बिहार के अंदर बिहार समग्र गव्य विकास योजना चलाई जा रही है। बिहार सरकार द्वारा इस योजना संचालन साल में एक बार किया जाता है। बिहार में इस साल समग्र गव्य विकास योजना सितंबर में शुरू होने जा रही है। इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के किसानों, पशुपालकों, बेरोजगार युवक और युवतियों को डेयरी खाेलने के लिए सरकार की ओर से भारी सब्सिडी प्रदान की जाती है। बिहार के इच्छुक युवा इस योजना में आवेदन कर सब्सिडी पर पशुपालन का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
Subsidy Scheme : 75 प्रतिशत सब्सिडी पर करें गाय-भैंस का पालन, कमाएं लाखों रुपए का मुनाफा
Subsidy Scheme Bihar Government : देश की कई राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य के किसानों को खेती के साथ पशुपालन, मछली पालन सहित अन्य सहायक व्यवसायों से जोड़ने का प्रयास कर रही है। इन दिनों कृषि के सहायक व्यवसायों में पशुपालन एक बेहतर विकल्प बनकर उभरा है। वर्तमान समय में पशुपालन (animal husbandry) किसानों के लिए आय का सबसे अच्छा स्रोत साबित हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले लोग आज पशुपालन में गाय-भैंस जैसे दुधारू मवेशियों का पालन करके बेहतर कमाई कर रहे हैं।
इसी को देखते हुए बिहार सरकार (Bihar Government) राज्य में बिहार समग्र गव्य विकास योजना चला रही है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के कृषकों, बेरोजगार युवक और युवतियों को पशुपालन का कारोबार अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए समग्र गव्य विकास योजना के तहत बेरोजगार युवक-युवतियों और किसानों को दुधारू मवेशियों की डेयरी खाेलने के लिए बिहार सरकार की ओर से सब्सिडी (subsidy) प्रदान की जा रही है। राज्य में समग्र गव्य विकास योजना (Samagra Gavya Vikas Yojana) साल में एक बार चलाई जाती है। इस साल यह योजना सितंबर महीने में शुरू होने जा रही है, जो भी इच्छुक बेरोजगार नागरिक पशुपालन कर डेयरी फॉर्म (dairy farm) स्थापित करना चाहते हैं, तो वे इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। आईय इस योजना के बारे में विस्तार से जानें।
बिहार समग्र गव्य विकास योजना (Bihar Samagra Gavya Vikas Yojana)
बिहार में पशुपालन को बढ़ाने एवं ग्रामीण क्षेत्र के किसानों और बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध करने के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा समग्र गव्य विकास योजना (samagra Gavya Vikas Yojana) का आरंभ किया गया है। इसके तहत किसानों एवं बेरोजगार नागरिकों को डेयरी स्थापित करने के लिए बिहार सरकार की ओर अनुदान प्रदान किया जाता है। इस योजना के माध्यम से 2-4 दुधारू मवेशियों की डेयरी स्थापित करने के लिए सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत और अत्यंत पिछड़ा अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 75 प्रतिशत तक अनुदान देने की व्यवस्था बिहार सरकार द्वारा की गई है। वहीं, 15-20 गाय-भैंस की डेयरी स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा सभी वर्ग के लिए 40 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। इस महीने यह योजना शुरू होने जा रही है। आप समग्र गव्य विकास योजना (samagra Gavya Vikas Yojana) का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। तथा अपना स्वयं का पशुपालन व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं। समग्र गव्य विकास योजना के माध्यम से राज्य में बेरोजगारी दर में कमी आएगी। राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ेगा साथ ही बेरोजगार नागरिकों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।
डेयरी इकाई स्थापित करने पर कितना मिलेगा अनुदान
बिहार सरकार समग्र गव्य विकास योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के कृषकों, बेरोजगार युवक-युवतियों को डेयर इकाई स्थापित करने के लिए अनुदान दे रही है। इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के नागरिकों के लिए सरकार द्वारा 75 प्रतिशत अनुदान प्रदान दिया जाता है। वहीं, शेष वर्गों के सभी नागरिकों को लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा 2 गाय-भैंस की डेयरी इकाई स्थापित करने के लिए 1,60,000 रुपए की लागत तय की गई है। इसमें सरकार द्वारा अत्यंत पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सभी नागरिकों को अधिकतम 1,20,000 रुपए अनुदान राशि दी जाएगी। वहीं, अन्य सभी वर्गों के नागरिकों को अधिकतम 80,000 रुपए की सब्सिडी दी जाती है। इसी तरह 4 दुधारू मवेशियों की डेयरी इकाई स्थापित करने के लिए 3,33,400 रुपए की लागत सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। इस पर अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए अधिकतम 2,53,800 रुपए तक की अनुदान राशि दी जाती है, जबकि अन्य सभी सामान्य वर्गों के लिए अधिकतम 1,69,200 रुपए की सब्सिडी राशि डेयरी ईकाई स्थापित करने पर प्रदान की जाती है।
समग्र गव्य विकास योजना में आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
बिहार के मूल निवासी इच्छुक बेरोजगार नागरिक, बिहार समग्र गव्य विकास योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए लाभार्थी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। इस योजना में राज्य के सभी वर्ग के बेरोजगार किसान, युवा, युवतियां और महिलाएं आवेदन कर सकती है। इच्छुक नागरिकों के पास योजना में आवेदन करने के लिए आधार कार्ड, ऑनलाइन आवेदन की दो मूल प्रति, डेयरी इकाई स्थापित करने हेतु जमीन रसीद की फोटो कॉपी, बैंक डिफॉल्टर नहीं होने का शपथ पत्र, परियोजना लागत की प्रति, संबंधित क्षेत्र में प्रशिक्षण पत्र, बैंक पासबुक प्रमाण पत्र आदि जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
समग्र गव्य विकास योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया
बिहार में इस बार समग्र गव्य विकास योजना सितंबर महीने में ये योजना शुरू होने जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के इच्छुक कृषक, बेरोजगार युवक और युवतियों योजना के अंतर्गत अनुदान का लाभ लेकर दुधारू पशुओं में गाय-भैंस की डेयरी ईकाई स्थापित करना चाहते है, तो वे सरकार द्वारा जारी गव्य विकास निदेशालय, बिहार की अधिकारिक वेबसाइट https://dairy.bihar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। समग्र गव्य विकास योजना का कार्यान्वयन राज्य के सभी जिलों में संबंधित विभाग के जिला गव्य विकास अधिकारी द्वारा किया जाएगा। इस योजना के तहत अगर सरकार द्वारा निर्धारित लागत से डेयरी ईकाई की लागत अधिक होती है, तो ऐसी स्थिति में होने वाले अतिरिक्त खर्च का वहन लाभार्थी को स्वयं ही करना होगा। योजना के अंतर्गत किसी भी इकाई की स्थापना एवं क्रय परियोजना अंतर्गत तय लागत खर्च से अधिक होने पर भी अनुदान राशि का भुगतान परियोजना की तय शर्त के आधार पर ही किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक लाभार्थी अपने जिले के पशुपालन एवं संसाधन विभाग के कार्यालय में जाकर गव्य विकास आधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं।
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