किसान खेती में ज्यादा से ज्यादा फायदा चाहता है। अच्छी फसल होने के बाद यदि दाम भी अच्छे मिलें तो किसानों की खुशी दोगुना हो जाती है। इससे इनकी आय में वृद्धि होती है और फिर अगली बार ज्यादा उत्साह से खेती करने के लिए किसान तैयार होते हैं। इन दिनों रबी सीजन की फसल जैसे सरसों, चना, मसूर आदि की कटाई और थ्रेसर से निकालने का काम चल रहा है। काफी जगह किसान अपनी फसलों को बेचने के लिए मंडी ला रहे हैं। किसानों को उनकी उपज की सही रेट मिले इसके लिए सरकार समर्थन मूल्य घोषित करती है। एमएसपी पर फसल बेचने के लिए किसानों को निश्चित समयावधि में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। इसी आधार पर इनको फसल बेचने के तिथि दी जाती है। सरकारी मूल्य पर चना, सरसों और मसूर की फसल खरीदी के लिए पहले 25 फरवरी 2023 तक ही पंजीयन कराने की अंतिम तिथि थी लेकिन मध्यप्रदेश के किसान इन फसलों की सरकारी खरीदी के लिए अब 10 मार्च तक अपना पंजीयन करवा सकेंगे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह अपने प्रदेश के किसान भाइयों को पंजीयन तिथि बढ़ाने का तोहफा प्रदान किया है। वहीं मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि किसानों को तनिक भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार उनके साथ खड़ी है। इससे किसानों ने राहत की सांस ली है। यहां ट्रैक्टर गुरू की वेबसाइट पर आपको सरसों, चना और मसूर की फसल खरीदी की पंजीयन तिथि बढ़ाए जाने को लेकर पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। इसे अवश्य पढ़ें और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
सरकार की ओर से घोषित समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने के लिए किसानों को समय रहते पंजीयन कराना आवश्यक है। इसके लिए पंजीयन कराने की अंतिम तिथि पूर्व में 25 फरवरी थी। इसे बढ़ाकर 10 मार्च कर दिया गया है। इससे अभी तक इस योजना में आवेदन करने का सिलसिला जारी है। इधर सरकार ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किसानों की 25 प्रतिशत फसल खरीदने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा है। इसकी अनुमति शीघ्र जारी होने की उम्मीद है।
किसानों को सरसों, चना, गेहूं, मसूर आदि फसलों को एमएसपी रेट पर बेचने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने जो पोर्टल बनाया उसमें कई तकनीकी खामियां थीं इनको सरकार ने दूर कर लिया है। इस संबंध में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि जिन किसानों ने अपनी फसल सरसों को राई या रायरा लिखा है उन्हे सरसों प्रजाति ही माना जाएगा। इसके अलावा उन्होंने किसानों की शिकायत पर उनकी फसलों के नाम जैसे चना की जगह सरसों और गेहूं को पोर्टल पर बताने के बारे में इसकी खामियों को दूर करने के लिए जिला कलेक्टरों को निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने किसानों को विश्वास दिलाया कि उनकी मेहनत व्यर्थ नही जाएगी।
मध्यप्रदेश सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर सरसों, चना, गेहूं आदि की खरीद के लिए 10 मार्च तक पंजीयन तिथि बढ़ाने के बाद नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन कराने की छूट दी गई है। इससे किसान अपना पंजीयन करवा रहे हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल ने लगातार तीन ट्वीट करते कहा है कि रजिस्ट्रेशन की निशुल्क व्यवस्था ग्राम पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्रों पर है। वहीं जनपद पंचायत और तहसील कार्यालयों में सुविधा केंद्रों पर सहकारी समितियों और विवरण संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केंद्रों के अलावा एमपी किसान एप पर उपलब्ध रहेगी। किसान ऑनलाइन कियोस्क, लोक सेवा केंद्र एवं साइबर कैफे से शुल्क देकर पंजीयन करवा सकते हैं।
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