छोटे किसानों को शीघ्र लोन की व्यवस्था में होगा सुधार, सरकार खर्च करेगी 2516 करोड़ रुपए

पोस्ट -30 जून 2022 शेयर पोस्ट

मोदी सरकार देश भर के 63,000 पैक्स का करेगी कंप्यूटराइजेशन, 13 करोड़ किसानों को मिलेगा फायदा   

मोदी सरकार ने देश में कृषि क्षेत्र के विकास और रूरल सेक्टर को पारदर्शी बनाने के लिए अहम फैसला लिया है। केन्द्र की मोदी सरकार ने देशभर के 63000 प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटीज (पैक्स) के कम्प्यूटरीकरण के लिए 2,516 करोड़ रूपये के खर्च की मंजूरी दी है। इसके तहत देशभर में सक्रिय 63,000 प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटीज (पैक्स) का कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा। पैक्स के कम्प्यूटरीकरण से देश के लगभग 13 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस कंप्यूटरीकरण कार्यक्रम का उद्देश्य पैक्स की दक्षता बढ़ाने के साथ उनके संचालन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाना है। 

इसके तहत पैक्स को अपने व्यवसाय में विविधता लाने तथा विभिन्न गतिविधियां/सेवाएं शुरू करने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में अधिकांश पैक्स ऐसे है, जो अभी भी हस्तचालित तरीके से कार्य कर रहे हैं। अभी इनका कंप्यूटराज्ड नहीं किया गया है। जिसके चलते उनके संचालन में अक्षमता और भरोसे की कमी दिखाई देती है। तो आइए ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीईए की बैठक पर विस्तार से चर्चा करते हैं।   

पैक्स के कंप्यूटरीकरण का निर्णय रूरल सेक्टर क्षेत्र के लिए वरदान 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सहकारिता से जुड़े लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध है और केंद्रीय मंत्रिमंडल का 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के कंप्‍यूटरीकरण करने का फैसला इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में मंत्रिमंडल ने लगभग 63,000 पैक्स का कंप्‍यूटरीकरण करने का अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके लिये मैं उनका आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा, पैक्स सहकारिता क्षेत्र की सबसे छोटी इकाई है और इसका कंप्‍यूटरीकरण क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध होगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस डिजिटल युग में पैक्स के कंप्‍यूटरीकरण का निर्णय इनकी पारदर्शिता, विश्वसनीयता व कार्यक्षमता को बढ़ाएगा व बहुउद्देश्यीय पैक्स की ‘अकाउंटिंग’ में भी सुविधा होगी। लोगों की सुविधा के लिए सॉफ्टवेयर स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि इससे पैक्स को विभिन्न सेवाएं जैसे प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी), फसल बीमा योजना व खाद, बीज आदि लागत प्रदान करने के लिए एक नोडल केंद्र बनने में भी मदद मिलेगी। 

छोटे किसानों को होगा फायदा

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के कंप्यूटरीकरण के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले से करोड़ों किसानों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला खासकर छोटे और सीमान्त किसानों को लाभ पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और सेवाओं की आपूर्ति बेहतर हो सकेगी। उन्होंने कहा केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के निर्देशन में पूरे देश में सभी पैक्स को कंप्यूटराइज्ड करने काम शरू होगा। कुछ राज्यों में, पैक्स का कहीं-कहीं और आंशिक आधार पर कम्प्यूटरीकरण किया गया हे। उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सॉफ्टवेयर में कोई समानता नहीं हैं।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कंप्यूटराइजेशन की इस परियोजना में साइबर सुरक्षा और डेटा भंडारण के साथ क्लाउड-आधारित सामान्य साझा सॉफ्टवेयर के विकास समेत पैक्स को हार्डवेयर संबंधी सहायता प्रदान करना शामिल है। इस संबंध में जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि पैक्स कर्मचारियों को ट्रेंड भी किया जाएगा। बयान में कहा कि लोगों की सुविधा के लिए सॉफ्टवेयर स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध होंगे। जिसमें जरूरतों के अनुसार काम होगा। पैक्स देश में अल्पकालिक सहकारी ऋण (एसटीसीसी) की तीसरे स्तर की व्यवस्था में सबसे निचले स्तर पर अपनी भूमिका निभाता है। इसमें लगभग 13 करोड़ किसान इसके सदस्य के रूप में शामिल होते हैं और जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं।

जहां कंप्यूटराइजेशन हो चुका हे वहां के लिए क्या है शर्त

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में सभी संस्थाओं की तरफ से दिए गए केसीसी ऋणों में पैक्स का हिस्सा 41 प्रतिशत (3.01 करोड़ किसान) है। पैक्स के माध्यम से इन केसीसी ऋणों में से 95 प्रतिशत (2.95 करोड़ किसान) छोटे व सीमांत किसानों को दिए गए हैं। बयान के अनुसार अन्य दो स्तरों अर्थात राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) और जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को पहले ही नाबार्ड द्वारा स्वचालित कर दिया गया है और उन्हें साझा बैंकिंग सॉफ्टवेयर (सीबीएस) के तहत ला दिया गया है। कुछ राज्यों में, पैक्स का आंशिक आधार पर कम्प्यूटरीकरण किया गया है। उन्होंने कहां कि जिन राज्यों में पैक्स कम्प्यूटरीकरण पूरा हो चुका है, उन्हें 50,000 रूपये प्रति पैक्स की दर से राशि दी जाएगी। लेकिन शर्त यह है कि वे साझा सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत होने और उसे अपनाने के लिए सहमत हों। 

ट्रैक्टरगुरु आपको अपडेट रखने के लिए हर माह फार्मट्रैक ट्रैक्टर  व स्वराज ट्रैक्टर कंपनियों सहित अन्य ट्रैक्टर कंपनियों की मासिक सेल्स रिपोर्ट प्रकाशित करता है। ट्रैक्टर्स सेल्स रिपोर्ट में ट्रैक्टर की थोक व खुदरा बिक्री की राज्यवार, जिलेवार, एचपी के अनुसार जानकारी दी जाती है। साथ ही ट्रैक्टरगुरु आपको सेल्स रिपोर्ट की मासिक सदस्यता भी प्रदान करता है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y

`

Quick Links

Popular Tractor Brands

Most Searched Tractors