झारखंड में इस साल समान्य से भी कम बारिश हुई। झारखंड में कम बारिश के कारण खरीफ फसलों को काफी नुकसान हुआ था। इसे देखते हुए राज्य सरकार किसानों को फसल राहत योजना की सुविधा भी दी। इस दौरान झारखंड कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्य के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की गई थी। इस बैठक में राज्य कृषि मंत्री बादल पत्रलेख द्वारा फैसला लेते हुए राज्य के सभी जिलों के अधिकारियों, जिलों के उपायुक्तों, कृषि पदाधिकारियों और सहकारी पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद किसानों ने बिचड़ा तैयार किया था वो भी सूख रहे हैं इससे किसानों को नुकसान हुआ है। सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है वो वैकल्पिक फसल योजना तैयार रखें। इसी बीच झारखंड के किसानों को बड़ी राहत मिली है। राज्य के 23 वें स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कांके स्थित आवासीय कार्यालय में झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक हुई। इस बैठक में अहम फैसला लिया गया है, जिसके तहत 22 जिलों के 226 प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। सूखाग्रस्त घोषित 226 प्रखंडों में करीब 31 लाख किसान परिवारों को त्वरित लाभ देने के उद्देश्य से प्रति किसान परिवार को तत्काल सूखा राहत के तहत 3500 रुपये की राशि दी जाएगी। किसानों को दी जाने वाली राहत में राज्य सरकार लगभग 1200 करोड़ रुपए का खर्च करने की योजना बना रही है। तो आइए ट्रैक्टर गुरू की इस पोस्ट के माध्यम से सरकार के इस फैसले से संबंधित सभी जानकारियों को जानते हैं।
झारखंड की स्थापना की 23वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में सूखा राहत को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है, राज्य में कई किसानों को इस फैसले से बड़ी राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ राज्य में सुखाड़ को लेकर कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर चर्चा की, इस चर्चा में अहम फैसला लेते हुए सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देने का फैसला लिया है। कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई सूखे की आकलन रिपोर्ट पर अधिकारियों से बैठक में यह फैसला लिया है। सरकार ने राज्य के चिन्हित सूखाग्रस्त 226 प्रखंडों में लगभग 31 लाख किसान परिवारों को सूखा राहत हेतु 3,500 रुपये की राशि तत्काल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की और कहा कि झारखंड खनिज संपदा के साथ वीरों की भूमि रही है अतः जनता के सहयोग से राज्य को अपने बलबूते सशक्त और मजबूत बनाएंगे। उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने इस बार किसानों को समय से पहले खाद ओर बीज भी उपलब्ध कराने का काम किया है। पहले तो किसानों को समय पर खाद और बीज नहीं मिलते थे।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि राज्य में सूखा राहत को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है। इस चर्चा में अहम फैसला लेते हुए सरकार ने कृषि विभाग के अधिकारियों को राज्य में सूखे के आकलन करने के निर्देश दिए। सरकार के निर्देश के बाद राज्य कृषि विभाग द्वारा सूखे का आकलन किया गया। कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई सूखे की आकलन रिपोर्ट पर सरकार ने यह यह फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के चिन्हित 22 जिलों (पूर्वी सिंहभूम एवं सिमडेगा छोड़कर) के 226 प्रखंडों के प्रभावित किसान परिवारों को बड़ी राहत दी है। सूखे की स्थिति को देखते हुए 22 जिलों के 226 प्रखंडों के प्रति किसान परिवार को तत्काल सूखा राहत हेतु 3500 रुपए राशि दी जाएगी ।
मुख्यमंत्री का कहना है कि कृषि विभाग द्वारा तैयार आकलन रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य में खरीफ सीजन 2022-23 के दौरान धान की बुआई 15 अगस्त तक होती है। हालांकि 31 जुलाई के बाद होने वाली धान की खेती में उत्पादन प्रभावित होता है। कम बारिश के कारण खरीफ फसलों को काफी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बताया कि सरकार ने 31 जुलाई तक 18 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई का लक्ष्य किया था। इस निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 2.84 लाख हेक्टेयर (15.78 प्रतिशत) में ही धान की बुआई हो पाई थी। हांलिक अगस्त तक यह आंकड़ बढ़ कर 30 प्रतिशत तक पहुंचा। पिछले 10 वर्षों के दौरान पहली बार ऐसा हुआ जब जून और जुलाई में किसी भी दिन 24 घंटे में 65 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश नहीं हुई। इससे खरीफ फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है और राज्य में खरीफ फसलों की बुवाई पर भी असर पड़ा। राज्य सूखे की चपेट में आया। 33 प्रतिशत तक फसलों का नुकसान वाले प्रखंडों के मॉडरेट और 50 फीसदी तक के नुकसान वाले प्रखंडों को गंभीर की श्रेणी में रखा गया।
मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने भाषण में कहा कि झारखंड खनिज संपदा के साथ वीरों की भूमि रही है। यहां हमारें पूर्वजों ने लोगों के अस्तित्व और सम्मान के लिए अनेक लड़ाइयां लड़ी हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार देने के लिए भी उनकी सरकार तेजी से काम कर रही है जिसके लिए राज्य सरकार योजना बना रही है। और सरकारी नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर राज्य सरकार गंभीर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य की बच्चियों के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना शुरू की है। इस योजना से राज्य की नौ लाख बच्चियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया। हमारी सरकार इस योजना के तहत बच्चियों को लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के तहत 18 वर्ष पूरा होने पर उन्हें एकमुश्त 40 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
राज्य के 23 वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने करोड़ों रुपये की कई योजनाओं का भी शिलान्यास एवं शुभारंभ किया। राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना था, लेकिन अंतिम समय में उनका कार्यक्रम रद्द हो गया। बाद में राज्यपाल रमेश बैस को मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन उनकी तबीयत ठीक न होने की जानकारी दी गयी। राज्य सरकार ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के मुखिया और मुख्यमंत्री के पिता शिबू सोरेन को कार्यक्रम का मुख्य अतिथि घोषित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में कृषि मंत्री बादल, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, प्रधान सचिव वित्त विभाग अजय कुमार सिंह, सचिव आपदा प्रबंधन विभाग अमिताभ कौशल, सचिव कृषि विभाग अबू बकर सिद्दीख, सचिव जल संसाधन विभाग प्रशांत कुमार, सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के रवि कुमार, कृषि निदेशक निशा उरांव, निदेशक समाज कल्याण विभाग छवि रंजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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