Sugarcane Transportation rules Uttar Pradesh : देश के कई राज्यों में लगातार गिरते तापमान के चलते सर्दी ने अपना सितम दिखाना आरंभ कर दिया है। कुछ राज्यों में शीतलहर का प्रकोप भी देखने को मिल रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, अगले चार से पांच दिन तक उत्तर -पश्चिमी क्षेत्र में शीतलहर का सिलसिला जारी रहने वाला है। आईएमडी के अनुसार, पश्चिमी यूपी में देर रात और सुबह के समय कहीं-कहीं पर हल्के से मध्यम कोहरा छाने की संभावना है, जबकि पूर्वी यूपी में घना कोहरा होने का अलर्ट जारी किया है। शीतलहर और घना कोहरा छाने की चेतावनी के बीच उत्तर प्रदेश के लिए गन्ना किसानों के लिए एक जरुरी खबर सामने आई है।
प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रभु एन सिंह ने गन्ना किसानों के लिए नई गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि पेराई सत्र 2024-25 में बात सिर्फ गन्ने की मिठास तक सीमित नहीं है, बल्कि गन्ना ढुलाई में सुरक्षा और सड़कों पर यातायात को सुचारू बनाए रखने की भी है। आइए, गन्ना ढुलाई के लिए इन नए नियमों के बारे में जानें।
गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रभु एन सिंह ने कहा, प्रदेश में चालू पेराई सत्र के लिए चीनी मिलों द्वारा गन्ना खरीद का कार्य जारी है। इस दौरान सर्दियों के मौसम में घना कोहरा भी छाने के कारण सड़क पर विजिबिलिटी कम होने से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा, नियमित यातायात वाहनों पर रिफ्लेक्टर अथवा पीला बल्ब लगे होने के कारण इनकी दृश्यता दूर से हो जाती है, लेकिन गन्ना ढुलाई करने वाले वाहन जैसे बुग्गी, बैलगाड़ी, ट्रैक्टर -ट्राली आदि में यह सुविधा नहीं होती है। अगर, वाहनों में रिफ्लेक्टर लगे भी होते हैं तो गन्ना लादने पर यह ढक जाते हैं, जिसके कारण वाहन सड़क मार्ग से गुजरते हैं तो दूर से दिखाई नहीं पड़ते, जिससे तेज गति से चलने वाले वाहनों से दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावनाएं बन जाती है।
आयुक्त प्रभु एन सिंह ने यातायात सुरक्षा को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गन्ना ढुलाई में प्रयोग होने वाले वाहनों में लाल व पीले रंगों की रिफ्लेक्टर पट्टियां होनी चाहिए। ट्रैक्टर-ट्रालियों के दोनों कोनों पर 6-6 इंच की लाल एवं पीले रंग की फ्लोरोसेंट पेंट से पट्टियां बनाई जाएं। ट्रकों के अगले एवं पिछले बंपर पर लाल व पीले रंग की फ्लोरोसेंट पट्टियां लगाएं एवं गन्ना ढोने में प्रयोग होने वाली बुग्गियों के पिछले हिस्से पर लोहे की पट्टी लगाते हुए उस पर लाल व पीले रंग के फ्लोरोसेंट पेंट लगाया जाना अनिवार्य होगा।
विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिले के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों तथा चीनी मिल प्रबंधक के साथ बैठक करके यह सुनिश्चित करें कि गन्ना ढुलाई में प्रयोग होने वाले वाहनों में रिफ्लेक्टर पट्टी लगी हो। गन्ना ढुलाई के पूरे सीजन में यह कार्य दो से तीन बार किया जाए, इसके लिए चीनी मिलों एवं अधिकारियों द्वारा विशेष अभियान चलाया जाएगा। गन्ना ढोने वाले हर वाहन में रिपेलेक्टर पट्टियां लगाना आनिवार्य है। साथ ही ध्यान दिया जाए कि गन्ने से रिफ्लेक्टर ढक न जाएं। ढुलाई के पूरे सीजन इन नियमों का पालन करवाने में समस्त चीनी मिलें अपने-अपने क्षेत्र में सहयोग अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करेंगी
गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रभु एन सिंह ने बताया कि परिक्षेत्रीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि किसानों से चीनी मिल यार्ड में मुलाकात कर उन्हें अन्य विभागीय कार्यों की जानकारी देते हुए उनसे फीडबैक भी प्राप्त करें। गन्ना किसानों को अगर कोई व्यावहारिक समस्या आ रही हो, तो उसका तुरंत निस्तारण कराया जाए। मिल प्रबंधन एक निरीक्षण टीम बनाए, जो सुनिश्चित करें कि ढुलाई वाले वाहन सभी नियमों का पालन कर रहे हैं।
किसानों को सुरक्षा के महत्व को समझाने के लिए चीनी मिलों द्वारा कार्यशालाएं आयोजित की जाएं, जबकि पेराई सत्र के दौरान गन्ना ढुलाई में प्रयोग होने वाहनों की समय-समय पर जांच करें और रिफ्लेक्टर पट्टी लगवाएं। अगर नई गाइडलाइंस समझने में काेई परेशानी हो, तो अपने विभागीय अधिकारियों से संपर्क करें। आयुक्त ने आगे बताया कि इस कार्य के लिए किसानों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ नहीं पड़े इसके लिए सरकार और चीनी मिलें किसानों को सब्सिडी या सहायता प्रदान कर सकती है।
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