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भेड़ की टॉप 4 नस्ल: ज्यादा कमाई के साथ आय में होगी वृद्धि

भेड़ की टॉप 4 नस्ल: ज्यादा कमाई के साथ आय में होगी वृद्धि
पोस्ट -13 जून 2023 शेयर पोस्ट

जानें क्या है इन भेड़ों की इन टॉप 4 नस्लों की खासियत, कैसे करें इसका पालन

कृषि के बाद किसानों के लिए पशुपालन दूसरा सबसे बड़ा व्यवसाय है। देश में करोड़ों किसान पशुपालन कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। खेती करने वाले किसानों के लिए पशुपालन एक लाभ का सौदा है, क्योंकि पशुओं के लिए आसानी से चारे की उपलब्धता हो जाती है। गाय, भैंस, भेड़, बकरी आदि पशुओं का पालन कर बड़ी संख्या में किसानों की जीविका चलती है। भेड़ भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण पशु है, जिसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देखने को मिलता है। विशेष कर शुष्क, अर्धशुष्क और पहाड़ी क्षेत्रों में भेड़ का पालन अधिक होता है। क्योंकि यहां हरे चारे की उपलब्धता कम होती है और गाय-भैंस जैसे चारा खाने वाले पशुओं का पालन यहां नहीं हो सकता। अतः पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले किसानों के लिए भेड़पालन एक मुख्य व्यवसाय है। भेड़ पालन में अच्छा उत्पादन होने के लिए जरूरी है कि भेड़ की उन्नत नस्लों का पालन किया जाए ताकि दूध, ऊन और मांस तीनों का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में प्राप्त किया जा सके। 

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ट्रैक्टर गुरु के इस पोस्ट में हम भेड़ की उन्नत नस्लों, पालन के तरीकों, पैदावार, लाभ और कमाई के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

भेड़ की उन्नत नस्लें

भेड़ के कई उन्नत नस्लें हैं, जिससे भेड़ पालन में अच्छी कमाई की जा सकती है। ये नस्लें इस प्रकार से है।

मेयनी भेड़

मेयनी भेड़ गुजरात की महत्वपूर्ण भेड़ प्रजाति है। इस भेड़ का वजन सामान्यतः 40 से 60 किलोग्राम तक होता है। ऊन उत्पादन में यह प्रजाति बहुत बेहतरीन है। इससे बेहतरीन क्वालिटी के दूध का भी उत्पादन हो पाता है। जो किसान अच्छी मुलायम और महंगी ऊन का उत्पादन करना चाहते हैं। वे इस प्रजाति के भेड़ को पाल सकते हैं। भेड़ का रंग भूरा होता है, जबकि इसकी ऊंचाई औसतन 60 से 70 सेंटीमीटर होती है। मेयनी भेड़ को अन्नदाता भेड़ भी कहा जाता है। दूध, मांस और ऊन के बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए भी किसान इसे पालते हैं। मुख्य तौर पर गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश और राजस्थान राज्यों में इस भेड़ को पाला जाता है। प्रतिवर्ष इससे 200 ग्राम ऊन का उत्पादन किया जा सकता है।

जत्ती भेड़

45 से 50 किलोग्राम वजन वाला जत्ती भेड़ मुख्य तौर पर हरियाणा, राजस्थान, यूपी और पंजाब जैसे राज्यों में बहुत पाई जाती है। दूध और मांस के उत्पादन के लिए जत्ती भेड़ जानी जाती है। भेड़ की ऊंचाई की बात करें तो औसतन 70 सेंटीमीटर की ऊंचाई होती है, लेकिन यह भेड़ दूध उत्पादन के लिए किसानों के बीच ज्यादा प्रसिद्ध है। ग्रामीण हरे भरे क्षेत्रों में इसे पाला जा सकता है, क्योंकि यह भेड़ पर्याप्त मात्रा में हरा चारा भी खाती है।

मल्लनी भेड़

राजस्थान राज्य के जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में मल्लनी भेड़ पाई जाती है। भेड़ के वजन की बात करें तो 45 से 50 किलो वजन इस भेड़ का होता है। वहीं इसकी औसत ऊंचाई करीब 60 से 65 सेंटीमीटर होती है। शरीर का रंग गहरा भूरा होता है, भेड़ शारीरिक रूप से ज्यादा स्वस्थ और मजबूत बनावट वाली होती है। पाचन शक्ति में अच्छी रोग प्रतिरोधकता होने की वजह से यह भेड़ कम चारा खाकर भी अच्छा वजन प्राप्त कर लेती है।

लोही भेड़

राजस्थान में भेड़ की ये नस्ल काफी पाई जाती है। गुजरात और पंजाब राज्य में भी लोही भेड़ को पाला जाता है। भारत में ऊन उत्पादन में लोही भेड़ का प्रमुख योगदान है। वजन की बात करें तो इस भेड़ का वजन 60 से 70 किलोग्राम तक होता है। जबकि मादा की बात करें तो 40 से 50 किलोग्राम तक इसका वजन होता है। इस भेड़ की ऊंचाई 70 सेंटीमीटर होती है, जबकि मादा भेड़ में यह ऊंचाई 60 सेंटीमीटर होता है। यह भेड़ भी कम चारा खाकर भी अच्छा वजन प्राप्त कर लेती है।

कितनी होती है भेड़ पालन में लागत

भेड़ की कीमत की बात करें तो सामान्य तौर पर इसकी कीमत 3 हजार रुपए से 8 हजार रुपए के बीच होती है। अगर किसान 10 भेड़ से भेड़पालन की शुरुआत करें तो लगभग 80 हजार से 1 लाख रुपए के बीच निवेश कर इसकी शुरुआत कर सकते हैं। किसान को इसके लिए कम से कम 500 स्क्वायर फीट के बाड़े की जरूरत होगी। इस बाड़े को तैयार करने में भी 30 से 40 हजार रुपए की लागत की जरूरत होगी। तकरीबन 7 से 8 साल भेड़ जिंदा रहती है। इसी बीच ऊन, मांस और दूध से किसानों को भारी मुनाफा देती है। इसलिए जो किसान इस व्यवसाय में निवेश करना चाहते हैं वे 1 लाख रुपए तक इस व्यवसाय में निवेश कर सकते हैं।

भेड़ पालन से कमाई

भेड़ पालन से किसानों को आमदनी के 4 स्रोत मिल जाते हैं। भेड़ दूध, ऊन और मांस के अलावा किसानों को खेती के लिए खाद भी देती है। भेड़ पालन करने वाले किसान, भेड़ के मलमूत्र और अवशेष को खाद के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। भेड़ पालन से कमाई कई फैक्टर पर निर्भर करती है, जैसे भेड़ की नस्ल, गुणवत्ता, किसान का कौशल, भेड़ को दिया जाने वाला भोजन आदि। लेकिन सामान्यत: एक भेड़ से किसान सालाना 10 से 15 हजार रुपए की कमाई कर सकते हैं। अगर 10 भेड़ का पालन करते हैं तो किसान 1 लाख से डेढ़ लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।

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