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kisan andolan: मोदी सरकार ने की गन्ने के दामों में 25 रूपए की बढ़ोतरी

kisan andolan: मोदी सरकार ने की गन्ने के दामों में 25 रूपए की बढ़ोतरी
पोस्ट -22 फ़रवरी 2024 शेयर पोस्ट

किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार ने बढ़ाया गन्ने का मूल्य, जानें कितने रुपए का हुआ इजाफा 

Central Cabinet :  पंजाब के किसानों के आंदोलन के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने गन्ने के मूल्य में वृद्धि को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया। बुधवार को हुई इस बैठक में केंद्रीय कैबिनेट समिति ने गन्ने का उचित और लाभकारी (एफआरपी) मूल्‍य में 25 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करते हुए गन्ने का दाम 340 रुपए प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दे दी। इससे देश के 5 करोड़ से अधिक किसानों को सीधा लाभ होगा। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election) से पहले और किसान आंदोलन (Kisan andolan) के बीच मोदी सरकार (PM Modi Government) ने गन्ने का मूल्य बढाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही गन्ने की कीमत आठ फीसदी तक का इजाफा हुआ है। अभी गन्ने के दाम 315 रुपए प्रति क्विंटल है, जो अब बढ़कर 340 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। सरकार ने गन्ने के एफआरपी में कुल 25 रुपए बढ़ाया है। गने के दाम में यह बढ़ोतरी मोदी सरकार द्वारा की गई सबसे अधिक बढ़ोतरी है।   

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किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लिया है फैसला

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने यह अहम फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने चीनी सत्र 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी को 10.25 फीसदी की मूल रिकवरी दर के लिए 340 रुपए प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी गई है। ‘यह गन्ने की अब तक की सबसे अधिक कीमत है, जो मौजूदा सीजन 2023-24 के लिए गन्ने की एफआरपी से लगभग 8 प्रतिशत अधिक है। मंत्री ने संशोधित एफआरपी का लाभ किसानों को आगामी गन्ना सीजन 1 अक्टूबर 2024 की अवधि से मिलेगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक समेत देश के पांच करोड़ से अधिक गन्ना किसानों को फायदा होगा।

1 अक्टूबर 2024 से लागू की जाएगी यह कीमत

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि साल 2024-25 के लिए गन्ने की कीमत 340 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। मोदी सरकार ने गन्ने के एफआरपी में कुल 25 रुपए प्रति क्विंटल का भारी इजाफा किया है। केंद्रीय समिति ने गन्ने के दाम में वृद्धि को मंजूरी प्रदान दे दी है। गन्ने की यह कीमत 1 अक्टूबर 2024 से लागू की जाएगी। चीनी मिलें 10.25 प्रतिशत की रिकवरी पर गन्ने की एफआरपी 340 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान करेंगी। अगर वसूली में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ किसानों को 3.32 रुपए प्रति क्विंटल की अतिरिक्त कीमत मिलेगी, जबकि वसूली में 0.1 प्रतिशत की कमी पर समान राशि की कटौती की जाएगी। हालांकि 9.5 प्रतिशत या उससे कम रिकवरी पर चीनी मिलें गन्ने की एफआरपी 315.10 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान सुनिश्चित किया जाता है।

दुनिया में सबसे अधिक गन्ने की कीमत चुका रहा है भारत

मंत्री ने कहा कि गन्ने की यह कीमत गन्ने के तय  फार्मूले (A2+FL) लागत से 107 प्रतिशत अधिक है। यह नई एफआरपी (FRP) गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करेगा। गौरतलब है कि भारत पहले से ही दुनिया में गन्ने की सबसे अधिक कीमत चुका रहा है, जिसके बावजूद सरकार भारत के घरेलू उपभोक्ताओं को दुनिया की सबसे सस्ती चीनी सुनिश्चित कर रही है। आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार के इस फैसले से पांच करोड़ से अधिक गन्ना किसानों परिवारों और चीनी मिलों  से जुड़े लाखों अन्य लोगों को सीधा फायदा  होने वाला है। मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि चीनी सत्र 2021-22 के बाद से सरकार द्वारा चीनी मिलों को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है। इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने किसानों के लिए गन्ने की 'सुनिश्चित एफआरपी और सुनिश्चित खरीद' सुनिश्चित की है। 

किसानों को किया जा चुका है इतने रुपए रुपए का भुगतान

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने  कहा कि सरकार के इस फैसले के साथ चीनी मिलें गन्ने की एफआरपी 10.25% की रिकवरी पर 340 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करेंगी। उन्होंने दावा किया मोदी सरकार पिछले 10 वर्षों से किसान कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य सही समय पर मिले। चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को उचित एफआरपी (FRP) दिया जाता रहा है। पिछले चीनी सत्र 2022-23 का 99.5 प्रतिशत गन्ना बकाया और अन्य सभी चीनी सीज़न का 99.9 प्रतिशत किसानों को पहले ही भुगतान किया जा चुका है। इससे चीनी क्षेत्र के इतिहास में सबसे कम गन्ना बकाया भुगतान लंबित है। उन्‍होंने कहा कि साल 2019-20 में 75854 करोड़ रुपये गन्ना किसानों को फसल की भुगतान के रूप में दिए गए।  वहीं, चीनी सीजन 2020-21 में मोदी सरकार ने 93 हजार करोड़ रुपए, 2021-22 में 1 लाख 18 हजार करोड़ रुपए और 2022-23 में 1 लाख 14 हजार करोड रुपए का भुगतान गन्ना किसानों को दिया है। मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि इस साल भी 81 फीसदी से ज्यादा का भुगताना किसानों को किया जा चुका है। 

किसानों को इस काम के लिए दी जाएगी सब्सिडी

केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ठाकुर ने कहा कि देश में गधा-खच्चर, ऊंट- घोड़े की संख्या कम हो रही है और देसी नस्ल की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसलिए पशुधन को बचाने के लिए नेशनल लाइवस्टॉक एक्सचेंज चलाया जा रहा है।  इस मिशन में संशोधन कर एक सबस्कीम शुरू की जा रही है। ब्रीड मल्टीफिकेशन पर काम हो रहा है। एंटरप्रेन्योर के रूप में कोई व्यक्ति हो, सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) हो, इन सबको 50 प्रतिशत सब्सिडी दी गई है। इसकी अधिकतम सीमा 50 लाख रुपए तय की गई है। उन्होंने कहा कि चारे की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए बंजर भूमि को चारे का प्रोडक्शन बढ़ाने के काम में लाया जाएगा, जिसके लिए सब्सिडी दी जाएगी। किसानों को सभी प्रकार के पशुधन पर इंश्योरेंस का लाभ मिलेगा। इसके लिए किसानों को सब में एक समान प्रीमियम देना होगा। पहले 20-50 प्रतिशत प्रीमियम देना पड़ता था, अब 15 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा।

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