भी दिया जा रहा है। अब कृषि ड्रोन के इस्तेमाल से खेती करना पहले से ज्यादा आसान हो गया है। किसान इसके प्रयोग से खेतों में खड़ी फसलों की निगरानी व कीटनाशकों के छिड़काव कम समय और लागत खर्च में पूरा कर पा रहे हैं। इससे खेती की लागत और श्रम दोनों में कमी आ रही है और किसानों को बेहतर लाभ मिल रहा है। कृषि ड्रोन के लाभ को देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 38 हजार एकड़ में ड्रोन से छिड़काव करने का फैसला किया है।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 38 हजार एकड़ में ड्रोन से छिड़काव करने का लक्ष्य
कृषि में ड्रोन की बढ़ती उपयोगिता और इसके लाभ को देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 38,000 एकड़ में ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कृषि विभाग की जानकारी के अनुसार, कृषि विभाग, बिहार सरकार के डीबीटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसान ड्रोन से खेतों में छिड़काव करने वाली इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना के पहले चरण के तहत राज्य के प्रत्येक जिले में एक-एक हजार एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव करवाया जाएगा। छिड़काव करने के लिए सरकार किसानों को प्रति एकड़ 250 रुपए का अनुदान भी देगी। प्रत्येक किसान को अधिकतम 10 एकड़ के लिए अनुदान दिया जाएगा। यानी किसान 10 एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए सरकार की इस योजना के तहत 2500 रुपए तक का अनुदान का लाभ ले सकते हैं। किसान तिलहन एवं दलहनी फसलों के साथ मक्का, गेहूं व आलू की फसलों में ड्रोन से छिड़काव इस योजना के तहत करा सकते हैं।
कीट, खरपतवार और जीवाणु से हर साल फसलों को होता है नुकसान
कृषि विभाग, बिहार सरकार से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में हर साल विभिन्न प्रकार के कीटों और खरपतवारों से किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है। कृषि विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक, खेतों में कीट, खरपतवार, जीवाणु के कारण हर साल लगभग 35 प्रतिशत तक की फसल खराब हो जाती है। आमतौर पर किसान पारंपरिक तरीके से कीटनाशक का छिड़काव करते हैं। खुद से कीटनाशक का छिड़काव करने से इसके दुष्प्रभाव की जानकारी भी नहीं होती है और उन्हें कई तरह के दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है। साथ ही इससे पानी, श्रम और पैसों की भी बर्बादी होती है और खेतों में खड़ी फसलों पर सही से छिड़काव भी नहीं हो पाता है।
एकड़ जमीन में 8 से 10 मिनट में कीटनाशक का छिड़काव
कृषि विभाग के मुताबिक, ड्रोन के उपयोग से कीटनाशकों के छिड़काव से किसानों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। ड्रोन से छिड़काव करने से समय की बचत होती है। किसान ड्रोन के इस्तेमाल से कम समय एवं कम लागत में कीटनाशक का छिड़काव सरलता से कर सकते हैं। ड्रोन की मदद से किसान एक एकड़ खेत में कीटनाशक का छिड़काव केवल 8 से 10 लीटर पानी में मिलाकर महज 8 से 10 मिनट में पूरा कर सकते हैं। ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव करने से पानी और कीटनाशक दाेनों की बचत होती है। साथ ही पूरी फसलों पर आसानी से कीटनाशक का छिड़काव भी हो जाता है।
कृषि विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में किया जाएगा कीटनाशकों का छिड़काव
मिली जानकारी के मुताबिक, ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव के कार्य का सत्यापन बिहार सरकार कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। कृषि विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनुशंसित कीटनाशकों का छिड़काव ही खेतों में किसान को करना होगा। कृषि समन्वयक पौधा सरंक्षण कर्मचारी, प्रखंड तकनीकी और सहायक प्रबंधक इसका सत्यापन करेंगे। किसानों की मांग के मुताबिक कृषि विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में कीटनाशक का घोल तैयार कर छिड़काव किया जाएगा। डीसीजीए की ओर से रजिस्टर्ड कृषि ड्रोन से ही कीटनाशक का छिड़काव करवाया जाएगा। डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर पंजीकरण कराए बिना ड्रोन का परिचालन नहीं होगा। ड्रोन परिचालन के लिए कृषि विभाग ने एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मानक संचालन प्रक्रिया एसओपी भी शीघ्र घोषित कर दी जाएगी। ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव करने की सूचना किसान को 24 घंटे के पूर्व देनी होगी। पंचायत सचिव, पंचायत समिति सदस्य एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा किसानों को सूचना दी जाएगी। ड्रोन से खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करने की योजना के तहत छिड़काव कराने के लिए किसान कहीं से भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें खेती में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल दे रही है बढ़ावा
बता दें कि बीते कुछ वर्षों में खेती में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा खेती में इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए ड्रोन सब्सिडी योजना (Kisan Drone Yojana) का संचालन कर किसानों को एग्री ड्रोन (Agri Drone) खरीदने के लिए भारी सब्सिडी भी दी जा रही है। साथ ही इसके परिसंचालन करने के लिए किसान को विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। ड्रोन योजना के तहत एससी, एसटी, छोटे और सीमांत, महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपय तक का अनुदान ड्रोन खरीदने के लिए दिया जाता है । वहीं, अन्य किसानों को 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपए और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को 75 प्रतिशत तक का अनुदान देने का प्रावधान इस योजना के तहत किया गया है।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y