खुशखबरी : सूखा प्रभावित किसानों को 2425 करोड़ का मुआवजा

Posted -09 May 2024 Share Post

Drought Affected: 27 लाख किसानों को मिला 2425 करोड़ का मुआवजा

देश में हर साल सूखे के कारण लाखों किसानों की फसल बर्बाद होती है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व अन्य योजनाओं के माध्यम से किसानों के नुकसान की भरपाई करती है। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 के बीच यह खुशखबरी सामने आई है कि सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए सरकार की ओर से मुआवजा राशि जारी की जाएगी। पिछले कुछ महीनों के दौरान 27 लाख किसानों को 2425 करोड़ रुपए का मुआवजा मिल चुका है। शेष सूखा प्रभावित किसानों को मुआवजे देने के लिए कार्य किया जा रहा है। जल्दी ही उन्हें लाभ मिल जाएगा। मुआवजा राशि का लाभ छोटे व सीमांत किसानों सहित सभी सूखा प्रभावित किसानों को मिलेगा। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट के माध्यम से जानें कि किन सूखा प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि मिलेगी।

सूखे से निपटने के लिए 3400 करोड़ रुपए का फंड

कर्नाटक में पिछले कुछ समय से जल संकट गहरा गया है और राज्य के 236 तालुकों में से 223 तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित किया जा चुका है। 48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बर्बाद हो चुकी है। इससे किसानों को 35 हजार 162 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए सरकारी खजाने से 650 करोड़ रुपए का फंड जारी किया है, इससे 33.44 लाख किसानों को 2-2 हजार रुपए की सहायता राशि मिल चुकी है। एक एकड़ वाले किसान को 2 हजार रुपए मिले हैं। ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ देने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से फंड जारी करने की गुहार की। मामले को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। याचिका में सूखा प्रबंधन के लिए राज्य को एनडीआरएफ से वित्तीय सहायता जारी करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कर्नाटक में सूखा प्रबंधन के लिए करीब 3400 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।

राजस्व मंत्री की घोषणा : 2 से 3 दिन में मिलेगा मुआवजा

कर्नाटक में अब तक सूखा प्रभावित 31.82 लाख किसानों को पूरा मुआवजा मिल चुका है। शेष दो लाख किसानों को कुछ दिनों में फसल नुकसान का मुआवजा मिल जाएगा। कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने कहा है कि प्रदेश के सभी सूखा प्रभावित किसानों को 2 से 3 दिन की अवधि में मुआवजे की राशि दे दी जाएगी। गौड़ा ने बताया कि 33.58 लाख किसानों को सरकारी खजाने से 636.45 करोड़ रुपए की अंतरिम राहत पहुंचाई जा चुकी है। जबकि केंद्र सरकार से 3454.22 करोड़ रुपए की राशि मिली है। 6 मई तक एनडीआरएफ की ओर से 27.38 लाख किसानों को 2425.13 करोड़ रुपए का मुआवजा जारी किया जा चुका है।

सूखे का असर : खाद्यान्न उत्पादन 148 टन से घटकर 80 लाख मीट्रिक टन पहुंचा

कर्नाटक में खेती दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) पर निर्भर है। साल 2023 के दौरान औसत बारिश 852 मिमी के मुकाबले 642 मिमी हुई। राज्य में 13 जलाश्य हैं जो सिंचाई और पेयजल की आपूर्ति करते हैं। बारिश की लगातार कमी के कारण राज्य में पानी का संकट बढ़ा है। बारिश नहीं होने और बांधों का पानी सूखने के लिए खेती बर्बाद हो गई। इसके परिणामस्वरूप खाद्यान्न उत्पादन अपेक्षित 148 लाख टन अनाज से घटकर लगभग 80 लाख मीट्रिक टन रह गया। अब किसानों के पास सरकार से मुआवजे और 2024 के मानसून से ही राहत की आस बची है।

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