वर्तमान समय में केंद्र सरकार और राज्य सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई अहम निर्णय ले रही है। ऐसे में किसानों को खेती के लिए आर्थिक समस्या न हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने एक नई घोषणा की है। जिसमें केंद्र सरकार ने पीएम किसान योजना के 14 करोंड़ लाभार्थी किसानों को दोगुनी सब्सिडी देने के साथ-साथ 1.60 लाख रुपए तक का कृषि ऋण बिना कोई गारंटी के किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को देने का निर्णय लिया है। यानी पीएम किसान योजना के तहत 14 करोड़ किसान अब 1.60 लाख रुपए का लोन किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card Scheme) के तहत बिना कोई गारंटी उठा सकते है। इसके लिए किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड होना जरूरी हैं। यदि आपके पास केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड)है और आपने पहले कभी भी कृषि कार्य के लिए कृषि लोन नहीं लिया हैं,तो आप अपने नजदीकी बैंक जाकर कुछ अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति करके कृषि लोन ले सकते हैं। यदि आप इससे अधिक का लोन उठा रहे है, तो ही बैंक को कोई गारंटी देनी पड़ती है। केन्द्र सरकार द्वारा साल 2022 के अंत तक देश के सभी किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हो इसका लक्ष्य निर्धारित किया गया है। देश के ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ मिले इसके लिए मोदी सरकार विशेष अभियान भी चला रही है। यदि आपके पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं है, और आप पीएम किसान योजना के लाभार्थी है, तो आप इससे आसानी से बनावा सकते है। हम ट्रैक्टगुरु के इस लेख में किसान क्रेडिट कार्ड बनावाने के लिए कुछ अहम जानकारी अपके लिए लेकर आए है। इस जानकारी से आप आसानी से योजना में आवेदन कर अपना केसीसी बनावा सकते है।
बता दें कि किसानों को कृषि कार्य के लिए इस कार्ड पर 3 लाख रुपए तक का कृषि लोन महज 4 फीसदी ब्याज दर दिया जाता है। हालांकि, इस कृषि ऋण का लाभ उठाने के लिए आपके पास केसीसी कार्ड का होना अनिवार्य है। बिना किसी गड़बड़ी के किसान इस योजना का लाभ उठा सके। इसके लिए केंद्र सरकार समय-समय पर केसीसी प्रोसेस में बदलाव करती रहती हैं। सरकारी सुचना के अनुसार हाल ही में किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card Scheme) में कुछ संशोधन भी किए है। जिसके तहत पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम और फसल बीमा जैसी योजना को इससे जोड़ा गया हैं। केंद्र सरकार द्वारा इस नये संशोधन के अनुसार पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी किसान क्रेडिट कार्ड पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। साथ बिना कोई गारंटी के बैंक में 1.6 लाख रुपये तक के लोन उठाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं और लोन उठा सकते हैं।
बताया जा रहा है सरकार की इस नई घोषणा के अनुसार किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को बिना किसी परेशानी के वित्तीय सहायता उपलब्ध हो, इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना को संचालित किया जा रहा हैं। सरकार द्वारा इस योजना में पिछले दो साल में लगभग 2.92 करोड़ किसानों को शामिल किया गया है और उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गए। केंद्र सरकार अपनी इस योजना के तहत मछुआरों सहित सभी कार्ड धारकों को आरबीआई द्वारा लघु अवधि के लिए बिना कोई गारंटी के 1.60 लाख रुपए का ऋण उपलब्ध करवा रही है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में इसमें संशोधन कर इस लोन राशि में बढ़ोत्तरी की गई है। बता दें कि केसीसी लोन की यह सुविधा पहले सिर्फ कृषि क्षेत्र के लिए थी और ब्याज मुक्त सीमा सिर्फ 1 लाख रुपये थी। नई घोषणा के अनुसार सरकार द्वारा पहले इसे किसानों के लिए बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये किया गया। बाद में इसे पशुपालकों और मछुआरों के लिए भी लागू किया गया। केंद्र सरकार का मानना है सरकार के इस प्रयास से पशुओं, पक्षियों, मछली, झींगा, जलीय जीवों को पालने और मछली पकड़ने जैसे काम करने वाले किसानों के लिए लघु अवधि लोन की जरूरतों को पूरा करेगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने नई घोषणा करते हुए बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के प्रोसेस में बदलाव किए गए हैं। केसीसी जारी करने की प्रक्रिया को भी सरल किया गया है। नई घोषणा के अनुसार अब देश में जितने भी पीएम किसान योजना के लाभार्थी किसान हैं वह सभी अपना किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए योजना में ऑनलाइन आवेदन दे सकते है। पीएम किसान पोर्टल से आवेदन फॉर्म डाउनलोड़ करके केसीसी के लिए पूरी जानकारी के साथ भरा हुआ आवेदन, पहचान पत्र-जैसे वोटर आईडी, आधार और पैन कार्ड, ऐफिडेविट, पासपोर्ट साइज फोटो के साथ केसीसी आवेदन पत्र को बैंक की शाखा में जमा करें। केसीसी पूर्ण आवेदन प्राप्त होने के 14 दिनों के भीतर जारी किया जाना है। केंद्र सरकार के द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है, किसान इसके लिए ऑनलाइन आवेदन नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से कर सकते हैं। बता दें कि किसान खुद से इस योजना में ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा सरकार किसानों की परेशानी को समझते हुए केसीसी आवेदन के लिए एक पेज का बहुत ही सरल फॉर्म भी तैयार किया है। जिसे बैंकों के साथ साझा भी किया गया है। वहीं, तीन लाख रूपये तक के लोन के लिए प्रसंस्करण शुल्क, निरीक्षण, बही फॉलियो शुल्क, सेवा शुल्क सहित सभी शुल्क माफ कर दिए गए।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना को शुरू किया गया था। इस योजना को लोन के रूप में अल्पकालिक (थोड़े समय के लिए) औपचारिक क्रेडिट देने के लिए नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) की ओर से चलाया जा रहा है। इस तरह के लोन की आसान पहुंच और कम ब्याज दर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कृषि, मछली पालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में किसानों की क्रेडिट जरूरतों को बिना किसी गड़बड़ी के पूरा किया जा सके। क्रेडिट कार्ड में माध्यम से किसानों को विभिन्न कृषि कार्यों के लिए कर्ज फार्म ऑपरेटिंग लोन, फार्म ओनरशिप लोन और एग्री बिजनेस लोन दिया जाता है। इसके अलावा इस कार्ड पर डेयरी प्लस लोन ब्रॉइलर प्लस स्कीम, मछलीपालन लोन, हॉर्टिकल्चर लोन, फार्म स्टोरेज फेसिललिटीस और वेयरहाउसिंग लोन, माइनर इरिगेशन स्कीम और लैंड पर्चेज स्कीम आदि कार्यों के लिए लोन बेहद आसान ब्याज दर पर दिया जाता है।
क्रेडिट कार्ड पांच सालों के लिए वैध होता है। किसान क्रेडिट कार्ड धारक इस कार्ड की सहायता से बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉपरपोरेशन ऑफ इंडिया और भी कई अन्य बैंक से बेहद सस्ती ब्याज दरों पर कृषि लोन प्राप्त कर सकते हैं।
Ans. किसानों को साहुकारों के चुंगल से मुक्ति दिलाने और खेती के कामकाजों के लिए सस्ती दर पर लोन मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना का आरंभ किया हैं।
Ans. किसान क्रेडिट कार्ड पर 3 लाख रुपए तक का कृषि लोन महज 4 फीसदी ब्याज दर पर लिया जा सकता है। साथ ही किसान अपनी फसल का बीमा भी करा पाएंगे।
Ans. किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए पूरी जानकारी के साथ भरा हुआ आवेदन फॉर्म, पहचान पत्र-जैसे वोटर आईडी, आधार और पैन कार्ड, एफीडेविड, पासपोर्ट साइज फोटो आदि बैंक की शाखा में जमा करना होगा।
Ans. किसानों को एक एकड़ जमीन पर क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सरकार 50,000 से लेकर 3,00,000 तक का लोन उपलब्ध करती है। यानि एक एकड़ जमीन पर 30000 और 10 बीघे जमीन पर 3 लाख लोन मिल सकता हैं।
Ans. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि खेती-किसानी, पशुपालन और मछलीपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति केसीसी का फायदा ले सकता है। वहीं, सामूहिक खेती, पट्टेदार, बटाईदार और स्वयं सहायता समूह भी लाभ ले सकते हैं।
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