Top 5 Paddy Harvesting Machines : धान (चावल) को भारत की दूसरी सबसे बड़ी खाद्यान्न फसल माना जाता है। देश में इसकी खेती खरीफ मौसम में की जाती है। मानसून शुरू होते ही किसानों भाईयों द्वारा धान की (paddy cultivation) खेती लगाने की तैयारी शुरू कर दी जाती है। भारत के पूवी-दक्षिणी राज्यों में धान की खेती बड़े स्तर पर होती है। इसके खेतों में तैयार धान के पौधों की रोपाई एवं बीज की बुआई जून मध्य से जुलाई महीने के अंत तक की जाती है। धान (Paddy) के गुणवत्तापूर्ण अधिक उत्पादन के बेहद जरूरी होता है कि चावल की खेती धान के प्रमाणित बीजों से ही लगाई जाए और फसलों की कटाई, मड़ाई और ओसाई जैसे प्रबंधन कार्य तकनीकी मशीनों के इस्तेमाल से किया जाए। आज कई धान उत्पादक राज्य धान फसल की कटाई के लिए विभिन्न हार्वेस्टर (फसल कटाई) मशीनों और कृषि उपकरणों का उपयोग करते हैं, जो उनके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। हसिया, दरात की मदद से फसल की पारंपरिक तरीके से कटाई की तुलना में, मशीनीकृत कटाई प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक, तेज और कुशल है। पिछले कुछ वर्षों में कंबाइन हार्वेस्टर और मैकेनाइज्ड धान काटने वाली मशीनों का उपयोग काफी बढ़ गया है। इससे फसल कटाई की श्रम लागत में कमी और किसानों की आय में वृद्धि भी होती है। धान की मशीनीकृत कटाई किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। धान फसल की कटाई के लिए भारत में विभिन्न मशीनें उपलब्ध है, जिसमें से हम टॉप 5 हार्वेस्टर मशीनों के बारे में जानकारी किसान भाईयों को देने जा रहे हैं।
भारतीय कृषि में फसल कटाई (हार्वेस्टिंग) के लिए तकनीकी मशीनों का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है। देश में धान समेत अन्य प्रमुख अनाज फसलों की कटाई के लिए मौजूदा वक्त में किसानों द्वारा विभिन्न हार्वेस्टिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन मशीनों की मदद से फसलों की कटाई और मढ़ाई का कार्य पहले से अधिक कुशलता और कम श्रम लागत के साथ पूरा करने में किसान सक्षम हुए है। भारतीय किसानों द्वारा ट्रैक्टर माउंटेड कंबाइन हार्वेस्टर, स्व-चालित हॉर्वेस्टर, ट्रैक्टर माउंटेड वर्टिकल कन्वेयर रीपर, स्व-चालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर (राइडिंग टाइप) और रीपर बाइंडर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। फसल कटाई की इन मशीनों के माध्यम से किसान धान सहित गेहूं, सोयाबीन, जौ, रागी, बाजरा, ज्वार, ग्वार, सरसों, जई और पशुओं के चारे आदि फसलों की कटाई कर सकते हैं और अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। कृषि विभाग राज्य की विभिन्न योजनाओं के तहत अप्रूव्ड हार्वेस्टिंग मशीनों के लिए किसानों को तय प्रावधान के तहत अनुदान का लाभ भी प्रदान करता है।
ट्रैक्टर से चलने वाली वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन (Tractor Mounted Vertical Conveyor Reaper) मध्यम किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है। इस रीपर मशीन (reaper machine) की मदद से किसान भाई धान, गेहूं, सरसों, जौ, ज्वार, जई और सोयाबीन फसलों की हार्वेस्टिंग कर सकते हैं। ट्रैक्टर माउंटेड वर्टिकल कन्वेयर रीपर (Tractor Mounted Vertical Conveyor Reaper) मशीन में 76 MM पिच की रेसिप्रोकेटिंग कटर बार असेंबली, 7 फसल रो डिवाइडर्स और दो वर्टिकल कन्वेयर बेल्ट्स शामिल होते हैं। इनमें लुग्स, प्रेशर स्प्रिंग्स, पुली और पावर गियरबॉक्स ट्रांसमिशन सिस्टम लगे होते हैं। यह रीपर मशीन 2 मॉडल में आती है। पहले में चार कन्वेयर बेल्ट और दूसरे मॉडल में पांच कन्वेयर बेल्ट आती है। इस मशीन की चौड़ाई सात फुट की होती है। इन मशीन को ट्रैक्टर के सामने माउंट किया जाता है। ट्रैक्टर के PTO से इंटरमीडिएट शाफ्ट और कनेक्टिंग शाफ्ट के माध्यम से इस मशीन को शक्ति प्रदान की जाती है।
इस रीपर मशीन को 35 एच.पी पावर से ऊपर के ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है। इसकी मुख्य विशेषताओं में 7 स्टार व्हील्स, 197-350 किग्रा वजन शामिल हैं। ट्रैक्टर माउंटेड वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन की कीमत भारतीय बाजारों में लगभग 45 हजार से 55 हजार रुपए के आसपास हो सकती है। ट्रैक्टर वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन के इस्तेमाल से एक दिन में 10 से 15 एकड़ में फसलों की कटाई आसानी से की जाती है।
स्व-चालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन (राइडिंग टाइप) एक स्व-संचालित यूनिट है, जिसमें चालक मशीन पर सवार होता है। राइडिंग प्रकार में यह रीपर मशीन फसल कटाई की लोकप्रिय और पावरफुल मशीन है। इस मशीन में प्राइम मूवर के रूप में 6 hp/4.5 kW डीजल इंजन होता है। इस स्व-चालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन में दो रबर के टायर लगे होते हैं। इसका संचालन स्टीयरिंग रियर आइडलर्स द्वारा की जाती है। इस मशीन में सुविधाजनक क्लच, ब्रेक, स्टीयरिंग, हाइड्रोलिक सिस्टम और सरल पावर ट्रांसमिशन होता है। जो इसके ऑपरेशन को आसान बनाते हैं। इसमें फसल रो डिवाइडर, स्टार व्हील, 76.6 mm कटर बार, कन्वेयर बेल्ट और वायर स्प्रिंग लगे होते हैं।
इस रीपर मशीन में किसान भाईयों को 2 फॉरवर्ड और 1 रिवर्स स्पीड गियर मिलते हैं। यह कटाई के बाद फसल को एक विंडरो में साइड में गिरा देता है। इस मशीन का वजन 1530 किग्रा वजन, ऑपरेटिंग स्पीड 3.0-3.5 km/h अनाज हानि 5.0-5.9 प्रतिशत और कार्य क्षमता 0.25 से 0.30 हेक्टेयर प्रति घंटे की है। यह मशीन 0.90 से 1.15 लीटर ईंधन खपत करती है। इस रीपर मशीन की सहायता से धान, गेहूं, सोयाबीन और अन्य फसलों की कटाई की जा सकती है। राइडिंग टाइप वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन की कीमत करीब 1 लाख से 1.20 लाख रुपए के आसपास हो सकती है।
ट्रैक्टर माउंटेड कंबाइन हार्वेस्टर मशीन में कटाई यूनिट, थ्रेसिंग यूनिट और उपज सफाई और अनाज भंडारण यूनिट होती है। कटाई भाग में रील, कटर बार, एक ऑगर और एक फीडर कन्वेयर लगा होता है, जबकि थ्रेसिंग भाग में थ्रेसिंग सिलेंडर, कंकव और सिलेंडर बीटर शामिल होते हैं। अनाज सफाई खंड में वॉकर, चाफर सिव तथा अनाज संग्रहण के लिए एक पैन होता है। अनाज संभालने के खंड में अनाज एलीवेटर और डिस्चार्ज ऑगर लगा होता है। फसल कटाई के बाद उपज फीडर कन्वेयर के माध्यम से सिलेंडर और कंकव असेंबली में भेजी जाती है, जहां इसे थ्रेस कर अनाज और भूसे को अलग-अलग किया जाता है। ट्रैक्टर कंबाइन हार्वेस्टर की विशेषताओं में 90-110 hp / 67.5-82.50 kW पावरवाला इंजन, कटर वजन 8200 किग्रा शामिल हैं। ट्रैक्टर माउंटेड कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत भारत में लगभग 12 लाख रुपए हो सकती है।
खेती में स्व-चालित कंबाइन हार्वेस्टर मशीन (Automatic Combine Harvester) ने किसानों की कृषि लागत को कम किया है और फसल उत्पादन भी काफी हद तक बढ़ाया है। इस बहुमुखी मशीन से फसलों की कटाई से लेकर उनके स्टॉक तक के कई चुनौती पूर्ण कार्य कम श्रम लागत और समय में पूरा कर लिया जाता है। वर्तमान में यह मशीन खेती में किसानों के लिए काफी कारगर साबित हो रही है। स्व-चालित कंबाइन हार्वेस्टर मशीन (Automatic Combine Harvester) का उपयोग लगातार 24 से 30 घंटे तक किया जा सकता है। इस हार्वेस्टर मशीन में कटाई यूनिट, थ्रेसिंग यूनिट और सफाई और अनाज संभालने की यूनिट शामिल होती हैं। कटाई खंड में रील, कटर बार, एक ऑगर और एक फीडर कन्वेयर होता है, जबकि थ्रेसिंग खंड में थ्रेसिंग सिलेंडर, कंकव और सिलेंडर बीटर होते हैं। कटाई के बाद फसल फीडर कन्वेयर के माध्यम से सिलेंडर और कंकव असेंबली में भेजी जाती है, जहां इसे थ्रेस किया जाता है और अनाज और भूसे को अलग किया जाता है। ग्रेन टैंक की कैपेसिटी 18 क्विंटल तक की है। इसकी विशेषताओं में कुल वजन कटर बार के साथ 7800 से 8200 किलोग्राम, 90-110 hp / Kw पावर वाला इंजन, 3 फॉरवर्ड और 1 रिवर्स के साथ कुल 4 गियर, स्पीड आगे की ओर 3 से 8.5 किमी/घंटा है, जबकि पीछे की ओर अधिकतम स्पीड 3 से 9.0 किमी/घंटा शामिल है। इस हार्वेस्टर में पावर स्टीयरिंग होता है। स्व-चालित हार्वेस्टर में 14 फुट लंबा कटरबार (दांतेदार फसल काटने की पट्टी) दिया है। भारतीय मार्केट में स्व-चालित कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत 14 से 19 लाख रुपए हो सकती है। इस हार्वेस्टर से गेहूं की फसल की कटाई करीब 4 से 4.5 एकड़ प्रति घंटे, धान की फसलों की कटाई करीब 3 एकड़ प्रति घंटे और मक्का एवं अन्य फसलों की कटाई 2 एकड़ प्रति घंटा की दर से की जा सकती है। कटाई की स्पीड जमीन के स्तर पर निर्भर करती है। कटाई में यह हार्वेस्टर 8 से 9 लीटर प्रति घंटे की डीजल खपत करता है।
रीपर का उपयोग मध्यम और छोटे आकार के खेतों में किया जा सकता है। इस मशीन की मदद से धान की फसल की कटाई कम लागत और श्रम में आसानी से की जा सकती है। छोटे किसानों के लिए यह रीपर मशीन काफी उपयोगी साबित हो रही है। यह मशीन उन क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी होती है जहां बड़े कंबाइन हार्वेस्टर का उपयोग नहीं किया जा सकता। यह हार्वेस्टिंग मशीन फसल की कटाई के साथ-साथ उसे बांधने का कार्य भी करती है। यह नवीनतम यांत्रिक मशीन शत- प्रतिशत भूसे की कटाई को सुनिश्चित करती है और अत्यंत कम लागत पर नगण्य अनाज हानि के साथ काम करती है। इस मशीन की मुख्य विशेषताओं में 10.2 हॉर्सपावर एयर कूल्ड डीजल इंजन, 4 फॉरवर्ड और 1 रिवर्स गियर और मशीन का वजन 400 किलोग्राम, फसल कटाई की चौड़ाई 12 मीटर, कटाई की ऊंचाई 3-5 सेंटीमीटर शामिल है। यह रीपर मशीन 1 घंटे में एकड़ खेत में फसल की कटाई और बांधने का काम करती है, जिसमें मात्रा 1 लीटर ईंधन की खपत होती है। इस मशीन के उपयोग से चावल, गेहूं, धान, जई, जौ और अन्य अनाज फसलों की कटाई की जा सकती है। भारतीय मार्केट में इस रीपर बाइंडर मशीन की कीमत करीब 50 हजार से 2 लाख रुपए तक हो सकती है।
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