भारत में किसानों को समय-समय पर लोन की आवश्यकता पड़ती है, इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर लोन की सुविधा उपलब्ध कराती है। किसानों को अल्पकालीन लोन उपलब्ध कराने के लिए कई संस्थाएं काम कर रही है। इसमें सबसे प्रमुख बैंक है। बैंक किसानों को केसीसी के माध्यम से सस्ता लोन उपलब्ध करा रही है, लेकिन केसीसी लोन कम राशि व कम समय अवधि के लिए मिलता है। ऐसे में किसानों को दीर्घकालीन ऋण की आवश्यकता महसूस होती है। किसानों की जरुरतों को समझते हुए अब सरकार ने किसानों के लिए दीर्घ कालीन कृषि ऋण योजना शुरू करने की घोषणा की है। भूमि विकास बैंक से किसानों को ट्रैक्टर सहित कृषि यंत्रों के लिए 9 साल तक की अवधि के लिए लोन मिल सकता है। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस खबर में योजना के बारे में जानते हैं।
दीर्घ कालीन कृषि ऋण योजना के तहत किसान ट्रैक्टर, कृषि उपकरणों की खरीद, नवकूप निर्माण, कुएं को गहरा कराने, पंपसेट, पक्की नाली, तालाब निर्माण, स्प्रिंकलर ड्रिप सिंचाई प्रणाली, पॉली हाउस, शेड नेट हाउस, डेयरी, मत्स्य पालन व भेड़-बकरी पालन के लिए लॉन्ग टर्म लोन की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
योजना के तहत राज्य के किसानों को सहकारी भूमि विकास बैंकों की ओर से दीर्घकालीन लोन उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार ने 130 करोड़ रुपए के ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने किसानों और लघु उद्यमियों को बड़ी राहत देते हुए यह घोषणा की है। राज्य के सभी जिलों के किसान और लघु उद्यमी सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से दीर्घकालीन ऋण प्राप्त कर सकेंगे। यह ऋण ब्याज अनुदान योजनाओं के तहत दिया जाएगा, जिससे किसानों को बेहतर वित्तीय समर्थन प्राप्त होगा। राज्य के 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को इस योजना के तहत कुल 130 करोड़ रुपए के ऋण वितरण का लक्ष्य सौंपा गया है। यह कदम राज्य सरकार की बजट घोषणा का हिस्सा है, जो किसानों और लघु उद्यमियों को सस्ते ब्याज दरों पर दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराएगा।
अब, राज्य के सभी जिलों के किसान और लघु उद्यमी सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से दीर्घकालीन कृषि और अकृषि ऋण प्राप्त कर सकेंगे। राजस्थान के सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि किसानों और लघु उद्यमियों को यह ऋण 7% और 5% ब्याज अनुदान योजनाओं के तहत मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप, दीर्घकालीन कृषि ऋण (Long Term Agriculture Loan) केवल 5.05% की ब्याज दर पर उपलब्ध होगा, जबकि दीर्घकालीन अकृषि उत्पादक ऋण 7.05% की ब्याज दर पर मिल सकेगा।
नाबार्ड से पुनर्वित्त की कमी के कारण पिछले कुछ समय से अधिकांश भूमि विकास बैंकों द्वारा इन योजनाओं के तहत ऋण का वितरण नहीं किया जा रहा है, लेकिन हाल ही में नाबार्ड द्वारा पुनर्वित्त जारी करने और एनसीडीसी द्वारा ब्याज दरों में कमी किए जाने के कारण अब लोन का वितरण संभव हो सकेगा। राज्य के 15 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को भी ऋण वितरण का लक्ष्य सौंपा गया है, जिनमें पिछले 5-6 वर्षों से दीर्घकालीन ऋण वितरण नहीं हो पा रहा था। इनमें अजमेर, केकड़ी, टोंक, हिण्डौन, सवाई माधोपुर, जालौर, पाली, सिरोही, बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, और उदयपुर शामिल हैं।
दीर्घकालीन सहकारी साख संरचना को मिलेगा नया जीवन
यह कदम प्रदेश की दीर्घकालीन सहकारी साख संरचना (SLDB/PLDBs) को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल किसानों को सस्ते ब्याज पर ऋण मिलेगा, बल्कि यह कृषि और अकृषि क्षेत्र में विकास को भी गति देगा। यह सरकारी पहल किसानों और लघु उद्यमियों के लिए एक बेहतरीन मौका है, जिससे वे अपनी खेती और व्यवसाय में सुधार ला सकेंगे और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगे।
योजना के तहत किसान अपना पुराना लोन चुकाकर नया लोन प्राप्त कर सकते हैं। सहकारी समिति के रजिस्ट्रार ने किसानों से अपील की है कि वे बैंक की ऋण वसूली में सहयोग करें तथा अपने बकाया ऋणों का चुकारा कर अपनी जमीन रहन मुक्त करवाकर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। बता दें कि इस वर्ष राजस्थान सरकार द्वारा अपने बजट में किसानों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराने के लिए 5 प्रतिशत का ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने बजट में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
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