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subsidy on cow : सरकार देसी गाय की डेयरी खोलने पर दे रही 75 प्रतिशत तक सब्सिडी

subsidy on cow : सरकार देसी गाय की डेयरी खोलने पर दे रही 75 प्रतिशत तक सब्सिडी
पोस्ट -11 अगस्त 2023 शेयर पोस्ट

डेयरी फार्म खोलने पर सरकार दे रही 75 प्रतिशत तक सब्सिडी, यहां जानें आवेदन प्रक्रिया 

बिहार सरकार ने पशुपालन के क्षेत्र में स्वदेशी गायों के पालन को बढ़ावा देने व ग्रामीण युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक खास योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों एवं पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से अच्छी खासी सब्सिडी भी दी जाएगी । इसके लिए लाभार्थियों को योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करना होगा।  

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देसी गाय की डेयरी फार्म खोलने पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी

डेयरी फॉर्मिंग बिहार सरकार : आज के वक्त में देश की अर्थव्यवस्था में कृषि व पशुपालन क्षेत्र का विशेष योगदान है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन किसानों व पशुपालकों का दैनिक आय का एक अहम जरिया बना हुआ है। पशुपालन देश के गांवाें की आधी से ज्यादा आबादी के लिए रोजगार के साथ-साथ एक निश्चित आय का महत्वपूर्ण साधन बनाता जा रहा है। इन्हीं सब को देखते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकारें खेती के साथ-साथ किसानों को पशुपालन और डेयरी फार्मिंग कारोबार से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इस कड़ी में बिहार सरकार (Government of Bihar) पशुपालन क्षेत्र में रोजगार के साथ किसानों की दैनिक आय का अवसर देखते हुए राज्य में देसी गाय पालन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने “देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना” (Desi Cow Husbandry Promotion Scheme) शुरू की है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले किसान व पशुपालकों को देसी गायों का डेयरी फार्म खोलने, गायों की खरीद और गायों के लिए चारा की उचित व्यवस्था की लागत पर 40 से 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। आईये जानें कि देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना क्या है और इस योजना के तहत कैसे लाभ उठाया जा सकता है?  

देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य

बिहार में देसी गायों के संबंर्धन एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में “देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना” को लागू किया है। इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य राज्य में देशी गायों के संबर्धन हेतु देशी नस्ल की गायों के पालन को बढ़ावा देना है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले सभी वर्गों के किसानों, पशुपालकों एवं बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित कर उन्हें दैनिक आय का एक नियमित साधन उपलब्ध करवाना है। ताकि राज्य के किसानों व पशुपालकों की आय को बढ़ाकर उनके परिवारों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से मजबूत बनाया जा सके और राज्य को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जा सके। 

गायों पर कितनी दी जाएगी सब्सिडी 

बिहार सरकार द्वारा राज्य में “देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना” को शुरू किया गया है। इसमें अधिकतम 20 गायों की डेयरी स्थापित करने पर सभी वर्गों के किसानों/ पशुपालकों/राज्य के बेरोजगार युवक एवं युवतियों को सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना के अतंर्गत बिहार के अत्यंत पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों को देसी नस्ल की 2 एवं 4 देसी गाय/बाछी-हिफर की डेयरी खोलने पर 75 प्रतिशत एवं अन्य सभी वर्गों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, इस योजना के तहत 2, 4, 15 एवं 20 देसी गाय/हिफर (साहिवाल, गिर, थारपारकर) की डेयरी इकाई की स्थापना करने पर सभी वर्गों के लाभार्थियों को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। 

सभी वर्गों के व्यक्तियों को मिलने वाली सब्सिडी राशि

पशु एवं मत्स्य पालन संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा 2 देशी गाय/हिफर की डेयरी स्थापित करने के लिए 2,42,000 रुपए की लागत तय की गई है। इसमें राज्य के अत्यंत पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सभी व्यक्तियों को अधिकतम 1,81,500 रुपए की राशि सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। वहीं, अन्य सभी वर्गों के लोगों को 50 प्रशित या अधिकतम 1,21,000 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।

इसी प्रकार 4 देशी गाय/हिफर की डेयरी फार्म खोलने के लिए विभाग ने 5,20,000 रुपए की लागत निर्धारित की है। जिस पर योजना के तहत अत्यंत पिछड़ा वर्ग/ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसान एवं पशुपालकों को अधिकतम 3,90,000 रुपए की सब्सिडी राशि दी जाएगी, जबकि अन्य सभी वर्गों के व्यक्तियों को अधिकतम 2,60,000 रुपए का राशि डेयरी फार्म स्थापित करने पर दी जाएगी।

योजना के तहत 15 देशी गाय/हिफर (साहिवाल, गिर, थारपारकर) गायों की डेयरी ईकाई स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा 20,20,000 रुपए की लागत तय की गई है। इसमें बिहार के सभी वर्ग के किसानों एवं पशुपालकों को 40 प्रतिशत या अधिकतम  8,08,000 रुपए की सब्सिडी राशि देय होगा। वहीं, योजना के तहत 20 देशी गाय/हिफर गायों की डेयरी खोलने के लिए 26,70,000 रुपए की लागत विभाग द्वारा निर्धारित की गई है। जिस पर सभी वर्ग के व्यक्तियों को अधिकतम 10,68,000 रुपए या 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। 

गायों की डेयरी ईकाई स्थापित करने पर सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन?

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा “”देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना” को राज्य के सभी जिलों में शुरू किया गया है, जिससे सभी जिलों के इच्छुक किसान / पशुपालक एवं बेरोजगार युवक-युवतियां योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।  विभाग द्वारा आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, इच्छुक लाभार्थी योजना का लाभ लेने के लिए 01 सितंबर 2023 तक https://dairy.bihar.gov.in/Default.aspx  पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस योजना का कार्यान्वयन राज्य के सभी जिलों में संबंधित विभाग के जिला गव्य विकास अधिकारी द्वारा किया जाएगा। योजना के तहत अगर प्रशासन द्वारा तय लागत से डेयरी ईकाई की लागत अधिक होती है, तो इसी स्थिति में होने वाले अतिरिक्त खर्च का वहन लाभार्थी को स्वय ही करना होगा। वहीं, योजना के तहत किसी भी इकाई की स्थापना एवं क्रय परियोजना अंतर्गत तय लागत खर्च से अधिक होने पर भी सब्सिडी का भुगतान परियोजना के निर्धारित शर्त के आधार पर ही किया जाएगा।

किन व्यक्तियों को दिया जाएगा लाभ?

  • बिहार सरकार द्वारा देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना को राज्य के सभी जिलों में लागू किया गया है। राज्य के सभी वर्ग के पात्र इच्छुक व्यक्ति इस योजना में आवेदन दे  सकते हैं। 
  • बिहार के सभी वर्गों के भूमिहीन किसान, लघु और सीमांत किसान, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले किसान, शिक्षित बेरोजगार युवक और युवतियों को विभाग द्वारा इस योजना में शामिल किया गया है। 
  • देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना में आवेदन देने वाले व्यक्तियाें की आयु 55 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। 
  • विभाग द्वारा प्रशिक्षित व्यक्तियों, दुग्ध सहकारिता समिति के सदस्यों, जीविका के स्वयं सहायता समूहों से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • आवेदकों के पास इस योजना के अंतर्गत 2, 4 देशी गाय/बाछी-हिफर की डेयरी इकाई लगाने के लिए कम से कम 5 कठ्ठा और 15, 20 देशी गाय/बाछी-हिफर की डेयरी इकाई की स्थापना के लिए कम से कम 10 कठ्ठा खुद की जमीन या लीज की जमीन होनी चाहिए। जिससे की वे मवेशियों के लिए हरे चारे की व्यवस्था कर सकें।  

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