Crop Damage Compensation Karnataka : खराब मौसम एवं प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसलों में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) चलाई जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2016 में इस योजना को लागू किया गया था। इसमें प्राकृतिक आपदा जैसे- बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, सूखा एवं अन्य कारणों से किसानों की फसल में हुए नुकसान की भारपाई की जाती है। हालांकि, इसके लिए किसानों को योजना में अधिसूचित फसलों के तहत बोई गई फसल का बीमा लेना होता है। केंद्रीय क्षेत्र की यह योजना किसानों के जोखिम को कम कर फसल सुरक्षा प्रदान करती है। लेकिन केंद्र सरकार की यह योजना हमेशा से ही सुर्खियों में रहती है। पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) को लेकर हमेशा किसानों की कोई न कोई शिकायत रहती है। हालांकि, योजना को लेकर अभी एक अच्छी खबर सामने आई है। क्योंकि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) में किसानों को न सिर्फ समय से बल्कि फसल बीमा योजना का पूरा लाभ भी मिला है। वर्ष 2023-24 में हुए फसल नुकसान के मुआवजे के तौर पर पीएमएफबीवाई योजना के तहत किसानों को 101.619 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसमें 88 हजार से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिला है।
“द हिंदू” की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के कलबुर्गी में 2023-24 खरीफ सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत फसल बीमा विकल्प चुनने वाले 88,644 किसानों को बीमा लाभ मिला है। बीमित किसानों को विभिन्न कारकों के कारण हुए फसल नुकसान के लिए कुल 101.619 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है। जिले की उपायुक्त फौजिया तरन्नुम ने कहा कि बीमा कंपनी द्वारा बीमित राशि पहले ही किसानों के बैंक खातों में जमा करा दी गई है।
उपायुक्त तरन्नुम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, फसल कटाई मूल्यांकन के आधार पर 69,829 किसानों के बैंक खातों में 94.558 करोड़ रुपए राशि ट्रांसफर की गई है। स्थानीय आपदा श्रेणी के तहत 18,433 किसानों को 6.242 करोड़ रुपए तथा कटाई उपरांत नुकसान श्रेणी के तहत 382 किसानों को 81.927 लाख रुपए की राशि हस्तांतरित की गई है। उन्होंने कहा कि 2023-24 में किसानों को दी गई बीमा राशि को जोड़ दिया जाए, तो पीएम फसल बीमा योजना के तहत यह राशि 185.259 करोड़ रुपए होगी।”
तरन्नुम ने जानकारी देते हुए कहा कि अगर हम 2023-24 में किसानों को दी गई बीमा राशि को जोड़ दें तो यह 185.259 करोड़ रुपये होगी। उन्होंने कहा कि जिले में वर्ष 2023-24 में 1,62,071 किसानों ने 1,86,850 हेक्टेयर में उगाई गई अपनी फसलों के लिए बीमा करवाया। संबंधित बीमा कंपनी को प्रीमियम के रूप में 160.30 करोड़ रुपए दिए गए। प्रीमियम में किसानों का योगदान ₹18.47 करोड़ था, जबकि केंद्र और राज्य सरकारों ने 70.92 करोड़ रुपए का भुगतान किया।
उपायुक्त तरन्नुम ने मीडिया को जानकारी के देते कहा, आधार-बैंक खाता लिंकेज से संबंधित मुद्दों के कारण 281 किसानों के खाते में 35.95 लाख रुपए की राशि हस्तांतरित नहीं की जा सकी है। ऐसे किसानों का विवरण स्थानीय रैयत संपर्क केंद्र पर उपलब्ध है। लाभार्थियों द्वारा अपने खातों को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया पूरी करा लेने के तुरंत बाद यह राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि बीमा राशि के वर्तमान भुगतान में 83.63 करोड़ रुपए की राशि शामिल नहीं हैं, जो वर्षा आधारित क्षेत्रों में अरहर की फसल के नुकसान के लिए 1,20,724 किसानों को दिसंबर 2023 में दिए गए थे। बता दे कि कलबुर्गी जिले में ज्यादातर किसान सोयाबीन, उड़द और लाल चना की खेती करते हैं।
किसान अगर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत अपनी बोई गई फसलों के बीमा विकल्प चुनना चाहते है, तो उन्हें पहले अपने नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क कर फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित फसलों का बीमा पंजीकरण करा बीमा लेना होगा और तय प्रीमियम का भुगतान बीमा कंपनी या बैंकों को करना होगा। इसके अलावा, किसान भाई अपने संबंधित कृषि विभाग के कार्यालय या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से भी संपर्क कर अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। किसान चाहे तो स्वयं भी ऑनलाइन फसल बीमा चुन सकते हैं। इसके लिए किसान को पीएमएफबीवाई (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) की वेबसाइट पर जाना है। यहां योजना से जुड़ी सभी जानकारी आपको मिल जाएगी। किसान प्ले स्टोर से पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) मोबाइल ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं।
किसान फसल बीमा लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे बोई गई फसलों का ब्यौरा, भूमि रिकॉर्ड, पहचान के लिए किसान का आधार कार्ड और पहचान पत्र जैसे कोई भी अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करें। CSC-VLE पंजीकरण प्रक्रिया में आपकी मदद करेंगे। ऋण लेकर खेती करने वाले ऋणी किसान अपने केसीसी बैंक या संबंधित अन्य बैंक संस्थानों द्वारा पीएम फसल बीमा योजना में स्वत: ही बीमित हो जाते है।
फसल नुकसान होने के पश्चात बीमित किसान को क्लेम लेने तथा मुआवजे भुगतान संबंधी शिकायत में समस्याओं का सामना न करना पड़े, इसके लिए फसल बीमा योजना के अंतर्गत एक टोल फ्री नंबर 14447 बनाया हुआ है, जिस पर कॉल कर किसान आसानी से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही किसान को अपने दस्तावेजों एवं समस्याओं के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके बाद किसान को एक टिकट आईडी मिलेगी। साथ ही शिकायत दर्ज होने के बाद किसान को एक एसएमएस मिलेगा। इसके बाद किसान अपनी शिकायत का फॉलो-अप लेना होगा। इस तरह आपकी शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी।
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