sugarcane farmers : वाणिज्यिक फसलों में गन्ना सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश के खेतों में इन दिनों गन्ना की खेती लहलहा रही है। कई जिलों में बारिश व रोगों के कारण गन्ना की फसलों में कुछ नुकसान हुआ है। वहीं बड़ी संख्या में किसानों को गन्ने के पुराना बकाया भुगतान का इंतजार बना हुआ है। इस बीच गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी खुश खबर सामने आई है। सरकार ने गन्ना किसानों का पुराना भुगतान कर दिया है। सरकारी बयान के अनुसार किसानों को 90 प्रतिशत तक पुराने बकाया का भुगतान कर दिया गया है। शेष बचे किसानों को जल्द ही भुगतान किया जाएगा। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट के माध्यम से जानें कि गन्ना किसानों को भुगतान के संबंध में सरकार का क्या कहना है?
देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य में गन्ना किसानों का हर साल चीनी मिलों पर बकाया रहता है। यह राशि कई हजार करोड़ रुपए में होती है। लेकिन इस बार इतिहास में पहली बार हुआ है जब गन्ना किसानों का पुराना बकाया 90 फीसदी तक चुका दिया गया है। यह भुगतान यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी तेजी से किया है। हालांकि अभी गन्ना किसानों को 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जाना है। इस बकाया राशि का भुगतान अगले पेराई सीजन शुरू होने पर किया जाएगा। साथ ही ऐसा पहली बार देखा गया है जब पिछले सत्र में 82 चीनी मिलों ने 100 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है।
उत्तरप्रदेश में पिछले कुछ सालों से गन्ना भुगतान की स्थिति सुधरी है और किसान अपने आप को खुशहाल महसूस कर रहे हैं। यूपी के गन्ना विकास मंत्री ने विधान परिषद में सोमवार को जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में किसानों का करीब 90 फीसदी गन्ना बकाया का भुगतान कर दिया गया है। गन्ना मूल्य भुगतान की वर्तमान स्थिति के अनुसार राज्य सरकार ने 35 हजार 909 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा था। इसमें से 32 हजार 357 करोड़ रुपये यानी 90.11 फीसदी बकाया चुकाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पेराई सत्र 2022-23 में गन्ना किसानों के कुल देय गन्ना मूल्य 38,051.69 करोड़ में से 37,838.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है जो 99.44 प्रतिशत है। अब मात्र 213.05 करोड़ का बकाया रह गया है जो शामली मिल से संबंधित है। इस दौरान गन्ना मंत्री ने सदनको जानकारी दी कि सरकार द्वारा लगातार मॉनिटिरंग करने के कारण कई चीनी मिलों ने अब तीन दिनों में किसानों के गन्ना का भुगतान शुरू कर दिया है।
यूपी के गन्ना किसानों को अभी करीब 3500 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है। इस संबंध में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विधान परिषद में बताया कि अगला गन्ना पेराई सत्र शुरू होते ही बकाया 3,552 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश देश में गन्ना उत्पादन में पहले स्थान पर होने के साथ-साथ गन्ना मूल्य भुगतान में भी अग्रणी है। सरकार की नीतियों के कारण 21 मिलों ने किसानों को साप्ताहिक भुगतान भी किया है।
यूपी में पिछले सात साल से भाजपा की सरकार है। भाजपा सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में गन्ना किसानों को भुगतान करने में तत्परता दिखाई गई है। मंत्री चौधरी ने बताया कि 2007 से 2017 तक दस साल की अवधि के दौरान तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकारों ने गन्ना किसानों को 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया था। जबकि पिछले सात सालों में भाजपा सरकार ने इससे ज्यादा राशि का भुगतान किया है जिसमें पुरानी सरकारों के बकाया भी शामिल है। योगी सरकार ने पिछले सात वर्षों में 2.53 लाख करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। इसमें पिछली सपा सरकार के दौरान बकाया 11,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है।
उत्तरप्रदेश में योगी सरकार की किसान समर्थित नीतियों के कारण किसानों में गन्ना उत्पादन के प्रति रुचि बढ़ी है। गन्ना किसानों का समय पर भुगतान मिल रहा है। योगी कार्यकाल से पहले पिछली सरकार के दौरान यूपी के किसान 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना की खेती करते थे जो अब बढ़कर 29 लाख हेक्टेयर हो गया है। यूपी के करीब 50 लाख किसान परिवार गन्ने की खेती से जुड़े हुए हैं।
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