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गन्ना पर्ची : इन गन्ना किसानों को सबसे पहले दी जा रही है गन्ना बेचने के लिए पर्ची, जानें जानकारी

गन्ना पर्ची : इन गन्ना किसानों को सबसे पहले दी जा रही है गन्ना बेचने के लिए पर्ची, जानें जानकारी
पोस्ट -16 दिसम्बर 2023 शेयर पोस्ट

गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति में परिवर्तन, अब इन किसानों को मिलेगा सबसे पहले मौका

Ganna Parchi Calendar 2023-24 :  गन्ना उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने और गन्ना की पैदावार को बेचने हेतु सरकार की तरफ से किसानों की मदद के लिए कई प्रयास किए जाते हैं। ऐसे में कई राज्यों में गन्ना पेराई सत्र चल रहा है, इसके लिए किसानों द्वारा चीनों मिलों को गन्ने की आपूर्ति की जा रही है। गन्ना पेराई के लिए चीनी मिलों को गन्ना की आपूर्ति करने में किसानों को परेशानी न हो, इसके लिए सरकार द्वारा गन्ना उत्पादकों की सहायता के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। इस बीच प्रदेश सरकार ने गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति में परिर्वतन करते हुए पेराई सत्र 2023-24 के लिए छोटे किसानों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए 60 क्विंटल के स्थान पर 72 क्विंटल के सट्टा धारकों को छोटे किसान का दर्जा दिया है। इससे छोटे गन्ना किसानों को पहले गन्ना आपूर्ति का मौका मिलेगा। यानी सरकार द्वारा अब छोटे किसानों को गन्ना बेचने के लिए सबसे पहले पर्ची जारी की जा रही है। आइए जानते हैं कि इससे किसानों को क्या लाभ होगा और प्रदेश में चीनों मिलों को कितने उत्पादकों द्वारा गन्ना की आपूर्ति की जाती है?

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गन्ना बेचने के लिए छोटे किसानों को मिलेगा सबसे पहले मौका

दरअसल, वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के अंदर पेराई सत्र 2023-24 चल रहा है, परंतु उत्पादकों को गन्ना तौल कराने के लिए मोबाइल एस.एम.एस से पर्ची नहीं मिल पा रही हैं। इसमें ज्यादातर लघु एवं सीमांत किसानों को गन्ना बेचने के लिए एक-एक आपूर्ति पर्ची ही मिल पाई है, तो कई किसानों को अब तक एक भी पर्ची नहीं मिल पाई है। इससे गन्ना खेतों में ही खड़ा है और अगली फसल की बुआई का वक्त भी निकलता जा रहा है। इस स्थिति में परेशान छोटे किसान क्रेशर या कोल्हु पर औने-पौने भाव में गन्ना बेचने के लिए विवश हो रहे हैं। वहीं बड़े सट्टा धारकों को पर्चियां 2 से 3 दिनों के अंतराल पर जारी की जा रही है। इन्हीं को देखते हुए प्रदेश के गन्ना विकास विभाग ने पेराई स्तर 2023-24 में प्रदेश के करीब 10.74 लाख पंजीकृत छोटे गन्ना किसानों के हित में फैसला करते हुए, गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति में परिवर्तन किया गया है। गन्ना विकास विभाग द्वारा छोटे किसानों को विशेष प्राथमिकता देते हुए गन्ना बेचने के लिए सबसे पहले छोटे गन्ना किसानों को गन्ना आपूर्ति के लिए पर्ची दी जा रही है। इससे छोटे किसानों को काफी राहत मिलेगी। 

गन्ना बेचने के लिए इतने किसानों को जारी की गई गन्ना पर्ची

चालू पेराई सत्र के तहत अब तक प्रदेश के लगभग 46 लाख पंजीकृत गन्ना किसानों को 2.75 करोड़ गन्ना पर्चियां जारी की गई हैं, इनमें 10.74 लाख छोटे गन्ना किसानों को जारी होने वाली 19.20 लाख एस.एम.एस गन्ना आपूर्ति पर्चियां शामिल हैं। स्मार्ट गन्ना किसान व्यवस्था के माध्यम से उत्पादकों के गन्ने की आपूर्ति चीनी मीलों को सही वक्त पर हो रही है। सहकारी गन्ना समितियों के पर्ची निर्गमन, गन्ना काला बाजारी से किसानों को बचाने और अन्य कार्यों में शुचिता एवं पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से डिजिटलीकरण के तहत विकसित की गई स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट तकनीक गन्ना उत्पादकों के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा स्मार्ट गन्ना किसान एसजीके की ऑनलाइन वेबसाइट विकसित की गई। इस पर चीनी मिल से संबंधित सर्वे, पर्ची, टोल भुगतान, नई किस्म के बीजों की उपलब्धता और विकास संबंधित समस्या जानकारी सहित अन्य कई सुविधा किसानों को मिलती है, जिससे किसानों को गन्ना की फसल को बेचने एवं  नई किस्म के बीजों के लिए व्यर्थ की भागदौड़ करने से राहत प्रदान करता है।

किसानों को परेशानी ना हो इसके लिए दिए गए दिशा- निर्देश

छोटे गन्ना किसानों से संबंधित तथ्यात्मक आंकड़ों  पर गौर किया जाए तो उत्तर प्रदेश में करीब 45 गन्ना उत्पादक जनपद हैं, इसमें कुशीनगर, सीतापुर एवं लखीमपुर जनपदों  में सबसे अधिक और कासगंज, बंदायु एवं देवरिया में सबसे कम आपूर्तिकर्ता छोटे गन्ना उत्पादक किसान हैं। वर्तमान सट्टा नीति के अनुसार छोटे गन्ना उत्पादकों को चीनी मिल शुरू होने के 45 दिन के अंदर पेड़ी गन्ना और एक फरवरी से 45 दिन के अंदर पौधा गन्ना के लिए पर्ची देने का प्रावधान भी किया गया है। सरकार द्वारा दिशा–निर्देशों के क्रम में स्मार्ट गन्ना किसान (एसजीके) कार्यक्रम के तहत किसानों को मिलने वाली सुविधाओं और विभागीय काम-काज का अनुश्रवण करते हुए आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में समस्त परिक्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों एवं जिला गन्ना अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि राज्य के किसानों को मिलने वाली एस.एम.एस. पर्ची और गन्ना आपूर्ति में कोई परेशानी न आने पाये। इसके लिए विभागीय अधिकारी अनुश्रवण, फील्ड विजिट, गन्ना किसानों के साथ प्रत्यक्ष संवाद के माध्यम से किसानों की परेशानियों का तुरंत गुणवत्ता पूरक समाधान सुनिश्चित कराए।

चीनी मिलों से जुड़े प्रदेश के किसानों की संख्या

वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा चीनी मिलों को पेराई के लिए गन्ना आपूर्ति का कार्य किया जा रहा है। इसमें बहुत से पंजीकृत गन्ना किसानों को गन्ना बेचने के लिए पर्चियां जारी कर दी गई है। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश से जुड़े गन्ना किसानों की संख्या की जानकारी प्रदर्शित की है। जानकारी इस प्रकार है :-

संबंधित जानकारी   किसानों की संख्या
चीन उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, उत्तर प्रदेश वेबसाइट पर विजिट 12.41 करोड़ बार
E-Gaana app डाउनलोड 47.90 लाख
किसानों द्वारा E-Gaana app पर हिट्स 229.43 करोड़
पेराई सत्र 2023-24 के लिए इंजेंट जारी 120 चीनी मिलों द्वारा
वर्तमान पेराई सत्र में अब तक गन्ने की पेराई 193.31 लाख टन
वर्तमान पेराई सत्र में अब तक चीनी का कुल उत्पादन 17.66 लाख टन अनुमानित

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