मशरूम फार्मिंग : बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करती नजर आ रही है। इसके लिए कई प्रकार की नई-नई योजनाएं भी बना रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को खेती के लिए हर प्रकार की आर्थिक सहायता भी दी जा रही है, जिससे किसान आय के नये स्त्रोत ढूंढ़कर अपनी आय को दोगुना कर सकें। इसी कड़ी में बिहार सरकार एक बार फिर से किसानों के हितों में काम करते हुए एक नई योजना लेकर आई है। राज्य में मशरूम उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने मशरूम की खेती करने पर किसानों को बंपर सब्सिडी देने का प्लान बनाया है। ऐसे में मशरूम की खेती करने वाले किसानों के पास आमदनी बढ़ाने का एक सुनहरा मौका है। दरअसल, गांव, शहर और कस्बों में लोग मशरूम को खूब पसंद कर रहे हैं, जिससे के कारण देश-विदेश में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। किसानों के लिए मशरूम फायदे का सौदा भी साबित होता जा रहा है। कई राज्य के किसान मशरूम के उत्पादन से बेहतर लाभ कमाकर आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहे हैं। मशरूम की बढ़ती मांग को देखते हुए बिहार सरकार किसानों को मशरूम उत्पादन के लिए प्रेरित करने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है। इससे किसान मशरूम की खेती कम लागत में कर अधिक मुनाफा कमा सकें। बता दें कि बिहार देश का सबसे बड़ा मशरूम उत्पादक राज्य है और हाल ही में खिताब भी प्राप्त किया है।
बिहार सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत किसानों को मशरूम उत्पादन यूनिट और मशरूम बीज एवं मशरुम कंपोस्ट उत्पादन यूनिट लगाने के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा मशरूम इकाईयों की लागत 20 लाख रुपये निर्धारित की गई है। इसमें किसानों को मशरूम यूनिट लगाने के लिए 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपए की सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। बिहार सरकार की ओर से यह जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर पर ट्वीट कर दी गई है।
बिहार में मशरूम को सुपरफूड के तौर पर लोगों द्वारा खूब पंसद किया जा रहा है, जिससे मशरूम उत्पादन को काफी तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। प्रदेश में किसान एवं महिला किसानों द्वारा मशरूम का उत्पादन काफी बड़े स्तर पर किया जा रहा है। यहां तक शहर और गांव की महिलाएं घर के अंदर बंद कमरे में भी मशरूम उत्पादन कर अच्छी आमदनी कर रही है। बिहार में बहुत ही बड़े स्तर पर ढींगरी, शीटकेक, पैडीस्ट्रा और दूधिया सहित कई अन्य प्रकार की मशरूम किस्मों का उत्पादन किया जा रहा है। लेकिन, बिहार सरकार अब राज्य में मशरूम उत्पादन बढ़ाने एवं रोजगार के नये अवसर बनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। मशरूम के व्यवसायिक उत्पादन के लिए आधुनिक रूप से मशरूम यूनिट लगाने पर सब्सिडी देने जा रही है। सरकार का मानना है इससे राज्य में मशरूम उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
बिहार सरकार द्वारा मशरूम की खेती के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। अगर आप बिहार के मूल निवासी किसान है, तो मशरूम खेती पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए योजना में अपना आवेदन दे सकते हैं। इसके लिए आपको बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/ पर विजिट करना होगा। इसके अलावा आप योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग एंव कृषि उद्यान विभाग के कार्यालय में जाकर सहायक निदेशक से भी संपर्क कर सकते हैं।
एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत मशरूम खेती पर सब्सिडी का फायदा लेने के लिए इच्छुक किसानों के लिए ये दस्तावेज जरूरी होंगे। इसमें आवेदन करने वाले इच्छुक किसान का आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, जमीन की अपडेटेड रसीद (जमाबंदी) तथा किसान पंजीयन रसीद जैसे जरूरी दस्तावेज शामिल है।
आज के बदलते दौर में लोगों की मांग का स्वरूप भी बदलता जा रहा है। आज लोगों द्वारा तेजी से हेल्दी फूड को पंसद किया जाने लगा है। इसके चलते मशरूम ने भी बहुत ही कम समय में लोगों के बीच एक अलग पहचान बना ली है। मशरूम एक सुपर फूड फंगी कवक है। इसका उपयोग अधिकतर सब्जी के तौर किया जाता है। इसकी सब्जी बहुत ही स्वादिष्ट होती है। इसके अलावा, इसके उपयोग से कई अन्य प्रकार खाद्य पदार्थ भी बनाए जाते हैं। आज मशरूम की मार्केट में डिमांड बड़े स्तर पर है, जिसके कारण यह किसानों के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल साबित हो रही है। मार्केट में उच्च क्वालिटी के मशरूम की कीमत लगभग 350 से लेकर 400 रुपए प्रति किलो तक होती है। अगर इसकी खेती किसान व्यावसायिक रूप से बड़े स्तर पर करें, तो इससे अधिक लाभ कमा सकते हैं। खास बात यह है मशरूम का उत्पादन छोटे से कमरे में सालों-साल भी किया जा सकता है।
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