जानें, खेत की गहरी जुताई से क्या मिलेगा फायदा और सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन
खेती में छोटे-छोटे प्रयोगों से किसानों को कई फायदे पहुंचते हैं। किसानों को इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसा ही एक प्रयोग है ग्रीष्मकाल में खेत की गहरी जुताई। इन दिनों खेतों की गहरी जुताई करने का सीजन चल रहा है। किसान मई व जून में खेत की गहरी जुताई करके कई तरह के लाभ उठा सकता है।
गहरी जुताई से जमीन के अंदर पनपने वाले कीट धूप की गर्मी से समाप्त हो जाते हैं। गहरी जुताई फसलों की जड़ बनाने और जड़ों तक पोषक तत्व पहुंचाने में सहायक होती है। अगर किसान ग्रीष्मकाल में गहरी जुताई करते हैं तो उन्हें आगामी सीजन के फसल उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ मिलता है क्योंकि गहरी जुताई से कीट प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन और मृदा जनित रोगों का प्रबंधन हो जाता है। कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार किसानों को कम से कम 3 वर्षों में एक बार खेतों की 20 सेंटीमीटर तक गहरी जुताई करनी चाहिए।
खेतों की गहरी जुताई के टॉप 7 फायदे (Top 7 benefits of deep plowing of fields)
- गहरी जुताई से भूमि की ऊपरी कठोर सतह टूट जाती है, मिट्टी के अंदर पनपने वाले कीट व खरपतवार के बीज ऊपर आ जाते हैं और धूप की गर्मी से नष्ट हो जाते हैं। फसलों पर कीटों का प्रकोप कम होता है।
- गहरी जुताई के कारण फसल अवशेष मिट्टी में दब जाते हैं जिससे कार्बनिक पदार्थ की मात्रा में इजाफा होता है और मिट्टी में जैविक कार्बन का स्तर बढ़ जाता है।
- ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई से मिट्टी की भौतिक संरचना में सुधार के साथ-साथ मृदा में वायु का आवागमन बढ़ता है जिससे खेती के लिए फायदेमंद सूक्ष्म जीवों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है।
- खेत में गहरी जुताई से जैविक पदार्थों का विघटन सर्वाधिक होता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ-साथ जल सोखने की क्षमता बढ़ जाती है।
- ग्रीष्मकालीन जुताई का फायदा यह है कि गोबर खाद व अन्य कार्बनिक पदार्थ भूमि में अच्छी तरह मिल जाते हैं जिससे पोषक तत्व शीघ्र ही फसलों को उपलब्ध होते हैं।
- गहरी जुताई के बाद भूमि में बारिश का पानी रिस-रिस कर जमीन के अंदर जाता है, जिससे खेतों में बारिश के पानी को धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है, जो आगामी समय में फसलों को सूखने से बचाता है।
- ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई वर्षा जल के व्यर्थ बहाव को भी बचाता है। जुताई खेत की ढाल के विपरित दिशा में करने से मृदा एवं जलकटाव में कमी आती है और वर्षा का जल व्यर्थ नहीं बहता है।
खेत की गहरी जुताई में काम आने वाले कृषि यंत्र (Agricultural equipment used for deep plowing of fields)
ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई के लिए किसान कई तरह के कृषि उपकरण काम में लेते हैं। किसान प्रमुख रूप से मिट्टी पलटने वाले हल जैसे मोल्ड बोर्ड प्लाऊ (moldboard plow), टर्न रेस्ट प्लाऊ (turn rest plow) या रिवर्सेबल मोल्ड बोर्ड प्लाऊ (Reversible Moldboard Plow) आदि का उपयोग करना पसंद करते हैं। इसके अलावा कल्टीवेटर (Cultivator), रोटावेटर(Rotavator), सबसॉइलर (subsoiler) और हैरो (Harrow) भी प्रमुख जुताई उपकरण है।
खेती में काम आने वाले जुताई यंत्रों की विशेषताएं (Features of tillage machines used in farming)
- प्लाऊ (plow) : खेतों की जुताई के लिए प्लाऊ को ट्रैक्टर की सहायता से संचालित किया जाता है। प्लाऊ की तीन वैरायटी हैं जिन्हें मोल्डबोर्ड प्लाऊ, डिस्क प्लाऊ और रिवर्सिबल प्लाऊ के से जाना जाता है।
- कल्टीवेटर (Cultivator) : कल्टीवेटर एक बहुउद्देश्यीय कृषि उपकरण है। कल्टीवेटर में लगे टाइन्स मिट्टी में घुसकर ढेलों को तोड़ते हैं और जमी हुई परतों को ढीला करते हैं और खरपतवारों को हटा देते हैं।
- रोटावेटर (Rotavator) : फसल बोने से पहले खेत की मिट्टी को तैयार करने के लिए रोटावेटर का उपयोग किया जाता है। रोटावेटर में कई घूमने वाले टाइन होते हैं जो मिट्टी को तोड़कर भुरभुरी बनाते हैं। रोटावेटर का उपयोग सूखी व गीली दोनों भूमि की जुताई में होता है।
- सबसॉइलर (Subsoiler) : यह सबसे ज्यादा गहरी जुताई करने वाला कृषि उपकरण है। अगर प्लाऊ, डिस्क हैरो और रोटावेटर से ज्यादा गहरी जुताई करनी है तो सबसॉइलर को खेत में चलाना चाहिए। ट्रैक्टर से चलने वाले इस कृषि यंत्र का उपयोग खेतों में नाली बनाने के लिए भी किया जाता है।
- हैरो (Harrow) : खेतों की प्राथमिक और माध्यमिक जुताई में हैरो को काम में लिया जाता है। प्राथमिक जुताई में डिस्का हैरो का उपयोग होता है, यह मिट्टी को तोड़ता है और फसल अवशेषों को जमीन में मिलाता है। वहीं माध्यमिक जुताई में पावर हैरो काम में आता है।
जुताई यंत्रों पर सब्सिडी कैसे मिलेगी (How to get subsidy on tillage equipment)
केंद्र व राज्य सरकार कृषि यंत्र अनुदान जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को जुताई यंत्रों पर सब्सिडी उपलब्ध कराती है। वर्तमान में राजस्थान सरकार की ओर से रोटावेटर पर सब्सिडी दी जा रही है। किसान 20 बी.एच.पी. से अधिक की क्षमता से लेकर 35 बी.एच.पी. से अधिक की क्षमता तक के रोटावेटर पर अधिकतम 50 प्रतिशत या 42,000-50,400 रु. जो भी कम हो, उस पर अनुदान प्राप्त कर सकता है। किसान योजना की अधिक जानकारी के लिए राज किसान साधी पोर्टल पर संपर्क कर सकता है।
रोटावेटर पर सब्सिडी के लिए आधिकारिक पोर्टल : https :// rajkisan . rajasthan . gov . in /Rajkisanweb/ Kisan#
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