फ्री बीज : सरसों और रागी के बीज फ्री में मिलेंगे, किसानों का होगा फायदा

पोस्ट -19 सितम्बर 2022 शेयर पोस्ट

निशुल्क बीजों की मिनी किट वितरित करने का लिया निर्णय

देश के कई राज्यों में इस बार मानसून संतोषजनक नहीं रहा। यहां तक की कई राज्य में इस बार मानसूनी बारिश का दौर भी देरी से शुरू हुआ है। जिससे फसलों की बुवाई भी प्रभावित हुई है। पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार एवं उत्तर प्रदेश जैसे कृषि प्रधान सूबों में सामान्य से बहुत कम बारिश हुई है, जिसकी वजह से खेती प्रभावित हुई है। यूपी में सामान्य से 50 फीसदी कम बरसात हुई, जिसकी वजह से राज्य के कई जिले सूखे जैसी समस्या से जूझते हुए देखे गए हैं। यहां अच्छी बारिश के इंतजार के कारण कई हजार हेक्टेयर भूमि पर फसल बुवाई ही नहीं हो पाई, जिन किसानों ने जैसे-तैसे फसलों की बुवाई की थी उन किसानों की फसलें कमजोर मानसून के कारण चौपट हो गई है। राज्य के करीब 62 से ज्यादा जिले सूखे की मार झेल रहे हैं। किसान लगातार सरकार से इस साल को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग कर रहे हैं। कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को चिट्टी लिखकर स्थिति से अवगत भी कराया है। स्थिति को देखते हुए योगी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए अल्पकालीन सरसों, सामान्य सरसों एवं रागी के निशुल्क बीजों की मिनी किट वितरित करने का फैसला किया। योगी सरकार ने राज्य पोषित प्रमाणित बीजों के वितरण पर अनुदान की योजना के अंतर्गत अल्पकालीन सरसों, सामान्य सरसों तथा रागी के निःशुल्क बीजों के वितरण किए जाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है।  

महिला किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास 

राज्य में करीब 62 जिले सूखे की मार झेल रहे हैं, जिनमें 18 से भी अधिक जिलों में सामान्य से अधिक सूखे की स्थिति है। यहां सूखे के कारण जमीन में दरारें पड़ने की तस्वीरें भी सामने आई है। इन जिलों में सामान्य से भी कम बारिश हुई है। प्रदेश के इन जिलों में धान की फसल सहित अन्य खरीफ फसलें चौपट हो चुकी है। चौपट फसल में नुकसान के आकलन का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दे चुके हैं। साथ ही प्रभावित किसानों को राहत दिलाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य पोषित प्रमाणित बीजों के वितरण पर अनुदान की योजना के तहत किसानों को निशुल्क बीजों की मिनी किट वितरित किए जाएंगे। निशुल्क बीज मिनी किट का वितरण 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों को और शेष 75 प्रतिशत अन्य जाति के किसानों को किया जाएगा। साथ ही 30 प्रतिशत महिला किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने का भी प्रयास किया जाएगा। योजना में किसी प्रकार के संशोधन और आवश्यकता पड़ने पर अन्य किस्मों के बीज योजना में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। 

निशुल्क बीज वितरण के लिए 867 लाख रुपए का बजट स्वीकृत 

कमजोर मानसून एवं सूखा से प्रभावित जिलों के किसानों को राहत देने के लिए योगी सरकार ने राज्य पोषित प्रमाणित बीजों के वितरण पर अनुदान योजना के लिए बजट का पिटारा खोल दिया है। कैबिनेट ने अल्पकालीन व सामान्य सरसों सहित रागी के बीजों के मिनीकिट निशुल्क बांटने का निर्णय की पूर्ति के लिए 867 लाख रुपये के बजट की व्यवस्था की है। योजना के तहत तोरिया के निशुल्क बीज वितरण के लिए 457.60 लाख रुपये पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं। जल्द ही किसानों को अल्पकालीन सरसों, सामान्य सरसों और रागी के बीज निशुल्क दी जाएंगे।

पहले आओ, पहले पाओ के आधार दिया जाएगा किसानों को लाभ

इस वर्ष खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले रिकॉर्ड कम हुई है। यह पूरे कृषि क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है। इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले खाद की कोई बड़ी किल्लत नहीं है। लेकिन पानी की किल्लत ने किसानों की नींद उड़ा दी है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार खरीफ फसल के उत्पादन में भारी असर देखने को मिलेगा। योगी सरकार ने कमजोर मानसून को मद्देनजर रखते हुए सरसों और रागी के बीज की मुफ्त किट बांटने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जिसके चलते अब राज्य में मुफ्त में सरसों व रागी के बीज आवंटित किए जाएंगे। इस योजना का लाभ किसानों को ’प्रथम आवक-प्रथम पावक’ यानी पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि योजना से लगभग 1,80,000 मीट्रिक टन अल्पकालीन, सामान्य सरसों और 6,000 मीट्रिक टन रागी का उत्पादन होगा। लाभार्थी किसानों को औसतन 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का लाभ मिलेगा। राज्य में खरीफ फसलों की कटाई भी नवंबर में शुरू हो जाएगी। और रबी सीजन की शुरुआत भी हो जाएगी। ऐसे में अब कुछ ही समय शेष है। सरकार मुफ्त में सरसों व रागी के बीज को वितरण इसलिए कर रही है क्योंकि सरसों व रागी अल्पकालिन फसलें हैं। मौसम के कारण हुए नुकसान की भरपाई किसान इन फसलों के माध्यम से कर पाएंगे। सूखे की मार झेल रहे किसानों के पक्ष में एक अहम कदम उठाया गया है।

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