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खुशखबरी : देसी गाय पालने पर किसानों को मिलेंगे 10,800 रुपए सालाना

खुशखबरी : देसी गाय पालने पर किसानों को मिलेंगे 10,800 रुपए सालाना
पोस्ट -31 अगस्त 2022 शेयर पोस्ट

सरकार ने शुरू की नई पहल, देसी गाय पालने पर दिया जाएगा अनुदान 

मध्यप्रदेश सरकार राज्य में किसानों की आय को दोगुनाकर उन्हें रोजगार के नये अवसर देने के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही हैं। राज्य में किसानों की आर्थिक मदद एवं रोजगार के नये अवसर को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने एक बार फिर अपने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल मध्यप्रदेश सरकार राज्य में कैमिकल मुक्त फसल उत्पादन, मृदा स्वास्थ्य तथा पर्यावरण-संरक्षण एवं प्रधानमंत्री मोदी की नेचुरल फार्मिंग वाली योजना को सफल बनाने के लिए एक नयी योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम “मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना” रखा गया है। किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा योजना के तहत देशी गाय पालने वाले किसान एवं दूसरे पशुपालकों को 10, 800 रुपए सालाना सब्सिडी दी जाएगी। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस नई पहल के तहत राज्य में प्रथम चरण में सभी जिलों के 100-100 ग्रामों का चयन किया जायेगा। प्रत्येक ग्राम में 5 कृषक चयनित कर उन्हें गौ-पालन के लिये अनुदान भी दिया जायेगा। साथ ही स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने पर उन्हें प्राकृतिक खेती करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। तो आइए ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने शुरू प्राकृतिक कृषि विकास योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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26,000 पशुपालक को गौ-पालन पर अनुदान दिया जाएगा

मध्य प्रदेश में भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक कृषि विकास योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत गाय पालने वाले किसानों और पशुपालकों को प्राकृतिक खेती लिए सालाना 10800 रुपये का अनुदान दिया जायेगा। मध्य प्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी, प्रत्येक जिले से 100-100 गांवों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। हर गांव के 5 लाभार्थी किसानों को गौ आधारित खेती करने की ट्रेनिंग देकर मास्टर ट्रेनर की उपाधि दी जाएगी। मध्य प्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना के तहत राज्य के 52 जिलों के कुल 5200 गांवों में से कुल 26,000 किसानों को शामिल किया जायेगा। 

28 करोड़ 08 लाख रुपये खर्च करने की मंजूरी 

मध्य प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक कृषि विकास योजना के तहत अप्रैल माह में ही गाय पालन के लिये अनुदान और किसानों और पशुपालकों को प्राकृतिक खेती करने के लिए सब्सिडी देने का निर्णय लिया था। सरकार की ओर से देसी गौ-पालन करने वालों पशुपालकों को 900 रूपये प्रतिमाह की मदद देने का फैसला लिया गया था। इसकी पहली किस्त देने के लिए सरकार ने पैसा मंजूर कर दिया है। शिवराज सिंह सरकार ने प्रथम चरण में 26,000 हजार पशुपालकों के लिए 900 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 1 वर्ष के लिए 28 करोड़ 08 लाख रुपये खर्च करने की मंजूरी दी है। नेचुरल फार्मिंग को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह का निर्णय लेने वाली मध्य प्रदेश पहली सरकार है। अब उम्मीद है कि बीजेपी शासित दूसरे सूबे भी इस तरह का कदम उठा सकते हैं। पीएम किसान योजना के तहत किसानों को सालाना 6000 रुपये मिलते हैं जबकि अब गाय पालने के लिए पशुपालकों को सालाना 10800 रुपये मिलेंगे। 

मास्टर ट्रेनर को मानदेय 1 हजार रूपये मिलेगा प्रतिमाह

मध्य प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक कृषि विकास योजना के तहत हर जिले से 100-100 गांव और हर गांव से 5 -5 किसानों को प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग देकर मास्टर ट्रेनर की उपाधि दी जायेगी, जिसके बाद ये मास्टर ट्रेनर किसान अपने-अपने इलाकों में गाय पालन वाले किसानों को प्राकृतिक खेती के गुर सिखा पायेंगे। प्राकृतिक खेती सिखाने के लिये मास्टर ट्रेनर किसानों को मानदेय 1000 रुपये प्रति माह दिया जाएंगा, तो वहीं गाय पालने वाले किसान और पशुपालकों को प्राकृतिक खेती के लिये 900 रुपये प्रति माह की दर से अनुदान भी दिया जायेगा। 

इस तरह किया जाएंगा किसानों का चयन

  • किसान-कल्याण तथा कृषि विकास अजित केसरी ने बताया है कि अब राज्य के किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिये पोर्टल और मोबाइल भी तैयार किया जा रहा है। तैयार पोर्टल/ मोबाईल एप के जरिये विभागीय अमले के मार्गदर्शन में प्राकृतिक कृषि करने के इच्छुक किसानों का पंजीयन किया जायेगा। 

  • पंजीकृत किसानों में से प्रत्येक विकास खण्ड में 5 प्रगतिशील कृषकों को टेनिंग देकर मास्टर ट्रेनर के रूप में चयनित किया जाएगा, जो प्राकृतिक प्रेरक कहलायेंगे। प्राकृतिक प्रेरक द्वारा पोर्टल/ मोबाईल एप पर पंजीकृत कृषि करने के इच्छुक सभी कृषकों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षण देगे। 

  • योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर ‘आत्मा’ के परियोजना संचालक द्वारा किया जायेगा। चयनित हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन गवर्निंग बॉडी द्वारा किया जायेगा। मॉनिटरिंग का कार्य “मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड” में गठित राज्य एवं जिला स्तर की समितियां करेंगी।

  • किसानों को प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग के लिए प्रति किसान 400 रुपए का खर्चा आ रहा है, जिसका पूरा भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। साथ में किसानों को खेती के लिए प्राकृतिक खेती किट खरीदने के लिए 75 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जाएगी। राज्य सरकार का कहना है कि आने वाले समय में प्राकृतिक खेती ही भविष्य है।

प्राकृतिक खेती को समझने लगे हैं किसान

प्राकृतिक खेती को किसान समझने लगे हैं। एक समय था जब 1960 के दशक में देश में खाद्यान्नों की कमी हो गई थी। इसी कमी को पूरा करने के हरित क्रांति को शुरू किया गया है। आधुनिक विधि एवं रासायनिक खादों व कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से खेती में अधिक पैदावार तो हुई, लेकिन रासायनिक खादों के अधिक प्रयोग से अब खेत भी जहरीले हो गए और खेतों की उपजाऊ शक्ति भी कम हो गई है। इन सभी समस्याओं से निजात पाने व भूमि की ऊपज शक्ति को बढ़ाने एवं कम लागत पर आधिक पैदावार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राकृतिक खेती की ओर रूख करने की अपील कर रहे है। देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जोर दिया जा रहा हैं। केमिकल मुक्त खेती के लिए लंबे समय से की जा रही प्रधानमंत्री मोदी की अपील रंग लाने लगी है। इस समय देश में ऑर्गेनिक फार्मिंग से 44 लाख से अधिक किसान जुड़ चुके हैं, जबकि 2003-04 में भारत में महज 76 हजार हेक्टेयर में ही ऐसी खेती हो रही थी। नेचुरल फार्मिंग के तहत अब तक 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया जा चुका है।

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