ई-प्राइम मूवर मशीन : खेती करना और भी होगा आसान, बुवाई से लेकर कीटनाशक छिड़काव तक करेगी ये मशीन

पोस्ट -25 अक्टूबर 2022 शेयर पोस्ट

ई-प्राइम मूवर मशीन से किसानों के समय और श्रम की होगी बचत और उत्पादन में होगी वृद्धि

कृषि वैज्ञानिक खेती को और भी ज्यादा आसान बनाने के लिए नई-नई तकनीक पर आधारित मशीनों का इजाद करते रहते है। इन नई-नई तकनीक की मशीनों का खेती में अधिक से अधिक उपयोग हो इसके लिए सरकार कई प्रकार की योजना से किसानों को प्रोत्साहित भी करती है। जिनमें सरकार किसानों को इन मशीनों और तकनीकों के पर उचित दरों से सब्सिडी की सुविधा भी उपलब्ध करती है। जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान इन्हें खरीदकर आधुनिक खेती की ओर अग्रसर हो सकें। दरअसल खेती-किसान में खेतो की जुताई से लेकर फसलों पर कीटनाशकों के छिड़काव, निराई-गुडाई और कटाई जैसे तमाम कृषि कार्यों में कृषि मशीनों की बहुत आवश्यकता होती है। नए-नए तकनीक एवं कृषि यंत्रों से खेती-बाड़ी करना बेहद आसान होता हैं। अगर कृषि के क्षेत्र में ऐसे आधुनिक कृषि यंत्र की सुविधा नहीं हो, तो किसानों के लिए खेती से जुडे कार्य को करना बेहद मुश्किल हो जाता है। वर्तमान समय में कृषि क्षेत्र में कई नई तकनीकों पर आधिरित मशीनों का आविष्कार किया जा रहा है, जिनमें ई-प्राइम मूवर मशीन भी शामिल है। इस मशीन की सहायता से कई घंटों का काम कुछ मिनटों में निपट जा सकता है। इस मशीन की मदद से खेती-किसानी में बुवाई से लेकर छिड़काव के बीच हर काम को आसानी से निपटाया जा सकता है। इस मशीन से किसानों के समय और श्रम की बचत होगी। साथ ही किसानों के उत्पादन में भी वृद्धि होगी। तो आइए ट्रैक्टरगुरू के इस लेख के माध्यम से इस ई-प्राइम मूवर मशीन के बारे में जानते हैं। 

ई-प्राइम मूवर मशीन 

खेती में फसलों में बुवाई से लेकर, निराई-गुड़ाई, कीट-रोग नियंत्रण और निगरानी से जुड़े कार्य आसानी कम समय पर निपटाने के लिए ई-मूवर प्राइम मशीन का इजाद किया गया है। इस मशीन को केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के वैज्ञानिकों ने बनाया है। यह मशीन किसानों की मुश्किलें काफी हद तक आसान कर सकती हैं। इस मशीन के आने से किसान निड़ाई-गुड़ाई से लेकर खेतों में कीटनाशक छिड़कने से तक का काम बेहद आसानी से कर लेंगे और मजदूरों पर उनकी निर्भरता भी कम होगी। ई-मूवर प्राइम मशीन में फसल सुरक्षा के लिए बोर्ड बैटरी मॉनिटरिंग सिस्टम, इमरजेंसी स्टॉप स्विच, डिजिटल स्पीड इंडिकेटर, लोड करंट और वोल्टेज मॉनिटरिंग सिस्टम, सेफ्टी स्विच जैसे कई उपकरण भी लगाये गये हैं। 

समय और श्रम की बचत 

कृषि संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि खेती में बुवाई से लेकर छिड़काव के बीच हर काम को आसानी से निपटाने के लिए ई-प्राइम मूवर मशीन का प्रयोग किया जा सकता हैं। इस मशीन की सहायता से सवा एकड़ क्षेत्र में दवा और खाद छिड़काव का कार्य करने में सिर्फ एक घंटे का वक्त लगता है। इसके अलावा इतने ही क्षेत्र में निराई-गुड़ाई करने पर यह मशीन करीब 4 से 5 घंटे का समय लेती है। केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के विशेषज्ञों के मुताकिब इस मशीन से किसानों के समय और श्रम की बचत होगी। साथ ही खेती की लागत कम आती है। लागत कम आने से खेती में किसानों का मुनाफा भी बढ़ता है। 

ई-प्राइम मूवर मशीन की विशेषता 

केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के विशेषज्ञों का कहना है कि इस इस मशीन की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि यह मशीन सौर ऊर्जा से चलती है। इसकी बैटरी को फूल चार्ज करने में मुश्किल से तीन घंटे का समय लगता है। इसे चलाने के लिए ईंधन यानी डीजल-पैट्रोल की जरूरत नहीं होती है। खेती को आसान बनाने वाली ये मशीन 2 क्विंटल तक वजन आसानी से उठा सकती है। इसकी सहायता से सब्जी फसलों का उत्पादन, बीज, खाज-उर्वरक और कीटनाशकों को ढोकर खेत तक आसानी से ले जाया जा सकता हैं। इसके अलावा लिए इस मशीन का उपयोग बिजली न होने पर घर की लाइटें जलाने के लिये भी कर सकते हैं।

ई-प्राइम मूवर मशीन की कीमत क्या हैं?

सौर ऊर्जा आधारित ई-प्राइम मूवर मशीन की कीमत किसानों को ध्यान में रखते हुए उचित रखी गई हैं। इस मशीन की सोलर पैनल के साथ करीब 3.20 लाख रुपए के आसापास हो सकती हैं। और बिना वहीं बिना सोलर पैनल के इस मशीन की कीमत 1 लाख 80 हजार रुपये के आसपास हो सकती है। ई-प्राइम मूवर मशीन की ऑपरेटिंग का खर्च सिर्फ 500 रुपये प्रति घंटा है। किसान चाहें तो ई-प्राइम मूवर मशीन  को खरीदकर कृषि कार्यों को कम खर्च पर आसानी से निपटा ही सकते हैं। इसके अलावा किसान इसे किराये देकर अतिरिक्त कमाई भी कर सकते है। 

ई-प्राइम मूवर मशीन पर्यावरण के बचाव में मददगार है  

केंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, भोपाल के कृषि वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा से चलने वाला ई-प्राइम मूवर मशीन को बनाया है, जो खेती के क्षेत्र में नयी क्रांति लाने के लिए तैयार है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पर्यावरण बचाव के लिए भी यह एक बेहतरीन विकल्प है। क्योंकि यह मशीन सौर ऊर्जा से चलती है। जिससे किसी भी प्रकार कोई प्रदूषण नहीं होता हैं। सौर ऊर्जा से ऑपरेट होना ही इस और भी खास बनाती है। इसके अलावा हमारें देश के वैज्ञानिकों ने ट्रैक्टरों के लिए एक सीएनजी इंजन विकसित भी किया है। अब ट्रैक्टरों में डीजल इंजन की जगह सीएनजी इंजन आने लगेगे। सीएनजी इंजन से ईंधन की बचत के साथ साथ किसानों का खर्चा भी आधा हो और पर्यावरण को भी काफी हद तक फायदा मिलेगा। 

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