Harvester Subsidy Scheme 2023 : भारत एक कृषि प्रदान देश है। यहां की जनसंख्या का एक बड़ा भाग खेती-किसानी से जुड़ा हुआ है। बदलते समय के साथ किसान भाईयों ने खेती और खेती तकनीक में बदलाव किया है। आज किसान आधुनिक तकनीकों एवं कृषि यंत्रों के प्रयोग से खेती से जुड़े तमाम कृषि कार्यों को समय रहते बिना किसी परेशानी के सरलता से पूरा कर पा रहे हैं। खेती में फसलों की बुवाई से लेकर फसलों की कटाई और गहाई तक के कार्य को कृषि मशीने समय पर बिना किसी परेशानी के पूरा करके देती है। ऐसे में फसलों की कटाई और गहाई में प्रयोग होने वाली सबसे महत्वपूर्ण मशीन कबांइन हार्वेस्टर (combine harvester) का नाम काफी चर्चित है।
फसल कटाई और गहाई की ये कंबाइन मशीन लगभग हर प्रकार की अनाज फसलों को निकालने के कार्य को बिना किसी परेशानी के पूरा करके देती है। लेकिन यह मशीन बाजार में काफी महंगी होती है, जिसकी वजह से किसानों को इसे खरीदने के लिए कई तरह की वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सरकार खेती में इसकी बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए हार्वेस्टर सब्सिडी योजना (Harvester Subsidy Scheme) के तहत हार्वेस्टर मशीन (harvester machine) पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी किसानों को मुहैया करवा रही है। बता दें कि सरकार सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना के तहत छोटे से बड़े कृषि यंत्रों पर व्यक्तिगत एवं कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि यंत्र बैंक और हाई टेक हब की स्थापना के लिए बेहतर सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध करवा रही है।
देशभर में किसानों द्वारा रबी सीजन में गेहूं और खरीफ सीजन में धान जैसी पारंपरिक फसल की खेती बड़े और व्यापक भू-भाग पर की जाती है। इन फसलों से समय पर बिना किसी नुकसान के कटाई और गहाई के कार्य में कंबाइन हार्वेस्टर मशीन का प्रयोग किया जाता है। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन खेती में लगने वाली किसानों की लागत को कम कर उत्पादन बढ़ाने में काफी हद तक मददगार साबित हो रही है। इस हार्वेस्टर मशीन से धान-गेहूं की फसलों की कटाई से लेकर उनकी गहाई और स्टॉक तक के चुनौती पूर्ण कार्य को बिना किसी परेशानी के कम समय, लागत और श्रम में पूरा कर लिया जाता है। ये हार्वेस्टर मशीन मल्टी-क्रॉप होती है किसानों द्वारा बड़े स्तर पर गेहूं, चावल, मक्का और सोयाबीन, सरसों जैसे फसलों की कटाई और सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बहुमुखी मशीन कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत फीचर्स और स्पेसिफिकेशन के अनुसार लगभग 10 लाख से 50 लाख रुपए (एक्स-शेरुम) के आस-पास होती है।
जैसे कि आप जानते हैं कि धान और गेहूं, सरसों, मक्का और सोयाबीन की कटाई और सफाई की हार्वेस्टर मशीन बाजार में बेहद महंगी आती है, जो हर एक किसान के खरीदने की बस की बात नहीं होती है। ऐसे में भारत सरकार सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन के विभिन्न घटकों के तहत सब्सिडी योजना चलाकर मशीन खरीदने के लिए सब्सिडी देती है। देशभर के सभी राज्यों की सरकारें इसमें अपने स्तर पर अलग-अलग योजना लागू कर अपने तय प्रावधानों के तहत किसान वर्ग को सब्सिडी का लाभ देती है। इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसान वर्ग लिए अधिकतम 50 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के किसानों के लिए 30 प्रतिशत या अधिकतम 40 प्रतिशत तक सब्सिडी राशि दी जाती है। इसके अलावा, कई राज्यों में तो मशीन के लिए 50 प्रतिशत तक की राशि बैंक से लोन के तौर पर भी उपलब्ध करवाई जाती है।
हार्वेस्टर मशीन पर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसान या किसान उत्पादन संगठन को कुछ निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी। जिनमें आवेदन किसान का आधार कार्ड, छह माह पुरानी जमाबंदी की नकल या जमीन के कागजात, जाति प्रमाण पत्र (एससी/एसटी वर्ग के आवेदकों के लिए), किसान समूह, संस्था, संगठन और समिति का पंजीयन प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, मोबाइल नंबर आधार से लिंक और पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेज योजना के लिए निर्धारित किए गए हैं। बता दें कि अलग-अलग राज्यों में सरकारें अपने स्तर पर योजना के लिए दस्तावेज निर्धारित कर सकती है। इनकी जानकारी आप अपने राज्य और जिला के संबंधित विभाग से प्राप्त कर सकते हैं।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y