प्राकतिक खेती : कृषि में जोखिमों को कम करने और खेती को रसायन मुक्त बनाने के लिए सरकार आए दिन विभिन्न प्रकार की नई योजनाएं लागू करती रहती है। इनमें किसानों को जहर मुक्त खेती करने के लिए आर्थिक मदद का लाभ दिया जा रहा है। इसी बीच राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती योजना को लागू किया गया है। जिसमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, मृदा स्वास्थ्य को गिरावट से बचाने और खेती को जहर मुक्त बनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए प्रदेश में 20,000 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा है। जिसमें 16,000 एकड़ भूमि में कृषि और 4,000 एकड़ भूमि में बागवानी कराने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकार किसानों की आर्थिक सहायता करेगी। इसके लिए सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल “समर्पित प्राकृतिक खेती” की शुरुआत की है। इस पोर्टल पर अभी तक कुल 9169 किसानों ने पंजीकरण करते हुए प्राकृतिक खेती को अपनाने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। आइये, इस पोस्ट की सहायता से इस पूरी खबर के बारे में जानें।
देशी गाय की खरीद पर मिलेगी सब्सिडी
दरअसल, राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को देसी गाय की खरीद पर अधिकतम 25 हजार रुपए सब्सिडी देने की घोषणा की है। लेकिन किसान के पास कम से कम 2-5 एकड़ भूमि होनी चाहिए। इस योजना के अतंर्गत लाभ लेने वाले किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रम खरीदने पर 3 हजार रुपए और देशी गाय की खरीद पर 25000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। प्रदेश में कृषि विभाग अभियान चलाकर किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए जागरूक कर रहा है। साथ ही एनएफटीआई, गुरुकुल कुरूक्षेत्र प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए पहले से प्रशिक्षण भी दे रहा है। जिससे वे कुशलता से प्राकृतिक खेती कर सकें।
किसानों के लिए आवंटित किए 29.16 करोड़ रुपए
राज्य सरकार ने इस योजना के अतंर्गत 29.16 करोड़ रुपए किसानों के लिए आवंटित किए है। जिसमें राज्य के 12 जिलों अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरूक्षेत्र, कैथल, पानीपत, जींद, सोनीपत, फतेहाबाद, सिरसा, हिसार और रोहतक में धान की सीधी बिजाई को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शन प्लांट लगाने वाले सत्यापित किसानों को 4,000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत अब राज्य सरकार किसानों को चार हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। प्रदेश में वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 72900 एकड़ का भौतिक सत्यापन किया गया। वहीं, राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए 2 लाख एकड़ पर प्राकृतिक खेती के उत्पादन के लिए 1लक्ष्य रखा है।
प्राकृतिक खेती में नुकसान होने पर सरकार देगी मुआवजा
हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिए तीन साल की उत्पादन आधारित योजना तैयार की है। इस योजना के तहत हरियाणा सरकार कई तरह की सहायता किसानों को मुहैया कराने जा रही है। अगर इसके तहत प्राकृतिक खेती को करने वाले किसानों को खेती में किसी कारण नुकसान होता है, तो सरकार इसकी भरपाई के लिए किसानों को मुआवजा देगी। इस योजना के तहत प्रदेश में 100 क्लस्टर बनाए जाएंगे। प्रत्येक क्लस्टर के अंतर्गत 25 एकड़ भूमि को भी प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ने का काम सरकार करेगी। इसके अलावा, प्राकृतिक खेती से उत्पादित उत्पादों के सर्टिफिकेशन, पैकेजिंग और ब्रांडिग का काम भी राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। जिससे किसानों को खेती से ज्यादा मुनाफा मिल सकें।
प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दे रही सरकार
हरियाणा सरकार रसायनिक उत्पादों से लोगों को निजात दिलाने तथा भूमि के स्वास्थ्य में सुधार कर कम लागत में उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दे रही है। इसके लिए योजना के तहत स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने पर किसानों को आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है। बता दें कि खेती में आधुनिक विधि तथा रसायनिक खादों व कीटनाशकों के ज्यादा प्रयोग से अब खेत जहरीले हो गए और भूमि की उपजाऊ शक्ति भी कम हो गई है। ऐसे में इन सभी समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा इस योजना को विस्तृत कर भूमि की उपज शक्ति को बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।
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