PMKSY: नलकूप और सबमर्सिबल मोटर पंप पर सरकार दे रही सब्सिडी

पोस्ट -02 मार्च 2024 शेयर पोस्ट

PMKSY: नलकूप बोरिंग और मोटर पंप सेट पर किसानों को मिलेंगे 40 हजार रुपए

Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (PMKSY) : कृषि क्षेत्र के लिए पानी एक महत्वपूर्ण संसाधन है, क्योंकि फसलों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने में इसका सबसे ज्यादा योगदान होता है। बिना इसके फसल पैदावार की कल्पना करना भी संभव नहीं है। अगर किसानों के पास पानी के पर्याप्त स्रोत की उपलब्धता हो, तो वे खेती में पैदावार बढ़ा सकते हैं और साल में एक या उससे अधिक फसल उत्पादन कर अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि कई राज्यों में सिंचाई स्रोत की कमी और गिरते भूमिगत जल स्तर से किसानों को खेती करने में काफी परेशानी होती है। खेतों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने से किसानों को फसलों के उत्पादन में काफी नुकसान होता है। किसानों की इन्हीं परेशानियों के मद्देनजर बिहार में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana) संचालित की जा रही है। पीएमकेएसवाई (PMKSY) के तहत उद्यान विभाग द्वारा नलकूप बोरिंग और सबमर्सिबल मोटर पंप सेट पर अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ भी की जा चुकी है। इच्छुक किसान आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं। आइए, जानते हैं राज्य सरकार की इस योजना का लाभ कैसे ले सकते हैं। 

किसानों को दी जाएगी सब्सिडी 

उद्यान विभाग द्वारा राज्य में खेती हेतु जल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने, सिंचाई के तहत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करने, पानी उपयोग दक्षता में सुधार करने और सतत जल संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लक्ष्य से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत नलकूप बोरिंग पर किसानों को अधिकतम 25 हजार रुपए और सबमर्सिबल मोटर पंप सेट पर अधिकतम 15 हजार रुपए यानी सिंचाई के लिए कुल 40 हजार रुपए तक की राशि सब्सिडी के तौर पर दी जाएगी। इसके साथ ही, किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली (सूक्ष्म सिंचाई) पर भी 80 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी।

पीएमकेएसवाई (PMKSY) के लिए पात्र किसान

बिहार सरकार पीएमकेएसवाई (PMKSY) योजना के तहत वैसे प्रगतिशील किसान जिनके पास कम से कम 0.50 एकड़ (50 डिसमिल) की कृषि योग्य भूमि है वे इस योजना के लिए पात्र होंगे। पीएमकेएसवाई (PMKSY) में लघु व सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना के तहत जो किसान  सूक्ष्म सिंचाई (स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई प्रणाली) का इस्तेमाल करना चाहते हैं और उनके पास पहले से कोई बोरिंग नहीं है तो उन्हें उद्यान विभाग द्वारा बोरिंग और सबमर्सिबल मोटर पंप पर सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, जिन किसान के पास पहले से बोरिंग है और वे सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करना चाहते हैं, तो उन्हें सूक्ष्म सिंचाई यंत्रों पर अनुदान दिया जाएगा।

पीएमकेएसवाई योजना (PMKSY SCHEME) आवेदन कैसे करें? 

पीएमकेएसवाई योजना (PMKSY) के तहत अनुदान का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को आधार (भुगतान आधार आधारित होगा), भू-धारकता प्रमाण पत्र के भूमि की जमाबंदी या भूमि की रसीद, एलपीसी और एक रंगीन फोटो के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा।  किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या जन सेवा केंद्र पर जाकर प्रधानमंत्री कृषि सूक्ष्म सिंचाई योजना (PMKSY) में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा आवेदनकर्ता किसान खुद उद्यान निदेशालय कृषि विभाग, बिहार सरकार के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। उद्यान विभाग को इस योजना से इस वर्ष 81 किसानों को लाभान्वित किया जाना है, जिसके तहत अब तक 21 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं।

सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की विशेषताएं

  • पीएमकेएसवाई (सूक्ष्म सिंचाई) योजना के तहत किसानों को खेती के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
  • इसके तहत पानी की हर बूंद का फसल पैदावार के लिए उपयोग किया जा सकेगा।  
  • इस योजना के तहत हर खेत को सिंचाई के लिए पानी से कवर किया जा सकेगा।
  • सूक्ष्म सिंचाई एक उन्नत सिंचाई प्रणाली है।
  • सूक्ष्म सिंचाई द्वारा पौधे के जड़ क्षेत्र में विशेष रूप से निर्मित प्लास्टिक पाईपों के माध्यम से कम समय अन्तराल पर पानी दिया जाता है, जिसमें पारंपरिक सिंचाई की तुलना में 60 प्रतिशत कम जल की खपत होती है।
  • सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के तहत ड्रीप सिंचाई पद्धति, स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति और रेनगन सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का  उपयोग किया जाता है।
  • इसके अन्तर्गत जल वितरण लाइनों और साज समान कन्ट्रोल हेड प्रणाली एवं उर्वरक टैंक रहते हैं।
  • इस प्रणाली को अपनाकर अगर खेतों में उर्वरक का व्यवहार किया जाय तो इससे लगभग 25-30 प्रतिशत उर्वरक की बचत होती है।
  • इस सिंचाई प्रणाली से फसल की उत्पादकता में 40 से 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी और उत्पाद की गुणवता उच्च होती है।
  • इस सिंचाई प्रणाली से खरपतवार के जमाव में 60 से 70 प्रतिशत की कमी होती है।
  • इस योजना के अंतर्गत किसानों को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त टॉप-अप अनुदान प्रदान करते हुये सभी श्रेणी के किसानों को ड्रीप सिंचाई पद्धति के लिए 90 प्रतिशत एवं स्प्रिंकलर सिंचाई के अंतर्गत 75 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है।

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