हरियाणा सरकार राज्य में देसी कपास की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। राज्य में देसी कपास की खेती करने वाले किसानों को 3 हजार रूपये सब्सिडी प्रति एकड़ के हिसाब से दी जा रही है। सब्सिडी के माध्यम से हरियाणा सरकार राज्य में देसी कपास का उत्पादन बढ़ाने के प्रयास पर जोर दे रही है। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले सीजन राज्य में करीब 15.90 एकड़ में कपास की खेती की गई थी। सरकार ने इस खरीफ सीजन में 19.25 एकड़ क्षेत्र में कपास की बुवाई का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में देसी कपास की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति एकड़ कपास की बिजाई पर 3 हजार रूपये का अनुदान दे रही हैं। ट्रैक्टर गुरू की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको हरियाणा सरकार द्वारा देसी कपास की खेती करने वाले किसानों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि, किस तरह से मिलेगा इस प्रोत्साहन राशि का लाभ के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।
सरकार द्वारा किसानों को देसी कपास की फसल के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। देसी कपास उगाने वाले किसानों को खेत के सत्यापन उपरांत 3 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस प्रोत्साहन राशि का लाभ लेने के इच्छुक किसान को देसी कपास की फसल का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in/ पर आगामी 31 जून 2022 तक अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकार ने देसी कपास पर सब्सिडी हेतु रजिस्ट्रेशन करने की अंतिम तिथि 31 मई 2022 रखी गई थी। लेकिन सरकार ने राज्य में कपास के लक्ष्य एवं किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए इस तारीख को बढ़ा दिया गया है।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कपास की खेती परंपरागत तरीके के बजाए वैज्ञानिक तरीके से की जाये तो 20 से 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त पैदावार हो सकती हैं। इसकी खेती कर किसान भाई कम वक्त और कम लागत में काफी बढि़या कमाई कर सकते हैं। कपास एक व्यावसायिक फसल हैं। इसकी खेती नगदी फसल के रूप में होती है। कपास खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली प्रमुख नगदी फसल है। कपास का बाजार भी काफी बड़े स्तर का हैं। बाजार में कपास फसल से उत्पादित सभी पैदावार मांग अच्छी-खासी होती हैं। जिस कारण इसकी बिजाई करने वाले किसानों को इसकी बिजाई से पूर्व ही खरीदार मिल जाते हैं। जिससे किसानों को फसल पैदावार को लेकर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती हैं।
हरियाणा सरकार ने राज्य में देसी कपास का उत्पादन बढ़ाने के लिए फैसला लिया है। इसके लिए सरकार द्वारा देसी कपास की बिजाई करने पर किसानों को तीन हजार रूपये प्रति एकड़ का अनुदान दिया जा रहा है। पिछले सीजन में प्रदेश में करीब 15.90 एकड़ में कपास की खेती की गई थी। इस खरीफ सीजन में सरकार ने 19.25 एकड़ क्षेत्र में कपास की बिजाई का लक्ष्य रखा है। देसी कपास के निर्धारित किए गए लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि विभाग ने 60 लाख पैकेट बीटी कपास के बीजों की व्यवस्था भी की है। हरियाणा राज्य में सिरसा, गुरूग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, चरखी, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, जींद, सोनीपत, पलवल, दादरी, नारनौल, झज्जर, पानीपत, कैथल, रोहतक ओर मेवात जिलों में प्रमुख रूप से देसी कपास की खेती की जाती है।
आवेदक किसान का आधार कार्ड
किसान की कृषि भूमि के कागजात
पहचान-पत्र
मूल निवास प्रमाण-पत्र
आधार से लिंक पंजीकृत मोबाइल नंबर
बैंक खाता पासबुक
पासपोर्ट साइज फोटो
कपास की फसल पर अनुदान का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पार्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए इच्छुक आवेकदक किसान, को सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in/ पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन स्वयं कर सकते हैं। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के लिए अपने नजदीक ई-मित्र केन्द्र या ग्राहक सेवा केन्द्र में जाकर कर सकते है।
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