कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना : पेड़ लगाओ और सरकार से पैसा पाओं

पोस्ट -12 जुलाई 2024 शेयर पोस्ट

सरकार वृक्षारोपण के लिए दे रही वित्तीय सहायता, जानें कैसे और कहां करना है आवेदन

Plantation Karnataka : वन और वृक्ष आवरण बढ़ाने के लिए सरकार देश में वृक्षारोपण पर जोर दे रही है। इसके लिए कई योजनाओं के तहत किसानों एवं आमजन को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस कड़ी में कर्नाटक वन विभाग ने वन और वृक्ष आवरण बढ़ाने के लिए 2011-12 में 'कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना (केएपीवाई)' को शुरू किया था। इस कार्यक्रम के तहत किसानों और आम जनता को अपने खेतों और खाली जमीन पर पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वृक्षारोपण कार्य में किसानों और आम जनता के सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके, इसके लिए इस योजना के तहत वन विभाग की निकटतम नर्सरियों से रियायती दरों पर पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं। पौधे खरीदने और रोपण में किसान द्वारा किए गए खर्च की भरपाई के लिए सरकार की ओर से वित्तीय प्रोत्साहन भी दिया जाता है। लेकिन किसानों को यह प्रोत्साहन राशि प्रत्येक जीवित पौधे के लिए ही दी जाती है। ऐसे में अगर किसान योजना के तहत अधिक संख्या में पौधे लगाते हैं, तो उन्हें प्रोत्साहन राशि भी अधिक ही मिलेगी। आइए, राज्य सरकार की इस योजना के बारे में जानते हैं।

केएपीवाई योजना का मुख्य उद्देश्य (Main objective of KAPY scheme)

'कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना (केएपीवाई)' का मुख्य उद्देश्य वन और वृक्षावरण को बढ़ाना है। इस योजना के तहत किसानों और आम जनता को अपनी भूमि पर वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अतिरिक्त यह योजना किसानों को अपनी भूमि पर न केवल पौधे लगाने के लिए, बल्कि तीन साल तक इनके संरक्षण करने के लिए भी प्रेरित करती है। इस कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना (Agricultural Forest Incentive Scheme) के तहत किसान न केवल पौधा लगाने के लिए सरकार से पैसा प्राप्त कर पाएंगे, बल्कि पूर्ण विकसित वृक्षों से किसानों को फल, बीज, चारा, जलावन, लकड़ी और अन्य उपयोगी उत्पाद प्राप्त होगा।

किसानों को वित्तीय प्रोत्साहन राशि (Financial incentives to farmers)

कर्नाटक वन विभाग की 'कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना (केएपीवाई)' में, किसानों को अपनी भूमि पर रोपण के लिए वन विभाग की निकटतम नर्सरियों से रियायती दरों पर पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं। कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों  को पहले वर्ष के अंत में प्रत्येक जीवित पौधे के लिए 35 रुपए की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है। दूसरे और तीसरे वर्ष के पूरा होने के बाद प्रत्येक जीवित पौधे के लिए क्रमशः 40 रुपये और 50 रुपये की प्रोत्साहन राशि विभाग की ओर से  प्रदान की जाती है।

कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना के लिए पात्रता व दस्तावेज (Eligibility and documents for Krishi Aranya Protsahan Yojana)

इस योजना के तहत किसानों को निम्नलिखित पात्रता और आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति करनी होगी। 

  • कर्नाटक वन विभाग द्वारा संचालित कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना (केएपीवाई) में सभी समुदायों के किसान पात्र होंगे। 
  • आवेदन करने वाले किसान के पास पौधरोपण के लिए प्रस्तावित जमीन की पहानी (अधिकार, किरायेदारी और फसलों का दस्तावेज) होनी चाहिए। 
  • आधार कार्ड की प्रति
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • पौधों का विवरण (प्रजाति, पौधों की संख्या, पॉली-बैग का आकार इत्यादि)
  • बैंक खाते के विवरण के लिए खाता पासबुक

कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना में आवेदन कैसे करें? (How to apply for Krishi Aranya Protsahan Yojana?)

  • इच्छुक किसान अगर कृषि अरण्य प्रोत्साहन योजना में आवेदन करना चाहते है, तो उन्हें अपने नजदीकी रेंज फॉरेस्ट कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा। 
  • इस आवेदन फॉर्म में अपना नाम, पता, फोटो, पहानी, भूमि का हस्त-नक्शा, पौधों का विवरण और बैंक खाता संख्या विवरण दर्ज करना होगा। 
  • इसके बाद आवेदन पत्र के साथ निर्धारित 10 रुपए का पंजीकरण शुल्क जमा करें। 
  • पंजीकरण के बाद वन विभाग की निकटतम नर्सरियों से रियायती दरों पर पौधे खरीदें। 
  • पौधे की कीमत पौधे के बैग के आकार के अनुसार निर्धारित की जाती है।

कृषि अरण्य योजना से किसानों को लाभ (Farmers benefit from Krishi Aranya Yojana)

  • कृषि अरण्य योजना (Krishi Aranya Incentive Scheme) का सबसे बड़ा लाभ पौधों की संख्या में वृद्धि है।
  • यह प्रोत्साहन योजना किसानों और आम जनता को पेड़ लगाने के कार्य में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  • इस योजना के अंतर्गत वन विभाग की नर्सरियों से किसानों को अनुदानित दरों पर पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं। 
  • कम से कम तीन साल तक उनका पालन-पोषण करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है।
  • इस योजना के अंतर्गत प्रदान की गई कुल प्रोत्साहन राशि (प्रति पौधा 125 रुपए) किसानों द्वारा पौधा खरीदने और रोपण में किए गए खर्च से अधिक है। 
  • वन विभाग कर्नाटक सरकार की  यह योजना उन पेड़ों पर प्रतिबंध लगाती है जिसका इस्तेमाल नहीं होता है या फिर वो वैध्य नहीं है, जिससे उपयुक्त वृक्ष प्रजातियों के रोपण को बढ़ावा मिलता है और जंगली प्रजातियों के फैलाव को रोकने में सहायता मिलती है।

Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y

`

Quick Links

Popular Tractor Brands

Most Searched Tractors