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संचार साथी पोर्टल खोजेगा खोया या चोरी हुआ मोबाइल, डिजिटल धोखाधड़ी होगी कम

संचार साथी पोर्टल खोजेगा खोया या चोरी हुआ मोबाइल, डिजिटल धोखाधड़ी होगी कम
पोस्ट -23 मई 2023 शेयर पोस्ट

संचार साथी पोर्टल लॉन्च, गुम या चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक और ट्रैक करना होगा आसान

Sanchar Saathi Portal : डिजिटल युग में भारत तेजी से अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। भारत ने पिछले कुछ सालों में देश के अंदर हर सेक्टर का विस्तार कर लोगों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा है। संचार, रेलवे, बैंकिंग और कृषि से लेकर तमाम अन्य सेक्टरों का तेजी से डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। आए दिन किसी न किसी क्षेत्र को डिजिटलाइजेशन करने के लिए तरह तरह की टेक्नोलॉजी और डिजिटल पोर्टल को सरकार द्वारा लॉन्च किया जा रहा है। डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से बढ़ते लोगों की पर्सनल जानकारी और डिजिटल बैंकिंग धोखाधड़ी से सुरक्षा करना सरकार और वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है। ऐसे में डिजिटल भारत की इन सब परेशानियों का समाधान करते हुए भारत सरकार ने संचार साथी पोर्टल को लॉन्च किया है। इस पोर्टल के जरिए चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन को आसानी से ब्लॉक या ट्रैक किया जा सकता है। चोरी या गुम हुए मोबाइल को अब कोई भी दूसरा व्यक्ति यूज नहीं कर पाएगा। संचार साथी पोर्टल के जरिए अब सरकार फर्जी नंबर और डिजिटल बैंकिंग धोखाधड़ी करने वालों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर उन्हें उनके सही स्थान पर पहुंचाने में सफल हो पाएगी। खास बात यह है कि इस पोर्टल के जरिए आप अपना चोरी या खोए हुए मोबाइल फोन को आसान से प्राप्त कर सकते हैं। ट्रैक्टर गुरु के इस लेख में आप जानेंगे संचार साथी पोर्टल के बारे में, जानने के लिए आगे पढ़े। 

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संचार साथी पोर्टल 

संचार, रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 मई को संचार साथी पोर्टल का शुभारंभ किया है। इस मौके पर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डिजिटल भारत का सपना साकार करने के लिए पहले डिजिटल यूजर्स की सुरक्षा करना बेहद जरूरी है। आज लोग नेट बैंकिंग, यूपीआई जैसी कई व्यक्तिगत दस्तावेज संबंधित जानकारियां अपने स्मार्ट मोबाइल फोन में रखते हैं। ऐसे में स्मार्टफोन चोरी या गुम हो जाने की स्थिति में पर्सनल डाटा की चोरी, फर्जी केवाईसी, यूपीआई धोखाधड़ी और ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी जैसे कई  धोखे यूजर्स के साथ हो सकते हैं। मोबाइल और व्यक्तिगत पहचान दस्तावेजों का दुरुपयोग भी किया जा सकता है। इन सब स्थिति से बचने के लिए ही  संचार साथी पोर्टल को लॉन्च किया गया है। उन्होंने यूजर्स से पोर्टल सेवाओं का लाभ उठाने की अपील करते हुए कहा कि यूजर्स सुरक्षा ड्राफ्ट टेलीकॉम बिल का एक अहम हिस्सा है,जिसको लेकर सरकार ने इस पोर्टल को लॉन्च किया है।

मोबाइल नंबर को ब्लॉक और अनब्लॉक करना आसान

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साथी पोर्टल पर आगे जानकारी देते हुए कहा कि अब संचार साथी पोर्टल के जरिए अब आप अपने चोरी या खोए हुए मोबाइल नंबर को ब्लॉक, अनब्लॉक और ट्रैक कर सकते हैं। ऐसे में अब चोरी या गुम हुए मोबाइल का यूज करना सरल नहीं रहेगा। अगर कोई अन्य व्यक्ति मोबाइल का यूज करता भी है, तो उसे आसानी से ट्रैक कर लोकेशन का पता लगाकर पकड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि साथी पोर्टल पर आप चोरी या खोए हुए मोबाइल की शिकायत आसानी से दर्ज करा पाएंगे, जिससे मोबाइल को ट्रैक करने में मदद मिलेगी। चोरी या खोए हुए मोबाइल के बारे में शिकायत पोर्टल पर दर्ज करवाने पर मोबाइल ऑपरेटर को इसकी जानकारी मिल जाएगी। पोर्टल पर मोबाइल मिलने की खबर अपडेट होने के पश्चात ही इसे शुरू किया जाएगा।  

फर्जी नंबरों पर सर्जिकल स्ट्राइक

सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि संचार साथी पोर्टल फर्जी नंबरों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने में मददगार साबित होगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस पोर्टल का उपयोग करके अब तक धोखाधड़ी करने वाले 40 लाख से अधिक फर्जी मोबाइल नंबरों की पहचान की गई है। इनमें से लगभग 36 लाख से अधिक तक बंद भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के जरिए आपको यह जान पाएंगे कि आपकी आईडी पर कुल कितने सिम कार्ड रजिस्टर्ड हैं।

संचार साथी पोर्टल से उपभोगकर्ताओ को लाभ 

भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम इकोसिस्टम है। इसका उपयोग कम्यूनिकेशन के अतिरिक्त, मोबाइल फोन, नेट बैंकिंग, ई-लर्निंग, स्वास्थ्य सेवाएं और विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ लेने के लिए किया जाता है। इसलिए टेलीकॉम इकोसिस्टम उपयोगकर्ताओं के पर्सनल डाटा, फर्जी केवाईसी, मोबाइल फोन की चोरी, नेट बैंकिंग धोखाधड़ी आदि से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संचार साथी पोर्टल एक महत्वपूर्ण रोल अदा करेगा। उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित करने के लिए इस पोर्टल पर दूरसंचार विभाग ने नाम पर रजिस्टर्ड कनेक्शन की जांच, फर्जी या अनावश्यक रजिस्टर्ड कनेक्शन की रिपोर्ट, चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक और ट्रैक करने की सुविधा दी है। साथ ही स्मार्ट मोबाइल फोन खरीदने से पहले आईएमईआई की सत्यता की जांच संभव है। खास बता यह है कि इन सभी सिस्टम को दूरसंचार विभाग द्वारा स्वयं विकसित किया गया है। 

संचार साथी पोर्टल की विशेषताएं

संचार साथी पोर्टल पर आप अपने खोए या चोरी हुए मोबाइल डिवाइस का आईएमईआई नंबर दर्ज कर सकते हैं। आपके द्वारा दर्ज की गई सूचना के साथ पुलिस शिकायत की प्रतिलिपि सत्यापित की जाती है। सिस्टम टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं और कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों से एकीकृत हैं। आपके द्वारा दी गई जानकारी वेरिफाई होने के बाद सिस्टम भारतीय नेटवर्क में चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन ब्लॉक कर इसके उपयोग से रोक देता है। इसके बाद अगर कोई यूजर्स चोरी या गुम हुए डिवाइस का इस्तेमाल करने की कोशिश करता है, तो सिस्टम कानूनी प्रशासन एजेंसियों को डिवाइस को ट्रेस करने की अनुमति देता है। सिस्टम भारतीय नेटवर्क में गलत या फर्जी आईएमईआई वाले मोबाइल फोन डिवाइस का दुरुपयोग करने से भी रोकता है।

चोरी या गुम हुए अपने मोबाइल के बारें में ऐसे जानें

यह सिस्टम उपभोगकर्ताओं को उनके मोबाइल डिवाइस के आईएमईआई की सत्यापितता की जांच करने की सुविधा प्रदान करता है। उपयोगकर्ता अपने चोरी या गुम हुए मोबाइल डिवाइस को दुरुपयोग से बचाने के लिए उसे ब्लॉक या ट्रैक करने के लिए संचार साथी पोर्टल https://sancharsaathi.gov.in/  पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकता है। शिकायत दर्ज करने के लिए मोबाइल उपयोगकर्ता को संचार साथी पोर्टल पर Block Your Lost/Stolen Mobile के विकल्प को चुनना होगा। इसके बाद आपके सामने एक पेज खुलेगा इस पेज में आपको मोबाइल से संबंधित सभी जानकारी दर्ज करनी होगी। इसके साथ ही आपको पुलिस में दर्ज की गई शिकायत नंबर, पुलिस स्टेशन का लोकेशन, राज्य और जिले का नाम भी दर्ज कर पुलिस शिकायत की कॉपी भी अपलोड करनी होगी। इसके बाद अपनी व्यक्तिगत पहचान की पूरी जानकारी दर्ज कर Disclaimer को चुनकर फॉर्म सबमिट करना होगा। फॉर्म सबमिट होते ही आपके मोबाइल डिवाइस को ब्लॉक कर दिया जाएगा।

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