एक उत्पाद एक जिला योजना : कृषि क्षेत्र में प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी

पोस्ट -01 जून 2022 शेयर पोस्ट

एक उत्पाद एक जिला योजना की पूरी जानकारी  

केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारो ने ग्रामीण एवं शहरी नागरिकों की आर्थिक स्थिति एवं आय में वृद्धि के लिए कई प्रकार की योजनाओं का संचालन किया है। देश में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की बेरोजगारी दर को कम करने के लिए एवं ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने एक उत्पाद एक जिला योजना को शुरू किया है। इस योजना के तहत किसान कृषि क्षेत्र में प्रसंस्करण उद्योग सरलता से लगा सकते हैं। इस योजना के तहत सरकार किसानों को एक अच्छा रोजगार उपलब्ध कराने व आर्थिक मदद करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर रही हैं। एक उत्पाद एक जिला योजना के तहत केन्द्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के द्वारा किसानों को कृषि क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। योजना को लेकर राजस्थान सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 में लोकहित में संशोधन करते हुए कई प्रावधान शामिल किए हैं। अब कृषि उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए वर्ष 2023-24 तक अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान वर्ष 2019 प्रसंस्करण नीति के तहत दिया जाएगा। अनुदान के लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए 23 फरवरी 2022 के बाद आयोजित सभी डीएलएससी एवं एसएलएससी में स्वीकृत होने वाली सभी परियोजनाओं पर यह प्रावधान लागू होगा। यदि आप एक किसान है और अपनी आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में प्रसंस्करण उद्योग को खोलना चाहते हैं, तो ट्रैक्टर गुरू की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको  केन्द्र सरकार की ओर से शुरू इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं।  

एक उत्पाद एक जिला योजना को शुरू करने का उद्देश्य

दरअसल केंद्र सरकार का इस योजना को लाने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि कृषि उत्पादों की मदद, उनकी प्रोसेसिंग के साथ नुकसान को कम करना, उचित परख और स्टोरेज के साथ मार्केटिंग के लिए कोशिश करना है। इन उत्पादों से जुड़ी MSMEs में पूंजी निवेश में भी सहायता की जाएगी। इसके अलावा दूसरे और भी लाभ हैं। दरअसल वाणिज्य विभाग कृषि निर्यात के तहत एक क्लस्टर तैयार करने की कोशिश कर रहा है। इसी तरह कृषि मंत्रालय भी इसी तर्ज पर काम कर रहा है।

कृषि क्षेत्र में प्रसंस्करण उद्योग के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी

केन्द्र सरकार द्वारा संचालित एक उत्पाद एक जिला योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को एक अच्छा रोजगार उपलब्ध कराने व उन्हें आर्थिक तौर पर मदद करने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को प्रसंस्करण उद्योग खोलने के लिए 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में घोषित राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के तहत स्थापित होने वाली प्रथम 100 मिलेट्स प्रसंस्करण इकाईयों को पात्र परियोजना लागत का करीब 50 प्रतिशत अधिकतम 40 लाख रूपये प्रति इकाई अनुदान दिया जाएगा। यदि वहीं परियोजना जिनमें 40 लाख रूपये की अधिकतम सीमा से अधिक देय है। उनमें निर्धारित अनुदान दर 25 प्रतिशत पर अनुदान देय होगा। इसी प्रकार सभी श्रेणी जैसे कृषक, उनके संगठन एवं इनके अतिरिक्त अन्य पात्र व्यक्ति के आवेदकों को बजट 2022-23 में घोषित राजस्थान प्रसंस्करण मिशन के तहत स्थापित होने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए अनुदान 50 प्रतिशत अधिकतम एक करोड़ रूपये तक देय होगा। जोधपुर संभाग में जीरा व ईसबगोल के निर्यात आधारित प्रथम दस प्रसंस्करण इकाइयों को पूंजीगत अनुदान लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 2 करोड़ रूपये का अनुदान दिया जायेगा। 

कृषि उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए इन जिलों में दिया जाएगा अनुदान

कृषि उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग लगाकर कृषि उत्पादों का व्यवसाय शुरू कर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के पास खेती-बाड़ी से अच्छा लाभ कमाने का बहुत बढि़यां विकल्प है। राज्य में किसानों को कृषि उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने पर सरकार की तरफ से अनुदान दिया जायेगा। यह सब्सिडी योजना के अनुसार जिलों में सरकार के द्वारा तय उद्योग लगाने पर ही दी जाएगी। 

कृषि उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग लगाकर कृषि उत्पादों का व्यवसाय शुरू कर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के पासा खेती-बाड़ी से अच्छा लाभ कमाने का बहुत बढि़यां विकल्प है। राज्य में किसानों को कृषि उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने पर सरकार की तरफ से अनुदान दिया जायेगा। यह सब्सिडी योजना के अनुसार जिलों में सरकार के द्वारा तय उद्योग लगाने पर ही दी जाएगी।

  • प्रतापगढ़, चितौडगढ़, कोटा एवं बारां- लहसुन के लिए। 

  • बाड़मेरी एवं जालौर - अनार के लिए। 

  • झालावाड़ और भीलवाड़ा - संतरा के लिए। 

  • अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली एवं सवाई माधोपुर - सरसों के लिए। 

  • जोधपुर संभाग के जिलों के किसानों को जीरा व ईसबगोल के लिए। 

राज्य सरकार एक उत्पाद एक जिला योजना के तहत कृषि उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए 50 फीसदी तक का वित्तीय अनुदान देगी।

अब राजस्थान के 33 जिलों के उत्पाद से जुड़े उद्योगों को मिलेगा योजना का लाभ

दरअसल केंद्र सरकार ने ’एक उत्पाद, एक जिला’ योजना देश के 700 जिलों के उनके बेस्ट उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की है। इस योजना में सभी राज्यों के साथ मिलकर काम किया जाएगा। इसके तहत राज्य के हर जिले के पारंपरिक उद्योग को प्रोत्साहन दिया जाएगा साथ ही ’एक उत्पाद, एक जिला’ योजना के तहत उत्पादों को तैयार करने वाली इकाइयों को पूंजी निवेश के लिए सहायता दी जाएगी। ’एक उत्पाद, एक जिला’ योजना के तहत जिलों के प्रोडक्ट्स का चयन करने के लिए केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार से भी कहा था। जिसके मुताबिक राजस्थान सरकार ने  साल 2020 की शुरुआत में ही संभागवार हर जिले की खासियत वाले उत्पादों की लिस्ट केंद्र सरकार को भेज दी थी। केंद्र सरकार ने अपनी योजना ’एक उत्पाद, एक जिला’ के तहत राजस्थान सरकार की ओर से 33 जिलों के उत्पादों की भेजी गई लिस्ट को मंजूर कर लिया है। अब इन 33 जिलों के उत्पादों से जुड़े उद्योगों, इकाइयों को ’एक उत्पाद, एक जिला’ योजना का लाभ मिल सकेगा। 

कृषि उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग लगाने पर सब्सिडी हेतु पात्र

  • कृषक उत्पादक संगठन

  • सहकारी समितियां

  • स्वयं सहायकता समूह

  • राज्य का व्यक्ति और किसान जो ’एक उत्पाद, एक जिला’ योजना के तहत खुद का  रोजगार शुरू करना चाहता है।

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