Agribusiness Incubation Centre (ABIC) : अगर आपके पास कृषि से जुड़ा कोई बेहतर बिजनेस आइडिया है और उसे जमीनी स्तर पर उतारकर खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक सुनहरा मौका है! भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब एग्री-बिजनेस शुरू करने वालों को 4 लाख से लेकर 25 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत किसान, युवा, छात्र, महिलाएं और कृषि उद्यमी कम लागत में अपना खुद का कारोबार (बिजनेस) शुरू कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और आसान है, जिससे अधिक से अधिक लाभार्थी योजना का लाभ उठा सकें।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और नए कृषि-आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार एक महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। एचएयू के एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (एबिक) द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से तीन प्रोग्राम - "छात्र कल्याण प्रोग्राम", "पहल", और "सफल 2025" का संचालन किया जा रहा है। अगर आपके पास कृषि या कृषि से संबंधित व्यवसाय का कोई अभिनव विचार (आइडिया) है, तो आपको इस कार्यक्रम के माध्यम से 25 लाख रुपए तक का अनुदान मिल सकता है। यह अनुदान राशि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) स्थित एबिक (ABIC) सेंटर द्वारा एकमुश्त प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
“छात्र कल्याण प्रोग्राम”, “पहल” एवं “सफल 2025” तीनों कार्यक्रमों का लक्ष्य युवाओं को ब्याज अनुदान के साथ सस्ता ऋण उपलब्ध कराना है, ताकि वे कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्रों में अपना बिजनेस स्थापित कर सकें। इच्छुक लाभार्थी चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट www.hau.ac.in पर 10 सितंबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह योजना उन उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो कृषि एवं उससे संबंधित क्षेत्र में नवाचार लाना चाहते हैं और आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के मुताबिक, विश्वविद्यालय में स्थापित एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (एबिक) कृषि क्षेत्र में नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान कर रहा है। युवा, छात्र, किसान, महिलाएं और उद्यमी इस एबिक सेंटर के माध्यम से अपना कृषि-आधारित व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। यह सेंटर न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करता है, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। इस सेंटर के माध्यम से इच्छुक उद्यमी मार्केटिंग, नेटवर्किंग, लाइसेंसिंग, ट्रेडमार्क व पेटेंट जैसे कानूनी पहलुओं, तकनीकी सहायता और फंडिंग से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण लेकर कृषि क्षेत्र में अपने स्टार्टअप्स को "नया आयाम" दे सकते हैं। यह कार्यक्रम उद्यमियों के लिए विचारों को सफल उद्यमों में बदलने के लिए मददगार हो सकता है।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के अनुसार, एबिक सेंटर के “छात्र कल्याण प्रोग्राम के तहत छात्रों को स्वयं के रोजगार की शुरुआत कर उद्यमी बनाने में मदद की जाएगी। इसके लिए, केवल पढ़ने वाले छात्र ही आवेदन कर सकते हैं। चयनित छात्र को एक महीने का प्रशिक्षण व 4 लाख तक की अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रोग्राम के तहत यह राशि चयनित छात्र को एकमुश्त दी जाएगी।
एबिक सेंटर की ओर से संचालित पहल प्रोग्राम के माध्यम से चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण व 5 लाख रुपए तक की अनुदान राशि देने का प्रावधान किया गया है। यह अनुदान राशि एकमुश्त दी जाएगी। वहीं, सफल प्रोग्राम के तहत चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण व 25 लाख तक की अनुदान राशि का प्रावधान किया गया है। यह राशि चयनित उम्मीदवार को दो किश्तों में दी जाएगी। पिछले 6 सालों में 73 स्टार्टअप्स को केंद्रीय कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा करीब 9 करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा है कि एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (ABIC) युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने का एक सुनहरा अवसर है। यहां प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता लेकर युवा रोजगार खोजने के बजाय रोजगार देने वाले बन सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस सेंटर के जरिय स्थापित होने वाले कृषि-स्टार्टअप्स देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन के तौर पर, भारत सरकार ने महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए 10 % अतिरिक्त अनुदान राशि देने का भी प्रावधान रखा है, यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्रो. काम्बोज ने बताया कि युवा, किसान और उद्यमी एबिक सेंटर के माध्यम से कृषि क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिंग क्षेत्रों में व्यापार की असीमित संभावनाएं तलाश सकते हैं। सेंटर के ये तीनों कार्यक्रम ("छात्र कल्याण प्रोग्राम", "पहल", और "सफल 2025") लाभार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने में काफी मददगार साबित होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस सेंटर से अब तक जुड़े युवा उद्यमियों और किसानों ने न केवल अपनी कंपनियों का टर्नओवर करोड़ों रुपये तक पहुंचाया है, बल्कि उन्होंने दूसरे लोगों को रोजगार भी प्रदान किया है।
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