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PMFME Scheme: फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 3 करोड़ तक की सब्सिडी

PMFME Scheme: फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 3 करोड़ तक की सब्सिडी
पोस्ट -24 मई 2025 शेयर पोस्ट

किसान बनेंगे फूड प्रोसेसिंग कारोबारी, यूनिट लगाने के लिए सरकार दे रही 3 करोड़ की सब्सिडी

पीएमएफएमई योजना (PMFME Scheme) : कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिग से व्यापार की अपार संभावनाओं को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा “प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना” (Pradhan Mantri Micro Food Processing Enterprises Upgradation Scheme) संचालित की जा रही है। यह एक महत्वपूर्ण योजना है, इसके अंतर्गत राज्यों द्वारा “कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति” लागू कर किसानों को “एग्री फूड प्रोसेसिंग” बिजनेस सेटअप के लिए क्रेडिट लिंक्ड अनुदान दिया जाता है। इसी कड़ी में हरियाणा के किसानों के पास अभी फूड प्रोसेसिंग कारोबारी बनने का मौका है। हरियाणा सरकार ने राज्य में "प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना" (PMFME Scheme) लागू की है। इसके तहत सरकार “सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण” उद्यमों के विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। एक सरकारी प्रवक्ता द्वारा इस पर दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार पीएमएफएमई स्कीम तहत "फूड प्रोसेसिंग कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर" लगाने पर 35 प्रतिशत या अधिकतम 3 करोड़ रुपए की सब्सिडी देगी। इस योजना का लाभ प्रदेश के अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। 

खाद्य प्रसंस्करण के लिए कौन कर सकते हैं आवेदन (Who can apply for food processing)

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में इस योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग के साथ सामान्य सुविधाएं, जैसे सॉर्टिंग-ग्रेडिंग, वेयरहाउस, फार्म-गेट-कोल्ड स्टोरेज, खाद्य उत्पाद के लिए सामान्य प्रसंस्करण उद्योग सुविधाओं के लिए क्रेडिट लिंकेज के साथ 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि पीएमएफएमई योजना (PMFME Scheme) के तहत एफपीओ/एफपीसी, सहकारी (सहकारिता), एसएचजी (स्वयं सहायता समूह)/सरकारी एजेंसियां सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण लगाने, खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों के उन्नयन (विकास) के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के लिए पीएमएफएमई योजना हेतु बनाए गए एमआईएस पोर्टल पर आवेदन कर सकती हैं। 

पीएमएफएमई से किसानों को फायदे (Benefits to farmers from PMFME)

प्रवक्ता ने आगे कहा कि एक सुविकसित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, जिसमें प्रसंस्करण का प्रतिशत अधिक हो, अपव्यय को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, मूल्यवर्धन में सुधार करता है और फसल विविधिकरण को भी बढ़ावा देता है। साथ ही फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र किसानों की बेहतर आय सुनिश्चित करता है, क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देता है और निर्यात से आय में वृद्धि करता है। यह सेक्टर खाद्य सुरक्षा, खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी के महत्वपूर्ण मुद्दों को भी संबोधित करने और लोगों को पौष्टिक भोजन सुनिश्चित कराने में भी खास भूमिका अदा करता है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो जीडीपी (GDP) और रोजगार, निवेश में योगदान देता है। 

पीएमएफएमई योजना (PMFME Scheme) क्या हैं? (What is PMFME Scheme?)

“प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना" (पीएमएफएमई स्कीम) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे राज्य नोडल एजेंसियों के सहयोग से क्रियान्वित किया जाता है। यह योजना सहायता और सेवाओं के संपूर्ण पैकेजों के साथ सूक्ष्म खाद्य उद्यमों का समर्थन करती है। इसमें तकनीकी उन्नय के लिए प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता, मौजूदा उद्यमों को औपचारिक ढांचे में परिवर्तन के लिए मदद, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ/FPOs), स्वयं सहायता समूहों (एसएचपी/SHGs), उत्पादक सहकारी समतियों (Cooperatives) को उनकी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में सहायता, संगठित आपूर्ति श्रृंखला के साथ उनके जुड़ाव के लिए विपणन सहायता शामिल है। इस योजना के तहत व्यक्तिगत उद्यमों के लिए आवेदनों को जिला स्तर पर अनुमोदित किया जा रहा है, जबकि समूहों के लिए आवेदनों का राज्य स्तर/ एमओएफपीआई (MOFPI) के स्तर पर अनुमोदित किया जा रहा है। आवेदनों की जांच और अनुमोदन के लिए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य और जिला स्तर पर समितयों का गठन किया गया है।   

प्रोसेसिंग उद्योग श्रृंखला को मजबूती (Strengthening the processing industry chain)

उन्होंने आगे बताया कि हरियाणा में पीएमएफएमई स्कीम के तहत फूड प्रोसेसिंग के सूक्ष्म उद्यम को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना है।  इस योजना के माध्यम से हरियाणा सरकार उद्यमियों को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी देकर फूड प्रोसेसिंग उद्योग श्रृंखला को मजबूत करना चाहती है। यह योजना हरियाणा में कुशल और अकुशल क्षेत्र में रोजगार का अवसर प्रदान करती है। इस योजना की मदद से खाद्य परीक्षण और भंडारण सुविधाओं का उन्नयन और विस्तार होता है। केंद्र सरकार की इस योजना में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग इकाइयां और स्वयं सहायता समूह लाभ उठा सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय भारत सरकार की ओर इस योजना का क्रियान्वयन किया जाता है। राज्यों के मंत्रालय द्वारा भी पीएमएफएमई स्कीम का क्रियान्वयन होता है। 

पीएमएफएमई (PMFMI) के तहत मिलने वाली सहायता (Assistance available under PMFMI)

पीएमएफएमई (PMFMI) के तहत सूक्ष्म प्रसंस्करण उद्यमों को मिलने वाली सहायता निम्न प्रकार से है : 

  • व्यक्तिगत / समूह श्रेणी सूक्ष्म उद्यमों के लिए परियोजना लागत का 35 प्रतिशत की दर से ऋण-लिंक्ड सब्सिडी, अधिकतम 10 लाख रुपए प्रति यूनिट। 
  • बीज पूंजी के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचपी/SHGs) को कार्यशील पूंजी और छोटे उपकरणों की खरीद के लिए खाद्य प्रसंस्करण में लगे स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को 40 हजार रुपए की दर से बीज पूंजी सहायता दी जाएगी। यह प्रति एसएचपी/SHGs संघ के लिए अधिकतम 4 लाख रुपए देय है। 
  • किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ/FPOs), स्वयं सहायता समूहों (एसएचपी/SHGs), उत्पादक सहकारी समितियाें (Cooperatives) को साझा अवसंरचना उन्नयन के लिए 35 प्रतिशत की दर से ऋण से जुड़ी पूंजी सब्सिडी, जो अधिकतम 3 करोड़ रुपए है, सहायता राशि देय होगी।  साझा अवसंरचना अन्य इकाइयों और आम जनता के लिए भी उपलब्ध होगी, जिससे वे क्षमता के एक बड़े हिस्से के लिए किराए के आधार पर इसका उपयोग कर सकें। 
  • एफपीओ/एसएचजी/सहकारिता समूहों या सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के एसपीवी को ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। 

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