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भूमि संरक्षण योजना : खेत में बोरिंग, तालाब और सिंचाई सुविधाओं के लिए आवेदन शुरू

भूमि संरक्षण योजना : खेत में बोरिंग, तालाब और सिंचाई सुविधाओं के लिए आवेदन शुरू
पोस्ट -14 जून 2023 शेयर पोस्ट

किसानों की जमीन पर तालाब और पोखर बनाकर सिंचाई के लिए दी जाएगी सहायता 

जल संकट के इस दौर में केंद्र सरकार हो अथवा राज्य सरकारें सभी भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने और किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार बड़े स्तर पर किसानों के लिए जल संरक्षण की योजनाएं बना रही है। चूंकि देश में जल संकट की वजह कृषि के प्रति असुरक्षा की भावना लगातार बढ़ती जा रही है। इतनी बड़ी आबादी के भोजन के लिए अनाज और पीने के लिए जल की आवश्यकता को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। अंधाधुंध विकास की रेस में हमें अपने संसाधनों और अपनी आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों को नहीं भूलना चाहिए। यही वजह है कि सरकार भी जल संरक्षण पर खासा ध्यान दे रही है। जल की कमी की वजह से देश में बहुत सारी जमीन अपनी उपजाऊ शक्ति को खोकर बंजर बन चुकी है। इन जमीनों को उपजाऊ बनाने और किसानों को जल की पर्याप्त मात्रा सिंचाई के लिए उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने भूमि संरक्षण योजना चलाई है। इस योजना के तहत किसानों की जमीन पर तालाब और पोखर बनाकर सिंचाई के लिए सहायता दी जाएगी। तालाब और पोखर होने से बारिश के जल को इन तालाब में संरक्षित किया जा सकता है। तालाब में संरक्षित जल को किसान सिंचाई के लिए उपयोग में ला सकते हैं।

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ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट में हम भूमि संरक्षण योजना के लाभ, उद्देश्य व लाभ लेने की प्रक्रिया सहित पूरी जानकारी दे रहे हैं।

क्या है भूमि संरक्षण योजना

बिहार में किसानों के लिए भूमि संरक्षण योजना राज्य सरकार द्वारा लागू की गई है। इसके अंतर्गत बिहार के 17 जिलों में जल को लेकर हो रही समस्या को दूर कर वहां के तालाबों, पोखरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। किसानों के खेतों तक सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो सके। इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे। तालाब, मेड़बंदी, पोखर, डैम आदि का निर्माण किया जाएगा।

योजना के इस कार्य से राज्य के किसानों को व्यापक लाभ होंगे। इससे राज्य में सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता पर्याप्त होगी। साथ ही किसान भी अपने फसल का उत्पादन अच्छा कर पाएंगे।

क्या लाभ मिलेगा

भूमि संरक्षण योजना से बिहार राज्य के किसानों को काफी लाभ मिलने वाला है। खासकर दक्षिण बिहार के किसानों को इसका ज्यादा लाभ मिल पाएगा। सरकार के इस कदम से किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में तालाब खोदे जाएंगे। तालाब में बारिश का जल संरक्षित होकर सिंचाई के लिए काम आएगा। इसके अलावा किसानों को ड्रिप सिंचाई उपकरण, स्प्रिंकलर सिंचाई उपकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही किसानों को बोरवेल के लिए भी अनुदान दिया जाएगा। बोरवेल पर किसानों को 15 हजार से 65 हजार रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। 

पंपसेट की खरीदी के लिए भी किसानों को अनुदान देने का प्रावधान है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू है, और अभी लंबे समय तक इसके लिए आवेदन लिए जाएंगे जब तक सरकार का लक्ष्य पूरा न हो जाए। जो किसान तालाब बनवाना चाहते हैं वे तालाब बनाने के लिए आवेदन कर सकते हैं और जो किसान अपने खेत में बोरवेल लगवाना चाहते हैं वह बोरवेल के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा पंप सेट की खरीदी पर मिलने वाले अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

किन किसानों को मिलेगा लाभ

वैसे किसान जो बिहार राज्य के स्थाई निवासी हैं और भारत के नागरिक हैं। उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। लेकिन इन दोनों शर्तों के अलावा किसान का क्षेत्रीय होना भी अनिवार्य है। क्योंकि 50 फीट से नीचे जल स्तर वाले क्षेत्रों में ही अभी बड़े स्तर पर इस योजना का संचालन किया जा रहा है। इसलिए जिन क्षेत्रों में योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, उन क्षेत्रों में किसानों को लगातार लाभ मिलेगा। 

किन जिलों में होगा काम

बांका, मुंगेर, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, जहानाबाद, अरवल, बक्सर, भोजपुर, और भागलपुर जिलों में इस योजना के तहत बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में भूमिगत जल की कमी को देखते हुए सरकार इस पर अपना ध्यान आकर्षित कर रही है। 

योजना के तहत क्या कार्य किए जाएंगे

50 फीट से कम जलस्तर वाले इलाकों में आहार और पोखर का बड़े स्तर पर निर्माण किया जाएगा। ताकि मिट्टी में नमी बरकरार रहे और मिट्टी उपजाऊ बनी रहे। सरकार इन क्षेत्रों में जल की कमी की वजह से बंजर जमीनों का जीर्णोद्धार करेगी। कृषि विभाग ने इस कार्य के लिए करीब 46 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इससे इन 17 जिलों में 1610 आहर का जीर्णोद्धार, 201 मेडबंदी, 270 चेक डैम, 479 जल संचयन तालाब, 292 फार्म तालाब बनाए जाएंगे। इसके अलावा 10 एकड़ में भूमि का समतलीकरण किया जाएगा। निजी भूमि पर जल संरक्षण के कार्य किए जाने पर सरकार की ओर से 90% अनुदान की व्यवस्था है। बता दें कि इन 17 जिलों में बारिश की भी कमी रहती है। व्यापक स्तर पर जल संरक्षण किए जाने और पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किए जाने पर यहां जल संरक्षण का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

योजना से होने वाला लाभ

इस योजना से सामान्य स्तर पर व्यापक लाभ होंगे जो इस प्रकार है।

  • अतिरिक्त सिंचाई क्षमता बढ़ेगी।
  • भूमिगत जल का संरक्षण हो सकेगा।
  • मिट्टी की नमी में वृद्धि हो सकेगी।
  • ज्यादा बारिश होने पर पानी का बहाव नियंत्रित हो सकेगा।
  • फसल सुरक्षा हो सकेगी।

ऐसी पंचायतों को चिन्हित किया जायेगा, जिसके भू जल स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। भू जल स्तर में ज्यादा गिरावट वाले क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। 

योजना में आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

जो भी किसान भूमि संरक्षण योजना योजना के तहत आवेदन कर लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरुरत होगी। जो इस प्रकार है।

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र
  • बैंक पासबुक
  • इमेल आईडी ( यदि हो )
  • मोबाइल नंबर
  • डीबीटी पंजीकरण संख्या

कैसे उठाएं योजना का लाभ

भूमि संरक्षण योजना, बिहार का लाभ उठाने के लिए और इस योजना के बारे में पूरी जानकारी लेने के आप इस योजना की ऑफिशियल वेबसाइट www.bwds.bihar.gov.in पर जा सकते हैं। यहां निम्न प्रक्रिया द्वारा आवेदन भी कर सकते हैं।

  • आधिकारिक वेबसाइट पर दाहिनी ओर ऊपर के कॉर्नर पर लाल रंग में ' आवेदन करें ' पर क्लिक करें।
  • सीधे आवेदन वाले पेज पर जाने के लिए इस लिंक bwds.bihar.gov.in/Home/Applications पर क्लिक करें।
  • डीबीटी पंजीयन संख्या भर कर आवेदन के लिए आगे की सभी मांगी गई व्यक्तिगत जानकारियां पूरा करें।
  • आवेदन की प्रक्रिया को पूरा करें।

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