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एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना : अब किसानों को एक ही ब्रांड “भारत” का उर्वरक मिलेगा

एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना : अब किसानों को एक ही ब्रांड “भारत” का उर्वरक मिलेगा
पोस्ट -29 अगस्त 2022 शेयर पोस्ट

खरीफ सीजन में किसानों को राहत देने के लिए केन्द्र सरकार की “एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना”

देश में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार कई तरह की कल्याणाकारी योजनाएं लेकर आती रहती है। इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देश में ज्यादा से ज्यादा किसानों को मिल सके। इसके लिए सरकार समय-समय पर कुछ नए बदलाव इन योजनाओं में करती रहती है। किसानों के कल्याण के लिए भारत सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। जिसमें भारत सरकार द्वारा अब देश में ’एक देश-एक ही फर्टिलाइजर योजना चलाई जाएगी। सरकार की इस योजना के तहत देशभर में 2 अक्टूबर 2022 यानी महात्मा गांधी की जयंती के दिन से सभी तरह के उर्वरक एक ही ब्रांड नाम ‘भारत’ से बिकेंगे। देशभर में फर्टिलाइजर ब्रांड्स में समानता लाने के लिए सरकार यह योजना लेकर आयी है। सरकार ने आदेश जारी कर सभी कंपनियों को अपने उत्पादों को ‘भारत’ नाम के सिंगल ब्रांड नाम से बेचने का आदेश दिया है। सरकार ने तय कर दिया है कि अब पूरे देश में एक जैसी फर्टिलाइजर खाद मिलेगी। इसी के साथ ये खाद कंपनियों की बजाय भारत ब्रांड के नाम से जानी जाएगी। तो आइए ट्रैक्टरगुरू के इस लेख के माध्यम से ‘एक देश-एक फर्टिलाइजर योजना’ के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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किसानों को नहीं खाने पड़ेंगे धक्के 

देश में 14 करोड़ किसानों को राहत पहुंचाते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जनउर्वरक परियोजना के तहत एक देश-एक फर्टिलाइजर योजना को पूरे देश में लागू किया जा रहा है। केंद्र सरकार उर्वरक समस्या को दूर करने एवं कालाबाजारी रोकने के उद्देश्य से इस योजना पर काम कर रही है। सरकार का मानना है कि इस योजना के जरिये उर्वरक की चोरी और कालाबाजारी पर रोक लगेगी, जिससे किसानों को सस्ता उर्वरक मिल सकेगा। इस योजना के तहत किसी भी कंपनी का उर्वरक हो, उसे ’भारत’ ब्रांड के नाम से जाना जाएगा। दरअसल पिछले दिनों किसानों को खाद और फर्टिलाइजर/खाद लेने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा था। खाद और फर्टिलाइजर/खाद के लिए किसानों को काफी धक्के भी खाने पड़े थे। इसके लिए किसानों ने देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी किए थे। 

क्या है एक देश-एक फर्टिलाइजर योजना?

किसानों को रबी और खरीफ सीजन के समय आसानी से खाद व उर्वरक उपलब्ध हो सके। इसके लिए भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री जन उर्वरक परियोजना के तहत एक देश-एक फर्टिलाइजर योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत किसी भी कंपनी का उर्वरक हो उसे भारत ब्रांड के नाम से जाना जाएगा। जैसे यूरिया, डीएपी, एमओपी और एनपीके तमाम तरह के खाद ब्रांड अब भारत यूरिया, भारत डीएपी, भारत एमओपी और भारत एनपीके के नाम से बाजार में मिलेंगे। इस योजना के तहत प्राइवेट, सरकारी और पब्लिक सेक्टर सभी कंपनियों को अपने माल पर ’भारत’ ब्रांड नाम देना होगा। केंद्रीय केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्रालय की ओर से इस आशय का निर्देश सभी फर्टिलाइजर कारखानों, स्टेट ट्रेडिंग कंपनियों और फर्टिलाइजर की विपणन कंपनियों को जारी कर दिया गया है। फर्टिलाइजर की बोरियों पर दर्ज लोगो से स्पष्ट होगा कि यह खाद केंद्रीय सब्सिडी वाली खाद है।

उत्पादों पर देना होगा भारत ब्रांड का लोगो

रसायन और उर्वरक मंत्रालय की ओर से 24 अगस्त को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार इस योजना के तहत देश में 2 अक्टूबर 2022 से नए उर्वरक बैग प्रचलन में आ जाएंगे। यानि देश में 2 अक्‍टूबर 2022 से सभी तरह के उर्वरक एक ही ब्रांड नाम ‘भारत’ से बिकेंगे। कंपनियों को अपने उर्वरक उत्‍पादों को न केवल भारत ब्रांड नाम देना होगा, बल्कि प्रधानमंत्री भारतीय जनउर्वरक परियोजना (पीएमबीजेपी) का लोगो भी बैग पर लगाना होगा। जानकारी के लिए बता दें कि इसी परियोजना के तहत सरकार उर्वरक पर सब्सिडी मुहैया कराती है। उर्वरक बैग पर कंपनी का नाम काफी छोटे शब्‍दों में लिखना होगा।  

इस लुक में नजर आएंगे फर्टिलाइजर बैग

मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार नए उर्वरक बैग 2 अक्टूबर से प्रचलन में आ जाएंगे। इस नए बैग के लुक की बात करे तो इसमें काफी परिवर्तन दिखाई देगा। इसमें फर्टिलाइजर के बैग के एक साइड के दो तिहाई हिस्से पर नए ब्रांड और लोगो का उल्लेख होगा। बाकी एक तिहाई हिस्से में कंपनी का ब्यौरा और निर्धारित तथ्य प्रिंट रहेंगा। प्रत्येक बैग पर प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना छपा रहेगा। बोरी के शेष स्थान पर नाम, लोगो, पता और अन्य वैधानिक जानकारी सहित निर्माता के बारे में जानकारी प्रदर्शित मिलेगी। सरकार ने अपने आदेश में कहा कि उर्वरक कंपनियां 15 सितंबर के बाद पुराने बैग नहीं खरीद सकेंगी। कंपनियों को पुराने डिजाइन के बैग बाजार से वापस लेने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है। ताकि नए बैग प्रचलन में आ सकें। इसके लिए फर्टिलाइजर कंपनियों को ये सलाह दी गई है कि वो मेट्रोलाजी एक्ट, फर्टिलाइजर के लिए पैक्ड कमोडिटी एक्ट के तहत निर्धारित प्रक्रिया को पूरी करें। सभी कंपनियों से कहा गया है कि वे 19 सितंबर 2022 के बाद पुरानी डिजाइन और लोगो वाली बोरियों की खरीद न करें। 

नहीं होगा खाद की कीमतों में इजाफा 

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन उर्वरक परियोजना के तहत एक देश-एक फर्टिलाइजर योजना को पूरे देश में लागू कर दिया है। इस योजना के तहत यूरिया, डीएपी, एमओपी और एनपीके एक ही ब्रांड के नाम से उपलब्ध होंगे। यानि अब ये किसानों को एक ही ब्रांड नाम ’भारत’ से मिलेगा। चाहे किसी भी कंपनी का हो। इस योजना के जरिये फर्टिलाइजर की चोरी और कालाबाजारी पर रोक लगेगी। खाद की किल्लत दूर होगी, जिससे किसानों को रबी सीजन और खरीफ सीजन के लिए सरकारी सब्सिडी खाद आसानी से मिलेगी। खाद की कालाबाजारी और चोरी पर रोक से देश में पर्याप्त मात्रा में खाद का स्टॉक होगा और कीमतों में भी बढ़ोत्तरी नहीं होगी। सभी जगह खाद का एक रेट पर किसानों को मिलेगी।

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