कर्ज माफी योजना के नाम पर किसानों को निशाना बना रहे साइबर क्रिमिनल्स, बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

पोस्ट -22 जुलाई 2024 शेयर पोस्ट

कर्ज माफी योजना के नाम से चल रहे फर्जीवाड़े से सतर्क रहें किसान, पुलिस ने जारी की वॉर्निंग

 Cyber Crime : तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने हाल ही में कृषि ऋण माफी योजना (Agricultural Loan Waiver Scheme) के पहले चरण की शुरुआत की। इस योजना के तहत लोन माफी के लिए 11 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में 6,098 करोड़ रुपए जमा किए। इस ऋण माफी योजना ने एक ओर जहां किसानों को ऋण के बोझ से राहत प्रदान की, वहीं दूसरी ओर इस योजना ने उनकी टेंशन भी बढ़ा दी। क्योंकि जैसे ही तेलंगाना की सरकार की तरफ से किसानों के खातों में कर्ज माफी के वादे के तहत पैसे जारी किए गए वैसे ही साइबर ठगी करने वाले गिरोह भी हरकत में आ गए हैं। इसको लेकर साइबर पुलिस की तरफ से किसानों के लिए एक वॉर्निंग भी जारी की गई। किसानों को आगाह किया गया है कि वो साइबर क्रिमिनल्‍स से बचने के लिए बताए गए उपायों को जरूर अपनाएं। साइबर क्रिमिनल्‍स किसानों के अकाउंट को निशाना बनाने की फिराक में हैं। आइए, जानते हैं कि साइबर पुलिस की ओर से किसानों के लिए क्या वॉर्निंग जारी की गई है।

अजनबियों को ओटीपी बताने से करें परहेज (Avoid sharing OTP with strangers)

राज्य सरकार की ओर से कर्ज माफी योजना (loan waiver scheme) की शुरूआत कर दी गई। इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों का ऋण माफ किया जा रहा है। इस बीच जालसाजों ने कृषि ऋण माफी योजना के नाम से किसानों से ठगी करने की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया है। इन साइबर जालसाजों की तरफ से संभावित कोशिशों के बारे में जानकारी मिलने पर, साइबर क्राइम पुलिस की तरफ से सुझाव दिया गया है कि किसान अपने स्मार्टफोन पर किसी भी नए या अनजाने लिंक को क्लिक न करें। अजनबियों को ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) बताने से परहेज करें। किसान पर्सनल या फाइनेंशियल जानकारी साझा करने से पहले हमेशा अनचाहे कॉल, मैसेज या फिर ईमेल कहां से आया, इसकी पुष्टि जरूर करें।    

ठगने के लिए इन नेटवर्क का इस्तेमाल (Use of these networks to cheat)

साइबर पुलिस ने किसानों को सलाह दी है कि वे कूरियर कंपनियों की ऑफिशियल वेबसाइट पर सीधे किसी भी पैकेज को ट्रैक करने और एस.एम.एस, ई-मेल या व्हाट्सएप के माध्यम से मिले लिंक पर क्लिक करने से बचें। क्योंकि स्कैमर्स अक्सर व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकारी संस्थाओं को ठगने के लिए इन नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। साइबर क्राइम पुलिस ने मोबाइल फोन पर कोई भी APK इंस्टॉल नहीं करने का अनुरोध भी किया है। पुलिस ने सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप के जरिये से अनचाही पार्टटाइम नौकरी के ऑफर भेजने वाले व्यक्तियों या फिर ग्रुप्‍स के साथ जुड़ने के खिलाफ भी वॉर्निंग दी है।

साइबर ठग इस तरह करते हैं वारदात (This is how cyber thugs commit crimes)

साइबर पुलिस ने कहा कृषि ऋण माफी योजना के नाम पर , 'टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर स्कैमर्स आपको आसान पार्ट-टाइम जॉब्स, जैसे कि वीडियो लाइक करना, फोटो लाइक करना आदि के बारे में मैसेज भेज सकते हैं।' पुलिस का कहना है कि ये साइबर ठग किसानों का भरोसा जीतने के लिए छोटे-छोटे पेमेंट से शुरुआत करते हैं, फिर आपसे प्राइवेट इनफॉर्मेशन साझा करने या ज्‍यादा इनवेस्‍टमेंट करने के लिए कहते हैं। इसके बाद वे आपके खाते से सारी जमा नकदी लेकर गायब हो जाते हैं। बैंक खाते की जानकारी, पासवर्ड या सोशल सिक्योरिटी संख्या जैसी संवेदनशील जानकारी कभी भी अजनबियों से साझा नहीं करने के लिए कहा गया है।

साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें रिपोर्ट (Report cyber crime on helpline number 1930)

साइबर क्राइम पुलिस ने किसानों को सलाह दी है कि वो किसी भी अनजाने बैंक खाते में पैसे जमा करने से बचें। ये अकाउंट ऐसे होते हैं जहां पर अनजाने व्‍यक्तियों की ओर से झूठे वादे किए जाते हैं और ट्रेडिंग धोखाधड़ी को लेकर भी किसानों को आगाह किया गया है। किसानों को सलाह है कि वे धोखेबाजों की तरफ से दिए जाने वाले संदिग्ध रिटर्न पर विश्वास न करें। स्टॉक ट्रेडिंग करने या सेबी के साथ रजिस्‍टर्ड नहीं होने वाले अनजानी एप्लिकेशन में पैसा इनवेस्ट करने से बचें। साइबर फाइनेंशियल धोखाधड़ी से जुड़े मामलों की रिपोर्ट तुरंत करने के लिए साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। अपने निकटतम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें या https://cybercrime.gov.in/  पर जाकर  रिपोर्ट दर्ज करें। 

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