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टॉप 5 सोलर उपकरण : किसानों की खेती संबंधित समस्याओं का करेंगे समाधान

टॉप 5 सोलर उपकरण : किसानों की खेती संबंधित समस्याओं का करेंगे समाधान
पोस्ट -27 मई 2023 शेयर पोस्ट

जानें टॉप 5 सोलर उपकरण जो किसानो की खेती से संबंधित समस्याओ का करेंगी दूर 

कृषि सेक्टर में पिछले कुछ सालों के अंदर सौर ऊर्जा का चलन तेजी से बढ़ा है। सोलर उपकरणों के प्रयोग से किसानों को कई तरीके से फायदा मिलता है। इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें आपसी सहयोग से कई योजनाएं भी चला रही हैं, जिसके तहत सोलर पैनल और सौर उपकरणों पर सब्सिडी भी मिलती है। ऐसे में कृषि संबंधित कार्यों में सोलर उपकरणों का इस्तेमाल किसान कर रहे हैं। सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल किसान खेतों में फसलों की सिंचाई और जंगली जानवरों से फसल की सुरक्षा एवं घरों में दैनिक बिजली की आपूर्ति के लिए कर रहे हैं। आधुनिक दौर में सोलर संयंत्र और सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण कृषि क्षेत्र के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। ऐसे में आज हम ट्रैक्टर गुरु के इस लेख के माध्यम से किसान भाईयों को सौर ऊर्जा से चलने वाले 5 सबसे अच्छे सोलर उपकरणों की जानकारी देने जा रहे हैं। किसान भाई इन टॉप 5 सोलर उपकरणों का इस्तेमाल खेती से संबंधित कार्यों सहित घरेलू जरूरतों में सरलता से कर सकते हैं। इन कार्यों में लगने वाले खर्चे की भी बचत कर सकते हैं। 

New Holland Tractor

5 सबसे अच्छे सौर उपकरण 

वर्तमान समय में देश के बाजारों में सौर ऊर्जा से चलने वाले कई आधुनिक उपकरण मौजूद है, जिनमें सोलर ट्राली, सोलर रूफटॉप, सोलर इन्वर्टर, सोलर पंप और सोलर फेंसिंग उपकरण जैसे कई अन्य सौर उपकरण शामिल है। किसान भाई इन सोलर उपकरणों को बेहद किफायती दामों पर खरीदकर खेत संबंधित कामों को सरलता से कर सकते हैं और पैसों की बचत कर सकते हैं। खास बात यह है कि सरकार इन पर सब्सिडी भी प्रदान करती है, जिससे यह आधी से भी कम लागत पर मिलते हैं। सोलर उपकरणों पर कितना खर्च आता है और इस पर कितनी सब्सिडी मिलती है। इन सबकी जानकारी के लिए किसान भाई प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। वहीं, अपने जिला स्तर पर विद्युत विभाग एवं कृषि विभाग से संपर्क भी कर सकते हैं। इसके अलावा, संबंधित उपकरणों को बनाने वाली कंपनियों की वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं। 

सोलर ऑन व्हील्स ट्रॉली

लूम सोलर प्राइवेट लिमिटेड ने किसानों के लिए एक ऐसी सोलर ट्रॉली का निर्माण किया है, जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। यह ट्रॉली जैसा सोलर पैनल सिस्टम है। इस ट्रॉली पर सोलर पैनल फिट करने के लिए पहले से फ्रेम बने हुए होते हैं, जिनमें सोलर पैनल आसानी से फिट कर सौर ऊर्जा से बिजली पैदा की जा सकती है। किसान भाई इस सोलर ट्रॉली को कोसों दूर खेतों में जहां चाहे धूप में खड़ाकर बिजली पैदाकर फसलों की सिंचाई सरलता से कर सकते हैं। खास बात यह है फसलों की सिंचाई करने के बाद किसान इस सोलर ट्रॉली से अच्छी कमाई भी कर सकते हैं। सिंचाई के लिए बिजली समस्या का समाधान करने में यह ट्रॉली वरदान साबित हो रही है, जिसके चलते इसकी डिमांड बाजारों में तेजी से बढ़ती जा रही है। इस सोलर ट्रॉली का इस्तेमाल उन क्षेत्र में किसानों द्वारा ज्यादा किया जा रहा है जहां फसल की सिंचाई मौसम आधारित होती है तथा डीजल या ग्रिड बिजली पंपों से की जाती है। सही मायने में सोलर ऑन व्हील्स ट्रॉली किसी भी जगह बिजली पैदा करने में काफी मददगार है। इसमें लगे फ्रेम में सोलर पैनल फिटकर ट्रॉली को धूप में कहीं भी खड़ा करने पर यह तुरंत बिजली पैदा करना शुरू कर देती है।  

सोलर रूफटॉप

सोलर रूफटॉप को लोग अपने घर की छत पर बड़े स्तर पर स्थापित करवा सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार नागरिकों को 500 केवी तक सोलर रूफटॉप लगवाने पर 20 प्रतिशत तक सब्सिडी भी प्रदान करती है। लोग अपने घरों की छतों पर सोलर रूफटॉप इंसुलेशन करवाकर बिजली पर होने वाले खर्च को 30 से 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। 1 किलो वाट का सोलर पैनल की रूपटॉप लगवाने के लिए 10 वर्ग मीटर जगह की आवश्यकता पड़ती है। इस सोलर पैनल से 25 साल तक बिजली का लाभ उठाया जा सकता है। अगर आप भी अपनी घर की छत पर सोलर रूफटॉप लगवाना चाहते हैं, तो अपने राज्य की बिजली वितरण कंपनी से संपर्क कर सकते हैं।

सोलर पावर फेंसिंग सिस्टम 

सोलर पावर फेंसिंग सिस्टम इलेक्ट्रिक फेंसिंग सिस्टम की अग्रणी प्रणाली है। इस सिस्टम प्रयोग औद्योगिक और कृषि अनुप्रयोगों में घुसपैठियों को रोकने के लिए किया जाता है। सोलर पावर फेंसिंग फसलों की सुरक्षा बारहसिंघा, नीलगाय, जंगली सूअर, खरगोश समेत अन्य जंगली जानवरों से करता है। इस सिस्टम ने किसानों की फसल सुरक्षा में संघर्ष को काफी हद तक कम कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार सोलर पावर फेंसिंग जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए कारगर साबित हो रहा है। 

सोलर पावर फेंसिंग में खेतों या बगीचों में लोहे के एंगल और तारों से कवर किया जाता है। इन तारों को सौर ऊर्जा से बैटरी में जमा करंट दिया जाता है। इन तारों में सोलर पैनल लगे होते हैं, जिनसे तारों में डीसी करंट रिलिज होता है। जैसे ही कोई जंगली जानवर तारों के संपर्क में आता है, तो उसे झटका लगता है, लेकिन इससे जानवर की मौत नहीं होती है, क्योंकि यह वार्निंग करंट होता है। एक-दो बार जब जंगली जानवर सोलर फेंसिंग के संपर्क में आने से झटका लगता है, तो वह दोबारा उस खेत की ओर नहीं आता। 

सोलर पावर फेंसिंग सिस्टम लगाने के लिए सरकार लगभग 60 प्रतिशत सब्सिडी दी देती है। खास बात यह है इस सोलर फेंसिंग सिस्टम की देख-रेख की जिम्मेदारी इसको स्थापित करने वाली कंपनी की होती है। कंपनी इसे ऑपरेट करने ट्रेनिंग भी किसान को देती है। करीब 5 एकड़ भूमि पर सोलर पावर फेंसिंग लगाने पर करीब  40,000 रुपए तक का खर्च आ जाता है। इसमें पिल्लर के लिए बांस एवं बल्ली का इंतजाम किसान को खुद करना होता है। 

सोलर जल पंप 

सोलर पंप एक ऐसा वाटर पंपिंग सिस्टम है, जो सौर ऊर्जा से चलता है। वर्तमान में पानी को पंप करने के लिए किसान सोलर जल पंप का इस्तेमाल बड़े स्तर पर कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार आपसी सहयोग पर इसे बढ़ावा देने के लिए पीएम कुसुम योजना के तहत लागत खर्च का 90 प्रतिशत व्यय स्वयं वहन कर रही है। सरकार द्वारा किसानों को 2 एचपी से लेकर 10 एचपी तक के सोलर जल पंपों पर सब्सिडी दी जाती है। सोलर जल पंप से आज फसलों की सिंचाई और पशुओं को पीने का पानी उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है। वर्तमान समय में कई प्रकार के सौर जल पंप है, जिनमें सौर फोटोवोल्टिक, सौर तापीय जल पंप एवं घरेलू गर्म पानी पंप शामिल है। इनमें मुख्य रूप से यह एक घर के लिए कुएं या नलकूपों से पानी निकालने, फसलों की सिंचाई के लिए पानी, टपक सिंचाई और अन्य जलाशयों से पानी निकालने के लिए सबमर्सिबल सौर जल पंप या सतह सौर जल पंप का उपयोग किया जाता है।

सोलर इन्वर्टर 

सोलर इन्वर्टर घरेलू साधारण इन्वर्टर से कुछ अलग और थोड़ा महंगा होता है। यह घर की मेन सप्लाई और सोलर पैनल से संचालित होता है। सोलर इन्वर्टर सूर्य की किरणों से बैटरी को चार्ज करता है और घर के सभी बिजली  उपकरणों को चलाता है। खास बात यह है कि यदि सूर्य की किरणें सोलर पैनल पर नहीं आ रही और सोलर पावर से चार्ज नहीं हो रहा, तो यह घर की मेन सप्लाई से चार्ज हो जाता है। जिससे मेन बिजली सप्लाई कम से कम उपयोग होती है, जिसके कारण बिजली खर्च में बचत होती है। भारतीय बाजार में प्राय: तीन प्रकार के सोलर इन्वर्टर चलन में है, जिनमें ऑन ग्रिड सोलर इन्वर्टर, ऑफ ग्रिड सोलर इन्वर्टर और हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर शामिल है। सोलर इन्वर्टर का इस्तेमाल करने से पहले इसका कनेक्शन सोलर पैनल से करना होता है। सोलर इन्वर्टर का कनेक्शन आपके बैटरी पावर के ऊपर निर्भर करता है कि आप इन्वर्टर के लिए कितने वोल्ट की बैटरी यूज कर रहे हैं। उदाहरण के लिए अगर आप 12 वोल्ट की बैटरी इन्वर्टर में इस्तेमाल करते हैं, तो उसे चार्ज करने के लिए आपको 24 वोल्ट का सोलर पैनल संयत्र लगवाना होगा। 

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