कृषि के क्षेत्र में विकास करना सरकार की मुख्य प्राथमिकता रही है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को शुरू किया है। इन योजनाओं के माध्यम से सरकारें अपने-अपने स्तर पर कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान दे रही है। केंद्र एवं राज्य सरकारें कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीक को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहन भी दे रही है। कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीक विकास से खेती बहुत आसान हो गई है। हाल के कुछ सालों में नई-नई तकनीक से खेती की जा रही है। ड्रोन एक ऐसी ही तकनीक है, जिसने कृषि के क्षेत्र को बढ़ावा दिया है। केंद्र सरकार आधुनिक तकनीक की नवीनतम खोज ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। खेती में ड्रोन इस्तेमाल के लिए सरकार किसानों को सब्सिडी पर ड्रोन दे रही है। ड्रोन खरीदने के लिए केंद्र सरकार 40 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक की बंपर सब्सिडी दे रही है। तो आइए ट्रैक्टरगुरु के इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि ड्रोन तकनीक पर सरकार कितनी प्रतिशत सब्सिडी किसी वर्ग के किसानों को दी जा रही हैं?
खेती में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार कृषि ड्रोन सब्सिडी योजना चला रही है। इस योजना के जरिये कृषि ड्रोन खरीदने पर बड़े पैमाने पर किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। केंद्र सरकार ड्रोन खरीदने के लिए 40 से 100 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। जिसमें कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों, आईसीएआर संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन की खरीद पर 100 प्रतिशत यानी अधिकतम 10 लाख तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। वहीं कृषि विज्ञान में डिग्री रखने वाले युवाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन लागत पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी, तो अन्य किसान, एवं किसान समूहों को 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम 4 लाख रुपए तक सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को ड्रोन लागत का 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।
आधुनिक तकनीक ने जैसे-जैसे विकास किया है, वैसे-वैसे विभिन्न क्षेत्रों के साथ कृषि क्षेत्र में भी सुविधाएं बढ़ती गई है। खेती में पहले की तुलना में अधिक तकनीक का प्रयोग होने लगा है। ड्रोन भी एक ऐसी तकनीक है। इससे खेती करना बहुत आसान हुआ है। खेती में हर असंभव परेशानियों को दूर करने में काफी सक्षम है। हालांकि, ड्रोन को खरीदने में किसान सक्षम नहीं है। ऐसे में खेती में ड्रोन के बढ़ते उपयोग को देखते हुए केंद्र सरकार इनकी खरीद पर किसानों को बंपर सब्सिडी दे रही है। ताकि अधिक से अधिक किसान ड्रोन को खरीद कर खेती में उपयोग कर पाए और कृषि संबंधित परेशानियां को दूर कर उत्पादन वृद्धि के साथ अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
खेती में हाल के कुछ सालों में कई नए-नए तकनीक का इस्तेमाल होने लागा है। इन तकनीक के जरिए खेती को आसान बनाया जा रहा है। अब खेती में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार भी इस तकनीक को प्रथामिकता दे रही है। इसे खरीदने के लिए किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है। पहले के मुकाबले अब काफी संख्या में किसान खेती में ड्रोन का उपयोग कर रहे है। ड्रोन तकनीक से खेती में खड़ी फसलों में कीटनाशक सहित अन्य जरूरी उर्वरक के छिड़काव पर लागत में कमी हुई है। जिससे किसानों आय में वृद्धि देखने को मिली है।
खेती में फसल बुवाई से लेकर खड़ी फसलों की देख-रेख तक के कार्य में किसानों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसमें खेत में खड़ी फसलों पर खाद, उर्वरक सहित अन्य कीटनाशकों के स्प्रे जैसी तमाम परेशानियां शामिल है। छोटे क्षेत्र में खेती करने वाले किसान पर इन परेशानियों का अधिक प्रभाव नहीं होता है। लेकिन काफी बड़े एरिया में खेती करने वाले किसानों के लिए यह परेशानियां काफी ज्यादा घातक साबित होती है। ऐसे किसान कई बार तो खड़ी फसलों पर खाद और अन्य कीटनाशकों का स्प्रे समय से पूरी फसल पर नहीं कर पाते है और फसलें बीमारी से बर्बाद हो जाती है। लेकिन अब ड्रोन तकनीक से एक बार में काफी बड़े एरिया में खड़ी फसलों पर खाद, उर्वरक और अन्य कीटनाशक सहित जरुरी पोषक तत्वों का छिड़कावा आसानी से वो भी कम समय में किया जा सकेगा। इससे धन और समय दोनों की बचत होगी है। ड्रोन की मदद से किसान फसल की सही स्थिति की जानकारी ले सकता है। इसमें लगे कैमरे के माध्यम से फसल में किसी प्रकार की बीमारी या अन्य प्रकार की स्थिति को देख सकते है। ड्रोन ऑटो सेंसर के माध्यम से एक निश्चित हाईट पर उड़ाकर खड़ी फसलों पर करीब 10 लीटर तक कीटनाशक का छिड़काव आसानी से कर सकता है। ड्रोन से एक बार में एक एकड़ भूमि पर खड़ी फसलों पर करीब 10 मिनट में खाद, कीटनाशक और अन्य जरूरी पोषक तत्वों का स्प्रे किया जा सकता है।
ड्रोन मार्केट के स्पेशलिस्ट का कहना है कि काम की सहूलियत को देखते हुए मार्केट के कई प्रकार के कृषि ड्रोन उपलब्ध हैं। जिनमें मोड 2 कार्बन फाइबर कृषि ड्रोन आईजी ड्रोन एग्री, एस 550 स्पीकर ड्रोन, केटी-डॉन ड्रोन और मोड 2 कार्बन फाइबर कृषि ड्रोन के मॉडल मार्केट में उपलब्ध है। इन कृषि ड्रोन की कीमत 3 लाख से लेकर 4.5 लाख रुपए तक है। इन ड्रोन से 10 लीटर से लेकर 100 लीटर तक कीटनाशक का छिड़काव एक एकड़ भूमि पर खड़ी फसलों में 5 से 10 मिनट में किया जा सकता है। इनमें लगे एनालॉग कैमरे की सहायता से फसलों पर नजर भी रखी जा सकती है।
सूत्रों के मुताबिक ड्रोन मार्केट के जानकारों का कहना है कि ड्रोन की मार्केट में वैल्यू 2030 तक कमर्शियल ड्रोन का कारोबार करीब 75 हजार करोड़ तक हो सकता है। जिसमें कृषि ड्रोन की भागीदारी 30 पर्सेंट से अधिक है। 2025 तक कमर्शियल डॉन का व्यापार 15000 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। कृषि स्पेशलिस्ट का कहना हैं कि किसानों की डिपेंडेंसी ड्रोन पर बनी है। उदाहरण के तौर पर 30 एकड खेत में खाद, कीटनाशक और अन्य जरूरी पोषक तत्वों के़ स्प्रे करने में किसान कई बार महीने तक लगा देते हैं।
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