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फलों की खेती के लिए किसान कैसे करें कृषि यंत्रों का उपयोग जानें, कीमत और फीचर्स

फलों की खेती के लिए किसान कैसे करें कृषि यंत्रों का उपयोग जानें, कीमत और फीचर्स
पोस्ट -08 मई 2023 शेयर पोस्ट

फलों की खेती को आसान बनाने वाले प्रमुख कृषि यंत्र, जानिए उपयोग और लाभ

एग्रीकल्चर मशीनरी : आज बागवानी में बढ़ते मुनाफे को ध्यान में रखते हुए किसान पारंपारिक खेती के स्थान पर फलों और सब्जियों की खेती को तेजी से अपना रहे हैं। विभिन्न प्रदेशों में मिट्टी व जलवायु की परिस्थितियों के अनुकूल बागवानी में आम, केला, अमरूद, पपीता, अंगूर, अनार सहित कई विदेशी खट्टे-मीठे फलों की खेती कर रहे हैं। हमारा देश केला, अमरूद, आम, पपीता, अनार, संतरा, चीकू, नाशपति, अंगूर जैसे विभिन्न प्रकार के फलों का प्रमुख उत्पादक है। फलों/ सब्जियों की बागवानी आज किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने एवं देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में एक अहम विकल्प साबित हो रही है। आज महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार और गुजरात जैसे  गर्म जलवायु वाले राज्यों में मुख्य रूप से फलों की खेती  कर फलों का उत्पादन किया जा रहा है। फलों की खेती में पेड़-पौधों की देखरेख, उचित आकार बनाए रखने के लिए छंटाई, कीटों और बीमारियों का फैलाव कम करने एवं पेड़ या पौधे की सही ढंग से बढ़वार के लिए विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किसानों द्वारा  किया जाता है। इनमें हंसिया, चाकू और कुल्हाड़ी जैसे हाथ के पारंपरिक औजारों का प्रयोग प्रमुख रूप किया जाता है। ऐसे में हम ट्रैक्टर गुरु के इस लेख में आपको फलों की खेती के लिए इस्तेमाल होने वाले कुछ जरूरी कृषि उपकरणों की जानकारी विस्तार से देने जा रहे हैं।

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फलों की खेती में आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले कुछ कृषि उपकरण और औजार

फलों की खेती पारंपरिक और आधुनिक दोनों तकनीकों से की जाती है। पारंपरिक तरीकों में हंसिया, चाकू, कुल्हाड़ी, छंटाई कैंची, फावड़े (कुदाल), हाथ आरी जैसे हाथ के औजारों का प्रयोग किया जाता है। वहीं, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और ड्रिप सिंचाई प्रणाली जैसे आधुनिक तकनीकों पर आधारित कई अन्य कृषि औजारों का इस्तेमाल पेड़-पौधों को लगाने, छंटाई, कटाई और रखरखाव के साथ पैदावार बढ़ाने के लिए किया जाता है।  

छंटाई कैंची 

बगीचे में पेड़ों या पौधों की छोटी शाखाओं, कीटों और बीमारियों से संक्रमित टहनियों और कमजोर कलियों को पेड़ों या पौधों से काटकर अलग करने के लिए छंटाई कैंची (प्रूनिंग) का प्रयोग किया जाता है। छंटाई कैंची विभिन्न प्रकार की साइज और डिजाइन में आती है, जिसकी मदद से पेड़ों या पौधों में विभिन्न प्रकार से कटाई की जाती है। छंटाई कैची पेड़-पौधों को अधिक स्वस्थ रूप देने, आकार को सही ढंग से बढ़ाने एवं बेहतर फूलों और फलों को बढ़ावा देती है। साथ ही फलों के पेड़ों या पौधों पर विश्वसनीय, उच्च गुणवत्ता वाले फलों का उत्पादन सुनिश्चित करने में मदद करती है।

लोपिंग कैंची

लोपिंग कैंची, छंटाई कैंची (प्रूनिंग) की तरह ही होती है। इसका इस्तेमाल पेड़ों या पौधों में 10 से 12 इंज की कटौती कर पेड़-पौधें या झाड़ियों का उचित आकार बनाए रखने के लिए किया जाता है। 

हेज कैंची 

हेज कैंची भी एक प्रकार का छंटाई औजार है, जिसका इस्तेमाल पौधे या झाड़ियों के आकार काे सही रूप देने और सौंदर्य बनाए रखने में किया जाता है। हेज कैंची फुटपाथ, ड्राइव वे और मैदानों में लगे पेड़-पौधें या झाड़ियों की छोटी टहनियों और छोटी शाखाओं की नियमित छंटाई कर उन शाखाओं और तनों को खत्म करने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त सांप, वर्मिन और कीटों को नियंत्रित करने में भी मदद करती है।

हाथ आरी

हाथ आरी बगीचे में पेड़ों या पौधों की बड़ी शाखाओं और पेड़ के साथ विकसित अन्य तनों को पेड़-पौधों से काटकर अलग करने में काम आता है। इसके इस्तेमाल से 1 इंच से अधिक व्यास वाले बड़े शाखाओं और तनों को कटाने में किया जाता है, जिन्हें लोपिंग कैंची, छांटाई कैंची या लूपर्स से नहीं काटा जा सकता है। आज आधुनिक तकनीकों में पोल आरी औेर चैन आरी का उपयोग किया जा रहा है। 

लोपर्स 

लोपर्स एक प्रकार की कैंची हैं, जिसका इस्तेमाल छोटी टहनियों, बड़ी शाखाओं और बीमार या मृत शाखाओं को काटने के लिए किया जाता है। लोपर्स या लंबे हैंड्स वाली छंटाई कैंची मैनुअल गार्डनिंग कटिंग औजार का सबसे बड़ा प्रकार है। आसान कटिंग के लिए इस कृषि औजार में 11 से 12 इंच के बीच लंबे हैंडल होते हैं। यह आमतौर पर हाथों से संचालित होती है। इसके अलावा, इसमें टेलीस्कोपिक हैंडल होते हैं, जिन्हें उत्तोलन बढ़ाने और पेड़ पर ऊंची शाखाओं तक पहुंचने के लिए एक से दो मीटर की लंबाई तक बढ़ाया जा सकता है। आधुनिक तकनीकों के नए लोपर्स में एक गियर प्रणाली होती है, जो ब्लेड पर लागू बल को बढ़ाती है। 

फल चुनने वाले यंत्र

फलों के बगीचों में लंबे पेड़ों से फलों की तुड़ाई और कटाई के लिए पिकिंग बैग, टोकरियां, पंजे के साथ लंबे डंडे या छंटाई कैंची का उपयोग किया जाता है। 

फावड़े (कुदाल)

फलों की खेती में पेड़-पौधों की रोपाई करने के लिए होल खोदने एवं होल में खाद मिट्टी के मिश्रण को तैयार कर भरने के लिए फावड़े (कुदाल) का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, बगीचों में खरपतवार हटाने एवं पेड़ के आसपास खाद पानी देने के लिए घेरा तैयार करने में मदद करता है।  

सिंचाई यंत्र

फलों के बगीचों में फल के पेड़ों को सही मात्रा में पर्याप्त पानी देने के लिए ड्रिप/ स्प्रिंकलर सिंचाई यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। ये सिंचाई उपकरण बागवानी में काफी कारगर साबित होते हैं और पैदावार बढ़ाने में मदद करते हैं। 

मृदा जांच उपकरण 

फलों की खेती में पेड़ों या पौधों की रोपाई करने के लिए सबसे पहले खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व और मिट्टी की क्षारीय क्षमता का पता होना जरूरी है। इसके लिए आप मृदा जांच उपकरण का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने जिले के मृदा जांच केंद्र से भी अपने खेतों की मिट्टी के पीएच मान और पोषक तत्वों के स्तर का परीक्षण करवा सकते हैं। 

कृषि रेक

बाग-बगीचों में पत्ते, मलबे और सूखी खास-फूस को इकट्ठा करने के लिए कृषि रेक का इस्तेमाल किया जाता है। यह खेती को उपजाऊ बनाने में मदद करता है। रेक दो प्रकार की होती है। पहला हस्त चलित और दूसरी ट्रैक्टर चालित रेक। रेक बाग-बगीचों को साफ-सुधार रख कर फलों की गुणवत्ता और पैदावार बढ़ने में मददगार है। 

पेस्टिसाइड ऐप्लिकेटस 

बगीचों में फलों के पेड़ों या पौधों को कीटों और बीमारियों से बचाकर रोग मुक्त रखने के लिए पेड़ों या पौधों पर कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का छिड़काव करना आवश्यक होता है। इसके लिए बैकपैक स्प्रेयर, हैंड स्प्रेयर और मिस्ट ब्लोअर का प्रयोग किया जाता है। इन पेस्टिसाइड ऐप्लिकेटस की मदद से बड़े-बड़े बागों में फल के पेड़ों पर कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का छिड़काव कम समय और श्रम लागत में किया जाता है। 

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