एग्रो बिहार कृषि यांत्रिकीकरण मेला 2023 : किसानों को नई कृषि अवधारणाओं एवं कृषि में नवीनतम उत्पादों और कृषि में एग्री स्टार्टअप नीति से अवगत कराने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें समय-समय पर कृषि प्रदर्शनी व किसान मेले का आयोजन करती रहती है। इस क्रम में हाल ही में बिहार सरकार कृषि विभाग, बिहार एवं सी.आई.आई. के सहयोग से गांधी मैदान, पटना में आयोजित राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला-सह-प्रदर्शनी एग्रो बिहार मेले का समापन हुआ है। गांधी मैदान, पटना में आयोजित इस इस चार दिवसीय एग्रो बिहार मेले में इस साल किसानों ने जमकर कृषि यंत्रों की खरीदारी की और बिहार सरकार की यांत्रिकीकरण योजना का लाभ उठाया। आयोजित मेले के आखिरी दिन बिहार कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा इस एग्रो मेले का आयोजन साल 2011 से प्रतिवर्ष पटना के गांधी मैदान में किया जाता है। इस मेले का आयोजन करने का उद्देश्य कृषि समुदाय के लिए एक मंच बनाना है, जहां किसानों को देश के सभी हिस्सों के कृषि-पेशेवर, नीति-निर्माता, समान विचार धारा वाले व्यक्ति, सरकारी अधिकारी और मीडिया से जोड़ा जा सके। खास बात यह है कि इस मेले में एक ही मंच पर आधुनिक कृषि यंत्रों के निर्माता, विक्रेता एवं किसान का सीधा संवाद होता है तथा विभिन्न प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्र भी मेले में मौजूद रहते हैं। आईए, ट्रैक्टर गुरू के इस पोस्ट के माध्यम से इस मेले में हुई खरीदारी के बारे में जानते हैं।
पटना के गांधी मैदान में आयोजित एग्रो बिहार मेले के अंतिम दिन कृषि विभाग के सचिव डॉ.एन.सरवण. कुमार ने बताया कि इस बार मेले में किसानों ने भारी संख्या में सब्सिडी पर कृषि यंत्रों की खरीदारी की है। इस साल मेले में किसानों द्वारा 4 दिनों में करीब 11 करोड़ रुपए के कुल 665 कृषि यंत्रों की खरीदारी की गई, जिस पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कृषि यंत्रीकरण के तहत 481.73 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से राज्य में किसानों को 90 प्रकार के कृषि यंत्रों की खरीदारी पर 94.05 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया।
बिहार कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि मेले के अंतिम दिन इस बार मेले में राज्य के विभिन्न जिलों से आए किसानों द्वारा सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, रीपर-कम-बाइंडर, स्ट्रॉ रीपर, राइस मिल, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, सीड-कम-फटिलाइजर ड्रील और थ्रेसर सहित 187.77 लाख रुपए के 114 कृषि यंत्रों की जमकर खरीदारी की गई है, जिस पर राज्य सरकार द्वारा 76,18,600 रुपए राशि का अनुदान भी दिया गया है।
कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि राज्य के किसान मृदा एवं पर्यावरण सुरक्षा को लेकर जागरूक हैं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में बिहार में फसल अवशेष जलने की घटनाओं में कमी होगी। कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि इसका पूरा श्रेय बिहार सरकार को जाता है। क्योंकि बिहार सरकार विभिन्न योजना के अंतर्गत इन फसल अवशेष कृषि यंत्रों पर किसानों को समय-समय पर भारी सब्सिडी उपलब्ध करवाती रहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बजाय उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में इस्तेमाल करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों जैसे 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, बिना रैक का स्ट्रॉ बेलर, स्ट्रॉ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर, स्लैसर एवं स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। जिसमें सामान्य वर्ग के किसानों इस यंत्रों पर 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों को 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। वहीं, स्वचालित/ट्रैक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है।
उन्होंने कहा कि पटना के गांधी मैदान में 4 दिनों तक चले राज्यस्तर के इस कृषि यंत्र प्रदर्शनी-सह-किसान मेले में राज्य के लगभग 30 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक पहुंचे। इन 4 दिनों में इस प्रदर्शनी-सह-मेला में आत्मा योजना के माध्यम से सभी 38 जिलों से 17,630 किसानों को भ्रमण कराया गया। मेले के अंतिम दिन पटना, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, मधेपुरा तथा सुपौल जिलों के किसानों को भ्रमण पर लाया गया। इस मेला-सह-प्रदर्शनी मेले में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों द्वारा अपने कृषि यंत्र का प्रदर्शन किया गया। वहीं, एग्रो मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों की भी बिक्री तथा प्रदर्शनी की गई। उन्होंने कहा कि एग्रो बिहार मेला 2023 में 341 किसानों को चलन्त मिट्टी जांच प्रयोगशाला का निरीक्षण एवं मिट्टी परीक्षण योजना से संबंधित पुस्तिका वितरित की गई। साथ ही, किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के संबंध में जानकारी दी गई।
कृषि विभाग के सचिव ने आगे कहा कि इस मेले के मेला परिसर में किसानों के लिए संचालित किसान पाठशाला में प्रतिभागी किसानों को विभागीय पदाधिकारियों तथा कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही, कृषि विश्वविद्यालयों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पटना के वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में फसल उत्पादन के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
इसके अतिरिकत मेले के अंतिम दिन इस मेले में सचिव-सह-कृषि निदेशक विजय कुमार के अलावा, अपर निदेशक धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक, निदेशक भूमि संरक्षण बैंकटेश नारायण सिंह, संयुक्त निदेशक, कृषि अभियंत्रण जय प्रकाश नारायण, निदेशक, बामेती आभान्शु सी जैन सहित कृषि विभाग और सीआईआई के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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