कृषि यंत्र : खरीफ की फसल में काम आने वाले 5 उपयोगी यंत्र

पोस्ट -23 फ़रवरी 2024 शेयर पोस्ट

कृषि यंत्र सब्सिडी : खरीफ की खेती में काम आने वाले कृषि यंत्रों पर सब्सिडी, जानें, 5 उपयोगी यंत्र

Agricultural machinery : देश के कई राज्यों में अभी रबी वर्ष 2023-24 (विपणन वर्ष 2024-25) के लिए रबी फसलों की एमएसपी (MSP) यानी उपर्जन मूल्य (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। वहीं, सरकार को मिनिमम सपोर्ट प्राइज (एमएसपी) पर चना, मसूर, सरसों और गेहूं फसल बेचने लिए किसान खरीद केंद्रों पर अपना पंजीयन भी करा रहे है। इस बीच कई राज्यों के किसान आगामी खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारी करने में लग गए है। फसलों की बुवाई के लिए जरूरी इनपुट जैसे बीज, खाद, उर्वरक और कीटनाशकों की खरीद किसानों द्वारा की जा रही है। ऐसे में किसानों को खरीफ सीजन खेती के लिए  खेत की तैयारी से लेकर बीज बोने, खाद और उर्वरक लगाने तक के सभी कार्यों के लिए कृषि मशीनरी एवं उपकरणों की जरूरत पड़ती है। इसलिए किसानों को खरीफ की फसल में इस्तेमाल होने वाले कृषि यंत्रों की सही और पर्यात जानकारी होना बहुत जरूरी है, जिससे वे खेती में सही कृषि उपकरणों का इस्तेमाल कर आसानी से अपनी खेती का काम पूरा कर सकें। ऐसे में हम हमारे किसान भाईयों के लिए खरीफ की खेती में इस्तेमाल होने वाले महत्पूर्ण 5 कृषि यंत्रों की जानकारी लेकर आए है। किसान भाई इन यंत्रों का खेती में इस्तेमाल कर फसल की बुवाई में लागत और श्रम दोनों की बचत कर सकते हैं। खास बात यह है कि खेती के इन यंत्रों पर कई राज्य की सरकारें विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अपने किसानों को अलग-अलग अनुदान भी देती है। 

खरीफ खेती के लिए इन कृषि यंत्रों की पड़ती है जरूरत

किसानों को खरीफ फसलों (Kharif Crops) की बुवाई हेतु खेत की तैयारी से लेकर बीजों की बुवाई और फसल में खाद तथा अन्य आवश्यक पोषक तत्वों को लगाने के लिए विभिन्न कृषि यंत्रों एवं कृषि रक्षा उपकरणों की जरूरत पड़ती है। इनमें 5 महत्पूर्ण कृषि यंत्र जैसे एमबी प्लॉउ (Mb Plow), हैरो (Harrow), कल्टीवेटर (Cultivators), रोटावेटर (Rotavators) और ट्रैक्टर (Tractors) इत्यादि शामिल है। किसान खरीफ सीजन (Kharif season) की खेती में इन कृषि उपकरणों के इस्तेमाल से खेती के काम को आसान बना सकें और फसल की समय से कम लागत पर आसानी से बुवाई कर सकते हैं।

कृषि यंत्रों / कृषि रक्षा उपकरणों की खरीद पर मिलता है अनुदान

खेती में अधिक से अधिक किसान इन कृषि यंत्रों का इस्तेमाल कर सकें। इसके लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड समेत कई अन्य राज्य की सरकारें अपने कृषि विभाग (Agriculture Department) द्वारा विभिन्न योजनाओं (schemes) के तहत अलग-अलग किसान वर्ग और श्रेणी के अनुसार कृषि यंत्रों (Agricultural Machinery) पर भारी अनुदान (Subsidy) उपलब्ध कराया जाता है। कृषि यंत्रों पर अनुदान देने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर लक्ष्य (Target) जारी कर किसानों से आवेदन (Application) मांगे जाते हैं। इसके बाद प्राप्त आवेदनों पर लॉटरी संपादित या कृषि मेला आयोजित कर चयनित किसानों को बंपर अनुदान पर कृषि यंत्रों की खरीदरी करने का मौका दिया जाता है। बता दें कि राज्यों द्वारा अपने किसानों को कृषि यंत्रों पर किसान वर्ग के अनुसार 40 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। वहीं छोटे कृषि उपकरणों पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी मुहैया करवाई जाती है।  योजनान्तर्गत समस्त कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने राज्य केकृषि विभाग के विभागीय पोर्टल पर विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान अपने जिला/जनपद के उप-कृषि निदेशक कार्यालय से संपर्क भी कर सकते हैं।

एमबी प्लॉऊ (मिट्टी पलटने वाला हल)

एमबी प्लॉऊ (MB Plough) मतलब है मिट्टी पलटने वाला हल। इसका इस्तेमाल खेती की गहरी जुताई के लिए किया जाता है। एमबी हल को ट्रैक्टर से जोड़कर खेत की प्राथमिक जुताई में मिट्टी को पलटने के लिए किया जाता है। मिट्टी पलटने वाला हल यानी एमबी प्लॉउ का इस्तेमाल धान के खेत की तैयारी के लिए मुख्य रूप से किया जाता है, क्योंकि धान की खेती में गहरी जुताई की आवश्यकता पड़ती है। प्लॉउ कई प्रकार के होते हैं, जिनमें मल्टी बोर्ड प्लॉउ, डिस्क प्लॉउ, हैरो हिस्क प्लॉउ और रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लॉउ शामिल है।

मल्टी बोर्ड प्लॉउ (MB Plough) का एक चौड़ा सा ब्लेड होता है, जो मिट्टी को खांचे की तरह काटता है। डिस्क प्लॉउ यह प्लॉउ कठोर और शुष्क मिट्टी की खुदाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसकी संरचना कुछ ऐसी होती है कि यह मिट्टी की गहरी खुदाई या जुताई कर सके। यह मिट्टी के जल को सोख लेने की क्षमता को बढ़ाता है। हैरो प्लॉउ को वन वे डिस्क प्लॉउ भी कहा जाता है, जिसमें लगे डिस्क हवा के द्वारा मिट्टी के कटाव को कम कर गहरी जुताई के काम में आता है। फसलों के अवशेषों (कुछ ठूंठ) को मिट्‌टी में मिलाने में इसका उपयोग किया जाता है। रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लॉउ का उपयोग जुताई के समय मिट्टी को ऊपर और नीचे कर खरपतवार एवं पुरानी फसल अवशेषों को दबाने हेतु किया जाता है। 

खेती का मुख्य यंत्र, ट्रैक्टर (Tractor)

मशीनीकृत खेती करने एवं उत्पादन को बाजारों तक पहुंचाने जैसे चुनौतिपूर्ण कार्य को आसानी से पूरा करने में ट्रैक्टर मुख्य भूमिका निभाता है। सही मायने में खेती के लिए ट्रैक्टर मुख्य कृषि यंत्र है। इसकी मदद से फसल की बुवाई से लेकर पैदावार की कटाई एवं भंडारण जैसे कई अन्य कार्य किया जाता है। रोटावेटर, कल्टीवेटर, हैरो, लेजर लैंड लेवलर, पोस्ट होल डीगर, पोटैटो डीगर, शुगर केन कटर प्लान्टर, शुगर केन थ्रेस कटर, शुगर केन रेटून मैनैजर, पावर स्प्रैयर, मल्टीक्रॉप थ्रेसर, पावर चैफ कटर, स्ट्रॉ रीपर (straw reaper), ब्रश कटर, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, जैसे कई कृषि उपकरण को जोड़कर चलाया जाता है। कई राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा संचालित कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (Sub-Mission on Agricultural Mechanization) यानी स्माम योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर की लागत कीमत पर 40 से 50 प्रतिशत तक व्यक्तिगत सब्सिडी दी जाती है। 

कृषि यंत्र हैरो/ Harrow

कृषि यंत्र हैरो (Harrow) का इस्तेमाल खेत की जुताई के लिए किया जाता है। हैरो (Harrow) का उपयोग फसल की बुवाई से पहले खेत की तैयारी के लिए किया जाता है। इसके इस्तेमाल से खेत की हल्की गहरी जुताई कर मिट्‌टी को भुरभुरा बनाया जाता है, जिससे भूमि की नमी को सुरक्षित रखा जा सकें। हैरो दो प्रकार के होता है। इसमें पहला ब्लेड हैरो और दूसरा ब्लेड हैरो है। हैरो (Harrow) का इस्तेमाल धान, बाजरा, मूंगफली, गेहूं, मक्का, मटर, मसूर, सोयाबीन, आलू, प्याज, लहसुन, सूरमुखी, जीरा, चना, कपास आदि फसलों की बुवाई के लिए खेत की तैयारी हेतु किया जाता है। 

कल्टीवेटर / Cultivator 

कल्टीवेटर (Cultivator) का इस्तेमाल खेत में द्वितीयक जुताई के लिए किया जाता है। इसकी मदद से खेत के ढेलों को तोड़ने, मिट्टी को भुरभुरा बनाने और खरपतवार तथा सूखी घास की जड़ों को खेतों से बाहर निकालने के लिए किया जाता है। इस यंत्र का उपयोग पंक्तियों में बोई गई फसलों की निराई-गुड़ाई के लिए काम में भी किया जाता है। मुख्यत: कल्टीवेटर (Cultivator) दो प्रकार के होते हैं, जिसमें पहला, स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर और दूसरा, कठोर टाइन कल्टीवेटर।

रोटावेटर /Rotavator 

रोटावेटर (Rotavator) का इस्तेमाल खेत में पाटा लगाने एवं मिट्‌टी को भुरभूरा बनाने में किया जाता है। इसे ट्रैक्टर के साथ जोड़क खेत की अंतिम जुताई के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी मदद से बीज बेड तैयार किया जाता है। इस कृषि यंत्र की मदद से खेत में मक्का, गेहूं, गन्ना, सरसों आदि फसलों के अवशेषों को काटने और बीजों को मिट्‌टी में मिश्रण करने के लिए किया जाता है। यह एक प्रकार का रोटरी कल्टीवेटर है, जो मिट्टी के पोषण में सुधार करने तथा ईंधन लागत, समय और श्रम बचाने में मदद करता है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश कृषि विभाग द्वारा राज्य में एसएमएएम (SMAM)-81 योजनांतर्गत इन समस्त कृषि यंत्रों पर अनुदान देने के लिए अनुसूचति जनजाति वर्ग के कसानों से आवेदन मांगे गए हैं। 

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