बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर मशीन लांच, अब जुताई और बुआई का काम होगा आसान

पोस्ट -04 अगस्त 2022 शेयर पोस्ट

किसान अब कम लागत पर आसानी से कर सकेंगे खेतों की जुताई एवं बुआई

कृषि क्षेत्र में आजकल नई-नई आधुनिक तकनीकों का प्रयोग काफी बढ़ गया है। खेतों की जुताई, बीजों की बुवाई से लेकर फसल की कटाई तक छोटे से बड़े कृषि कार्यों को करने के लिए किसान इन आधुनिक तकनीक से लैस कृषि यंत्रों का प्रयोग कर रहे हैं। इन आधुनिक तकनीक से लैस कृषि यंत्रों के प्रयोग ने खेती को पहले के मुकाबले बेहद आसान बना दिया है। इन आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से किसान बेहद कम समय और कम लागत में खेती के कार्य पूर्ण कर लेते हैं। जिससे खेती की लागत में भी कमी आती है एवं किसानों की आय में भी वृद्धि होती हैं। लेकिन वर्तमान समय में पेट्रोल-डीजल के दामों हो रही लगातार बढ़ोतरी ने किसानों की खेती में लागत बढ़ा दी है। किसानों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा किसानों के लिए लगातार नए-नए तकनीक पर आधारित कृषि यंत्र बनाए जा रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक किसान इन कृषि यंत्रों का लाभ ले सकें। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ कृषि विश्वविद्यालय की ओर से किसानों के लिए नई तकनीक पर दो कृषि मशीन क्रमशः बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर मशीन बनाई हैं। जिसे गत महीने में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा हरेली तिहार के पर्व पर लांन्च किया गया है। तो आइए ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से पशुचालित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर की विशेषताएं और लागत मूल्य के बारें में जानते हैं। 

हरेली तिहार के मौके पर कृषि प्रदर्शनी में किया लांच

सुत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार के मौके पर कृषि कार्य आसान बनाने वाले दो तरह के कृषि यंत्रों पशुचालित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर की लॉन्चिंग की। सुत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने दुर्ग जिले के विकासखण्ड पाटन के ग्राम करसा में लगाई गई कृषि प्रदर्शनी में इन दोनों कृषि यंत्रों को लॉन्च किया गया। यह दोनों बैटरी ऑपरेटेड कृषि यंत्र इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय छत्तीसगढ़ के वैज्ञानिकों ने बनाया है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इन यंत्रों के इस्तेमाल से किसानों को कृषि कार्य में लगने वाले समय में कमी आएगी। साथ ही लागत में भी कमी होगी। 

पशुओं पर भी बोझ कम पड़ेगा

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इन यंत्रों के इस्तेमाल से किसानों को कृषि कार्य में लगने वाले समय में कमी आएगी साथ ही लागत में भी कमी होगी। दूसरी ओर बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर के उपयोग से पशुओं पर भी बोझ कम पड़ेगा। बैटरी सह मोटर के उपयोग से मवेशियों को यंत्र को खींचने में बल कम लगता है, जिससे मवेशियों को थकान कम होगी। इन यंत्रों को बनाने के लिए मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा का विशेष मार्गदर्शन रहा है। इन यंत्रों की लॉन्चिंग मौके पर इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल भी मौजूद थे।

बैटरी से चलने वाले कल्टीवेटर की विशेषता एवं कीमत 

कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा किसानों के लिए लगातार नए-नए प्रकार के कृषि यंत्र बनाए जा रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक किसान इन कृषि यंत्रों का लाभ ले सकें। इसी का एक उदाहरण पशुचालित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर हैं। यह यंत्र खेत की जुताई के द्धितीयक जुताई का एक बेहतर विकल्प हैं। दरअसल किसानों के द्वारा सामान्यतः जुताई के कार्य के लिए देसी हल का उपयोग किया जाता हैं। इसके पश्चात पाटा का उपयोग किया जाता है। इस दौरान खेत में ढेले टूट नहीं पाते। इससे बीज बोने वाले यंत्र को चलाने में कठिनाई होती है। ऐसे में द्वितीयक जुताई के लिए पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर कृषकों की समस्या का निदान कर सकता है। इस कृषि यंत्र में 750 वॉट (1 एचपी) की मोटर लगी है और इस मोटर को चलाने के लिए इसमें 48 वोल्ट पॉवर की बैटरी लगाई गई है। इस बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर की सहायता से 1 हेक्टेयर खेत को 5-7 घंटे में एक बार द्वितीयक जुताई की जा सकती है। बैटरी ऑपरेटेड होने की वजह से जहाँ मवेशियों को कम बल लगाना पड़ेगा तो वहीं कृषक भी सीट पर बैठकर आसानी से पूरे यंत्र को संचालित कर सकते हैं। इस पूरे यंत्र की लागत करीब 55-60 हजार रुपये बतायी जा रही है। 

पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड प्लांटर की विशेषता एवं कीमत 

इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक द्वारा पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड प्लांटर भी बनाया गया है। इसकी सहायता से कतारबद्ध बीज से बीज की दूरी बनाए रखते हुए बुआई की जा सकेगी। इस प्लांटर को कतार से कतार के बीच की दूरी फसल के अनुसार 20 से 50 सेन्टीमीटर तक व्यवस्थित रखते हुए कम समय में बीजों की बुवाई कर सकते हैं। पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड प्लांटर की लागत लगभग 20-25 हजार रुपये के लगभग बताई जा रही है।

सब्सिडी पर उपलब्ध कृषि उपकरण 

किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान देने के लिए अपने-अपने स्तर पर राज्य सरकार अलग-अलग अनुदान योजनाएं लॉन्च कर अपने किसानों को इन कृषि यंत्रों पर अनुदान देती हैं। छत्तीसगढ़़ की बघेल सरकार अपने राज्य के किसानों को कृषि मशीनों पर 40 से 70 प्रतिशत तक सब्सिडी की छूट दे रही है। इसके लिए राज्य सरकार अपने राज्य के किसानों से केन्द्र की कृषि मशीनों पर सब्सिडी योजना के तहत समय-समय पर आवेदन की मांग करती रहती है। कृषि मशीनों पर अनुदान योजना का लाभ छोटे और सीमांत सामान्य श्रेणी एवं आरक्षित श्रेणी वर्ग के किसानों को दिया जाता हैं। सूत्रों का कहना है कि यदि सरकार इन दोनों यंत्रों पर यदि सब्सिडी पर उपलब्ध कराती है, तो इससे छोटे और सीमांत सामान्य श्रेणी एवं आरक्षित श्रेणी वर्ग के किसानों को खेती में काफी लाभ होगा। 

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