बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। छोटे किसान, मजदूर और पशुपालक अतिरिक्त आय के लिए गांव में बकरी पालन करते हैं। गांव-गांव में भेड़ बकरी का पालन करने वाले पशुपालकों की मदद करने के लिए केंद्र सरकार “राष्ट्रीय पशुधन मिशन” के तहत लोन, बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण और सब्सिडी प्रदान करता है।
Goat Farming : कम लागत में शुरू करें बकरी पालन, होगा अच्छा मुनाफा
Goat Farming Training Chhattisgarh : ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजन करने और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए केंद्र की ओर से कई योजनाएं बनाई गई है। इन योजनाओं को राज्यों की सरकारें अपने-अपने राज्य में समय-समय पर लागू कर किसानों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करती है। जिससे किसान खेती एवं खेती संबंधित क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनकर बेहतर आय कमा सकें। भारत सरकार नाबार्ड के आपसी सहयोग से देश में “राष्ट्रीय पशुधन मिशन” चला रही है। जिसके तहत विभिन्न योजनाएं लागू कर पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण, बैंक लोन एवं अनुदान देने की सुविधा दी जा रही है। आज पशुपालन ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन के साथ ही किसानों की दैनिक जीविका का एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है। जिसमें बकरी पालन एक ऐसा पशुपालन व्यवसाय है, जिसे घर के छोटे से हिस्से में बहुत ही कम लागत खर्च में शुरू किया जा सकता है और बकरियों से उत्पादित दूध एवं इसके मांस और इसकी मींगणियों को बेचकर कर काफी मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है।
बकरी पालन करने के लिए अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के लिए पशु पालन विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से समय-समय पर बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। वहीं, राज्यों के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों द्वारा भी इन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में किसानों को बकरी पालन प्रशिक्षण देने के लिए तीन दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग में आयोजित किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में आयोजित होगा तीन दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए आज बकरी पालन दैनिक आय का एक मुख्य जरिया बना है। ऐसे में इसे और अधिक मुनाफेदार कारोबार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य की सरकार बकरी पालन प्रशिक्षण (Goat Farming Training) देने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग में संभागायुक्त एवं विश्वविद्यालय के कुलपति श्री महादेव कावरे के मार्गदर्शन, निर्देशन एवं कुशल नेतृत्व में पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में बकरी पालन प्रबंधन एवं उद्यमिता विकास में 26 से 28 जुलाई तक तीन दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
पशुपालकों एवं किसानों को दिया जाएगा बकरी पालन प्रशिक्षण
पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय में आयोजित इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पशुपालकों एवं किसानों को बकरी पालन करने के लिए हर तरह की छोटी-बड़ी सभी जानकारी दी जाएगी। इनमें प्रदेश में बकरी पालन की संभावनाएं, जलवायु के अनुसार छत्तीसगढ़ में उपयुक्त बकरी की नस्लें, आवास एवं सामान्य प्रबंधन, उनके खान-पान का प्रबंधन, बकरियों में होने वाली बीमारियां, बीमारियों से बचाव एवं रोकथाम के लिए टीकाकरण एवं उपाय, छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार द्वारा बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाएं जैसे कि एन.एल.एम. एवं नाबार्ड पोषित योजनाएं, आवेदन प्रक्रिया, बैंक लोन की प्रक्रिया के बारे में विभिन्न विषय विशेषज्ञों और पशुचिकित्सकों द्वारा सारगर्भित व्याख्यान एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण पशुपालक एवं किसानों को दिया जाएगा।
आयोजित कार्यक्रम में कैसे हिस्सा ले सकते हैं किसान
अगर आप छत्तीसगढ़ से मध्य आयवर्ग के छोटे किसान या पशुपालक है और पशुपालन में बकरी का पालन करना चाहते हैं। लेकिन आपके पास बकरी पालन का ज्ञान और पैसे नहीं है, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। आप पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा में आयोजित होने वाले बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में 3 हजार रुपए (बिना रहवासी) फीस देकर हिस्सा ले सकते हैं। वहीं अगर आप वहां रहकर प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 4 हजार रुपए (रहवासी) शुल्क देना होगा।
प्रशिक्षण की अधिक जानकारी के लिए इनसे कर सकते हैं संपर्क
बकरी पालन प्रशिक्षण की अधिक जानकारी के लिए प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. रामचंद्र रामटेके सहा.प्राध्यापक एवं डॉ.एस.के.तिवारी अधिष्ठाता पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग में कार्यालयीन समय पर संपर्क किया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission) के तहत लागू की गई विभिन्न योजनाओं में आवेदन कर बकरी पालन करने के लिए 50 हजार रुपए से लेकर अधिकतम 10 लाख रूपए लोन नाबार्ड एवं विभिन्न बैंकों से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। खास बात यह है कि बैंकों से लिए गए पशुपालन लोन पर बीमा की सुविधा भी आपको बैंक द्वारा प्रदान की जाती है। जिससे आपको वित्तीय सुरक्षा मिलती हैं।
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