Super Seeder Machine : देश में धान कटाई के बाद रबी फसलों की बुवाई का काम चल रहा है, जिसको देखते हुए सरकार द्वारा कई योजनाएं लागू की जा रही है। इनमें किसानों को आधुनिक कृषि मशीनों के उपयोग से धान पराली जलाए बिना फसलों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश के किसान धान कटाई के बाद खेतों में कृषि यंत्र सुपर सीडर के उपयोग से कम लागत में फसलों की बुवाई कर रहे हैं। सुपर सीडर ट्रैक्टर से अटैच होकर कार्य करने वाला ऐसा कृषि यंत्र है, जो फसल अवशेष (धान की पराली) की समस्या का निदान करने के साथ ही साथ फसलों की बुवाई भी करता है। जो किसान धान की कटाई के बाद खेतों में गेंहू और चने की बुवाई करते हैं उनके लिए यह कृषि यंत्र अत्यंत उपयोगी साबित हो रहा है। खास बात यह है कि पराली प्रबंधन में इसकी उपयोगीता को देखते हुए मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसानों को सुपर सीडर खरीदने पर भारी सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। इसके अलावा कस्टम हायरिंग सेंटर और फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से इस मशीन को किराए पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि छोटे और सीमांत किसान भी इस यंत्र का उपयोग खेती में कर सके।
सुपर सीडर (Super Seeder) मशीन खेत की जुताई, बुवाई और खाद छिड़काव करने जैसे कई कृषि कार्य एक साथ करती है। यह एक मल्टीटास्किंग कृषि यंत्र जो धान या अन्य किसी भी फसल के डंठल जिसे नरवाई कहा जाता है उसे आसानी से छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी में मिला देता है। साथ ही यह मशीन फसल की बुआई, जुताई, मल्चिंग और खाद फैलाने का काम भी करती है। इसके उपयोग से फसल अवशेष (नरवाई) को जलाने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे एक और पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण होता है, तो दूसरी ओर मिट्टी के ऊपरी परत के उपयोगी जीवाणुओं के जीवन की रक्षा भी होती है। सुपर सीडर मशीन से धान के खेतों में सीधे गेंहू, चना एवं अन्य फसल की बुवाई की जा सकती है, वह भी बिना पराली जलाए। इस मशीन से खेत में बीज की बुवाई करना बहुत आसान हो जाता है। इसके इस्तेमाल से किसान को नरवाई/पराली के झंझट से राहत मिलती है, जो पराली (फसल अवशेष) किसान के लिए समस्या है, उसे सुपर सीडर मशीन खाद के रूप में बदलकर खेत के लिए वरदान बना देता है। यह मशीन किसानों के समय और पैसे दोनों की बचत करती है और फसल की पैदावार को बढ़ती है।
मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक के.एस. खपेडिया ने कहा कि जिले के कृषि अभियांत्रिकी विभाग में सुपर सीडर मशीन उपलब्ध है। शासन की योजनाओं के अंतर्गत किसान को कृषि यंत्र सुपर सीडर खरीदने पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान लाभ दिया जा रहा है। अगर कोई किसान इस छूट का लाभ लेकर सुपर मशीन खरीदना चाहते है, तो वे जिले के कृषि विभाग कार्यलय में जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान अनुदानित कृषि यंत्र सपुर सीडर के लिए ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर आधार OTP के माध्यम से लॉगिन कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। साथ ही नए किसान एमपी ऑनलाइन या सीएससी केंद्र पर जाकर बायोमैट्रिक आधार अथेन्टिकेशन के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सुपर सीडर के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों के आधार पर लॉटरी सम्पादित की जाती है। लॉटरी में चयनित होने वाले किसान अनुदान पर कृषि यंत्र की खरीद कर सकते हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश में किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए शासन द्वारा कई योजनाओं लागू की जा रही है, जिनमें कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय, मध्य प्रदेश शासन द्वारा छोटे एवं सीमांत श्रेणी के सभी कृषकों के साथ महिला तथा पुरुष वर्ग और जाति वर्ग के अनुसार किसानों को अलग-अलग सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें कृषकों को चयनित कृषि यंत्रों पर 40 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है। हालांकि, ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना में ऑनलाइन आवेदन के साथ कृषक स्वयं के बैंक खाते से निम्नलिखित राशि का डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) सम्बंधित जिले के सहायक कृषि यंत्री के नाम से बनवाकर जमा करना अनिवार्य होता है। बिना धरोहर राशि के आवेदन मान्य नहीं होता है।
कृषि विभाग के उपसंचालक के. एस. खपेडिया ने बताया कि सुपर सीडर सामान्य तौर पर एक घण्टे में एक एकड़ क्षेत्र में नरवाई नष्ट करने के साथ बुवाई कर देता है। गेंहू के बाद जिन क्षेत्रों में मूंग की खेती की जाती है, वहां भी सुपर सीडर यंत्र बहुत उपयोगी है। कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई के बाद गेंहू के शेष बचे डंठल (नरवाई) को आसानी से मिट्टी में मिलाकर सुपर सीडर मूंग की बुवाई कर देता है। कृषि सुपर सीडर के इस्तेमाल से जुताई का खर्च बच जाता है। नरवाई नष्ट करने व जुताई और बुवाई एक साथ हो जाने से खेती की लागत घटती है। जिन किसानों के पास ट्रैक्टर हैं वे शासन की इस योजना के तहत सुपर सीडर खरीदकर एक सीजन में एक लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। वर्तमान में सुपर सीडर मशीन की बाजार कीमत लगभग 3 लाख रुपए के आसपास हो सकती है। ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर उपलब्ध “सब्सिडी कैलकुलेटर” पर कृषि यंत्र सुपर सीडर की लागत के अनुसार किसान को मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी का विवरण देखा जा सकता है।
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