Agricultural Equipment Subsidy Scheme 2024 : केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा खेती से संबंधित विभिन्न कृषि कार्यों में कृषि मशीनरी व यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए अलग-अलग राज्य योजनाओं के तहत सरकार द्वारा अपने किसानों को नए कृषि यंत्रों एवं मशीनरी तथा सहायक उपकरणों की खरीद पर अनुदान दिया जाता है। ऐसे में राज्य कृषि विभाग द्वारा राज्य में कृषि यंत्र अनुदान योजना 2024 (Agricultural Equipment Subsidy Scheme 2024) के तहत विभिन्न योजनाएं लागू कर आवेदन मांगे गए हैं। इन योजनाओं के तहत इस वर्ष किसानों को विभिन्न कृषि यंत्रों की लागत खरीद पर अनुदान राशि दी जा रही है। हालांकि, किसानों को योजना के तहत इन अनुमोदित कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ मिलने में काफी लंबा वक्त लगता है यहां तक कई बार किसानों को विभाग में धक्के खाने भी पड़ जाते हैं। लेकिन अब राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिडी का भुगतान अब आवेदन के 85 दिन में करने की समय सीमा का प्रावधान किया है यानी अब किसानों द्वारा आवेदन देने और यंत्रों की खरीद के 85 दिनों के अंदर अनुदान राशि का भुगतना मिल सकेगा। इससे कृषि विभाग की योजनाओं में पारदर्शिता आने के साथ ही काम में लापरवाह करने वाले अधिकारियों पर लगाम लग सकेगी।
राज्य कृषि विभाग द्वारा इस साल किसानों की सुविधा के लिए कृषि यंत्र अनुदान योजना 2024 लागू की गई है। इस योजना के तहत अगर कृषक अधिकृत विक्रेता से खेती से संबंधित लक्षित यंत्रों की खरीद करता है, तो उन्हें राज्य सरकार की ओर से यंत्र की कुल लागत मूल्य पर 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा। विभागीय जानकारी के अनुसार, कृषि विभाग की ओर से अनुमोदित कृषि यंत्रों पर दी जाने वाली अनुदान राशि का भुगतान अब आवेदन के 85 दिन में मिल सकेगा। कृषि विभाग द्वारा इसके लिए किसान अधिकार पत्र लागू किया गया है। इसे विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद इस सत्र की फाइलों पर लागू किया जाएगा। संबंधित कार्मिक/कर्मचारियों को निर्धारित टाइम लाइन के अनुसार किसानों को फाइलों का निस्तारण करना अनिवार्य होगा।
कृषि विभाग के कार्मिकों ने बताया कि कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान के लिए आवेदकों को बेवजह विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे। संबंधित कर्मचारियों की लेटलतीफी, जरूरी दस्तावेज की पूर्ति नहीं होने से लाभार्थी को योजनाओं का लाभ मिलने में विलंब होता था। किसानों को साहूकार से कर्ज लेकर यंत्रों की खरीदारी करनी पड़ती थी। साथ ही अनुदान में देरी होने पर साहूकार को ब्याज भी चुकाना पड़ता था। विभाग ने अनुदान राशि में भुगतान में देरी से संबंधित मिल रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए किसान अधिकार पत्र लागू किया है। कार्मिकों के अनुसार, कृषि विभाग नए सत्र से राज किसान पोर्टल पर आवेदन के 85 दिन की समयावधि में अनुदान जारी किया जाएगा। आवेदन के 7 दिन में दस्तावेज की जांच, इसके बाद 8 दिन में प्रशासनिक स्वीकृति जारी करनी होगी। 45 दिन में किसान को यंत्र खरीदकर कृषि पर्यवेक्षक को रिपोर्ट करनी होगी। 15 दिन में कृषि पर्यवेक्षक को पोस्ट वैरिफिकेशन करना होगा। इसके पश्चात बजट होने पर 10 दिन में अनुदान राशि का भुगतान लाभार्थी किसान के बैंक खाते में कर दिया जाएगा।
कृषि विभाग के अनुसार इसके अलावा किसानों को सिंचाई पाइपलाइन, कृषि यंत्र, फार्म पौंड, बीज, मिनी किट, जिप्सम, पौध संरक्षण उपकरण, पॉली हाउस, ग्रीन हाउस आदि पर अनुदान दिया जाता है। अनुदान का भुगतान संबंधित किसान के बैंक खाते में भेज दिया जाता है। राज्य कृषि विभाग राजस्थान कृषि यंत्र अनुदान योजना 2024 (State Agricultural Machinery Subsidy Scheme) में अनुमोदित सीड ड्रिल/सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, डिस्क प्लाऊ/डिस्क हैरो, रोटोवेटर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, रिज फरो प्लांटर/मल्टी क्रॉप प्लांटर/ट्रेक्टर ऑपरेटेड रिपर, चिजल प्लाऊ आदि कृषि यंत्रों को क्रय करने पर अनुदान का लाभ दे रहा है। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमांत और महिला किसान को 50 प्रतिशत तथा अन्य सभी श्रेणी के किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान लाभ यंत्रों की खरीद पर दिया जाएगा।
कृषि विभाग ने बताया कि राजस्थान सरकार किसान परिवार और उनके बच्चों के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें उन्हें सरकार द्वारा सहायता राशि प्रदान की जाती है। इन योजनाओं में छात्रा प्रोत्साहन योजना भी शामिल है। इस योजना के तहत राज्य सरकार कृषि विषय की पढ़ाई करने के लिए छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन भी देती है। राज्य सरकार द्वारा इस प्रोत्साहन योजना में छात्राओं को प्रतिवर्ष 40,000 हजार रुपए सहायता राशि छात्रवृत्ति के तौर पर दी जाती है। इसमें 11वीं व 12वीं कक्षा में कृषि विषय में अध्ययनरत छात्राओं को 15 हजार रुपए प्रतिवर्ष की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जबकि ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन जैसे उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी, खाद्य प्रसंस्करण व श्री कर्ण नरेन्द्र व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय, जोबनेर में अध्ययनरत छात्राओं को 25 हजार रूपए प्रतिवर्ष की दर से 4/5 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए दिया जाता है। इसके अलावा, कृषि विषय में पीएचडी में अध्ययनरत छात्राओं को 40 हजार रुपए की राशि सहायतानुदान के रूप में दी जाती है।
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