Food Processing Industries Policy : देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और उससे संबंधित उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकारें कई उद्योग नीतियों को (Industry Policies) लागू कर रही है, जो किसानों और उद्यमियों की आय बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो रही है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 (Food Processing Industries Policy-2023) को लागू किया हुआ है। इस नीति ने किसानों और उद्यमियों की आय बढ़ाने के लिए नए अवसर खोले हैं। इस उद्योग नीति के तहत सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (Food Processing Industry) लगाने के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक का अनुदान दे रही है। सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की है। इच्छुक उद्यमी आवेदन कर आसानी से इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। सरकार ने इस योजना में महिला उद्यमियों के लिए अलग से प्रावधान भी किया है। ऐसे में किसानों और महिला उद्यमियों के पास खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने का सुनहरा मौका है। इच्छुक उद्यमी इस अवसर का लाभ जरूर उठाएं, खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Mukhyamantri Yogi Adityanath) की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 लागू कर प्रदेश में कृषि एवं उससे संबंधित उद्योगों के स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है। सरकार इस नीति के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए लागत का 35 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक या अधिकतम 10 करोड़ रुपए का अनुदान (Subsidy Scheme) दे रही है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उद्यमियों के लिए यह योजना विशेष रूप से किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि इसके तहत महिलाओं को 75 केवीए (75 kVA) तक की सौर ऊर्जा परियोजना (Solar Energy Project) पर 90 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। साथ ही अन्य दूसरे उद्यमियों के लिए 50 फीसदी तक का अनुदान (Subsidy) दिए जाने का प्रावधान है।
योगी सरकार ने इस नीति का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन करने का संकल्प लिया है, ताकि राज्य के अधिक से अधिक उद्यमियों को इससे लाभान्वित किया जा सकें। प्रदेश सरकार की यह योजना न केवल प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायक सिद्ध हो रही है, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उद्यमियों हेतु इस योजना में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए महिलाओं को अधिकतम सहायता राशि दी जा रही है। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित कर सकेंगी। सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि महिला स्वयं सहायता समूहों (Women's Self Help Groups), किसान संगठनों (Farmers' organizations) और दूसरे महत्वाकांक्षी उद्यमियों (aspiring entrepreneurs) को इस नीति के प्रति जागरूक करें।
अधिकारियों द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रचार-प्रसार अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसके माध्यम से उद्यमियों को योजना में लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यूपी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत किसानों को भी लाभ मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (PM-FME) योजना के तहत यूपी में परियोजना लागत पर 35 प्रतिशत तक (अधिकतम 10 लाख रुपए) का अनुदान दिया जा रहा है। इससे किसानों को अपने कृषि उत्पादों को प्रसंस्कृत कर बाजार में बेचने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अधिक मुनाफा कमाने में सक्षम बनेंगे।
सरकार ने राज्य में नवोद्यमियों को स्टार्टअप संस्कृति अपनाने और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में नए निवेश की ओर आकर्षित करने हेतु निवेश मित्र पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की है। इस पोर्टल के माध्यम से इच्छुक उद्यमी आसानी से इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, योगी सरकार ने एकल खिड़की सिस्टम (Single Window System) के तहत सभी प्रक्रियाओं को सरल बना दिया है, ताकि इन्वेस्टर को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो।
प्रदेश सरकार ने सभी अधिकारियों और समाजसेवियों से अपील की है कि वे इस योजना के प्रचार-प्रसार में सहयोग करें। अपने क्षेत्र के महत्वाकांक्षी उद्यमियों और किसानों को योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि सरकार का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग इकाईयां के माध्यम से प्रदेश की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना है। इससे न केवल कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से यह भी सुनिश्चित होगा कि किसानों का कोई भी उत्पाद खराब न हो और उन्हें अपनी उपज के लिए उचित मिलें।
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