देश में हर साल सितंबर के महीने में मानसून अपनी विदाई कर तैयारी कर लेता है। लेकिन इस बार कई राज्यों में मानसून अभी सक्रिय है। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में भारी बारिश का दौर जारी है। वहीं भारतीय मौसम विभाग ने कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। हालांकि कई राज्यों में तेज गर्मी व उमस की वजह से लोग परेशान है। कई जगह कम बारिश की वजह से फसलों का उत्पादन कम होने की संभावना है। कहीं-कहीं बारिश के कारण फसलें भी बर्बाद हो गई है। ट्रैक्टरगुरु की इस पोस्ट में आगामी मौसम की जानकारी दी जा रही है।
सितंबर में मानसून का दूसरा चरण चल रहा है। मानसून का दूसरा चरण कई राज्यों पर मेहरबान बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार कई राज्यों में कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से मानसून की गतिविधियां सक्रिय हैं। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, बिहारी, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में एक-दो दिन तक भारी बारिश जारी रहेगी।
निजी वेदर एजेंसी स्काई मेट के अनुसार शुक्रवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश संभव है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तरी बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, दक्षिण गुजरात, विदर्भ के कुछ हिस्सों, मराठवाड़ा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। बिहार के शेष हिस्सों, गंगीय पश्चिम बंगाल, तटीय कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। शेष पूर्वोत्तर भारत, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, केरल, जम्मू कश्मीर और लक्षद्वीप में हल्की बारिश संभव है।
स्काई मेट के अनुसार उत्तर प्रदेश के मध्य भागों पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। पश्चिमी हवाओं के साथ बनी हुई निम्न दबाव की रेखा के साथ इस के समन्वय से यह पूर्वी उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ेगा। मॉनसून की ट्रफ रेखा बीकानेर, जयपुर से होते हुए उत्तर प्रदेश के मध्य भाग पर बने हुए गहरे नेम दबाव के केंद्र से गुजरते हुए, गोरखपुर, पटना, पूर्णिया और फिर पूर्व की ओर उत्तरी बांग्लादेश से होते हुए असम तक जा रही है। 18 सितंबर को पश्चिम बंगाल के पास उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और उत्तरी ओडिशा तट पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन सकता है।
उत्तरप्रदेश में 14 सितंबर से पहले तक कम बारिश हुई है। अब मानसून के दूसरे चरण में बारिश हो रही है। पश्चिम और पूर्वी उत्तर प्रदेश, दोनों में 45% वर्षा की कमी है। स्काईमेट वेदर के अनुसार मानसून सीजन के अंत में, बारिश किसान को कुछ राहत प्रदान करेगी और जल स्तर को बढ़ाने में बेहतर योगदान देगी। कम दबाव के क्षेत्र में पहले से ही भाप कम हो गई है और अगले 24 से 48 घंटों में इसके और अधिक समतल होने की उम्मीद है। पहाड़ियों से सटे होने के कारण मौसम प्रणाली के टूटने की संभावना है। यह राज्य के मध्य और पूर्वी हिस्सों में चल रही बारिश मॉनसून ट्रफ द्वारा समाहित हो जाएगा। 24 घंटे के बाद राज्य में कोई बड़ी मौसम गतिविधि की उम्मीद नहीं है। इसके बाद, राज्य में ज्यादातर हल्की बारिश, कुछ मध्यम बौछारों के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। मौसम की गतिविधियां बिहार में स्थानांतरित हो जाएंगी, हालांकि बहुत कम प्रसार और तीव्रता के साथ होगा।
हिमाचल प्रदेश के लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में 16 और 17 सितंबर को भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने की संभावना है। साथ ही राज्य में 20 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रह सकता है। राज्य में तीन दिन 16 से 18 सितंबर तक शिमला, सिरमौर, सोलन, किन्नौर के कुछ हिस्सों, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर और आसपास के इलाकों के निचले और मध्य पहाड़ियों में भी भारी बारिश हो सकती है।
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