Krishi Kumbh Mela organized 2023 : उत्तर प्रदेश राज्य के किसानों के लिए बड़ी खबर है। प्रदेश की योगी सरकार नवंबर 2023 में लखनऊ में कृषि कुंभ का आयोजन करने जा रही है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं।
दरअसल, दौर तकनीकी विकास का है। सभी क्षेत्रों में तकनीकों का प्रयोग बढ़ रहा है, देश का कृषि क्षेत्र भी अब पीछे नहीं है, देश-दुनिया में खेतीबाड़ी से जुड़ी अपडेट, विकसित तकनीकों एवं नवाचारों से किसानों को परिचित कराने की जरूरत है। जिससे वे खेती में उत्पादकता बढ़ाकर अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकें। इसके लिए सरकार ने बहुत पहले ’लैब टू लैंड’ का नारा दिया था। अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इसी नारे को साकार करने के लिए कृषि कुंभ आयोजन करने जा रही है। वहीं योगी आदित्य नाथ सरकार 2.0 का यह पहला कृषि कुंभ (Krishi Kumbh) है। इसके पहले योगी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान वर्ष 2018 में 25 से 28 अक्टूबर तक प्रदेश में पहले कृषि कुंभ का आयोजन लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में किया गया था। इस बार भी इस कृषि कुंभ का आयोजन गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ में ही किया जाएगा।
कृषि कुंभ 2023 किसानों के साथ-साथ कृषि उपकरणों में तकनीकी नवाचार को ध्यान रखते हुए उपकरण बनाने वाले उद्यमियों के लिए एक बेहतरीन अवसर साबित होगा। उपकरणों में नवाचार करने वाले उद्यमी अपनी तकनीकों एवं उत्पादों का जीवंत प्रदर्शन कर सकेंगे और सक्षम खरीदारों के समक्ष प्रचार-प्रसार कर नए ग्राहक जोड़ सकेंगे।
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ में आयोजित होने वाले इस कृषि कुंभ में कृषि से संबंधित सभी विभाग शामिल होंगे। साथ ही खेतीबाड़ी से जुड़ी अपनी सभी योजनाओं से संबंधित स्टॉल लगाएंगे और खेतीबाड़ी से जुड़ी सभी योजनाओं की सफलताओं को प्रदर्शित भी करेंगे। कृषि संबंधित विभागों में पशुपालन, गन्ना, रेशम, मत्स्य, उद्यान और उत्तर प्रदेश भूमि सुधार निगम आदि हैं।
इस कृषि कुंभ में फसल विविधीकरण, जैविक खेती, भूजल संरक्षण, फलफूल खेती, हाइड्रोपोनिक्स, वर्टिकल गार्डन, औषधीय पौधों की खेती पर विशेष फोकस दिया जाएगा। पशुपालन के उन्नत तरीकों के अलावा तीतर, बटेर, कुक्कुट, बकरी पालन, मछली के साथ बत्तख पालन, सिंघाड़े एवं मखाने की खेती, सजावटी रंगीन मछली पालन, रेशम उत्पादन के लिए रेशम की खेती, ऊसर भूमि का सुधार एवं एग्रो फारेस्ट्री जैसे आय के अन्य कई विकल्पों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
कृषि कुंभ में लोगों को कुछ महत्वपूर्ण विषयों की बारीकियां समझाने के लिए कार्यशालाएं भी लगाई जाएंगी। अलग-अलग सत्रों के विषय और पैनल विशेषज्ञों का चयन कृषि अनुसंधान परिषद उत्तर प्रदेश करेगा। इनके लिए प्रस्तावित विषयों में गौ आधारित प्राकृतिक खेती, मोटे अनाजों की उपयोगिता, कृषि क्षेत्र में किसान उत्पादक संगठन यानी एफपीओ की भूमिका, डिजिटल खेती, कृषि क्षेत्र में कृषि जुड़े स्टार्टअप, कृषि यंत्रीकरण के फायदे, पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन आदि शामिल होंगे। वहीं, कंपनियों एवं संस्थाओं के साथ एमओयू यानि मेमोरंडम ऑफ स्टैंडिंग भी होंगे।
उत्तर प्रदेश कैबिनेट के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का कहना है कि इस अंतराष्ट्रीय कृषि कुंभ के माध्यम से राज्य के कृषक वैश्विक स्तर की तकनीक से रूबरू होंगे। इनमें से कुछ प्रगतिशील और नवाचारी कृषक इनका इस्तेमाल करेंगे। इससे अन्य किसानों को जोड़ने में मदद मिलेंगी। इससे क्रमशः यह सिलसिला बन जाएगा, जिससे कृषकों की आय बढ़ेगी। उनका कहना है कि किसानों की आय बढ़ने से वे खुशहाल होंगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी के साथ पूरे कैबिनेट की लगातार यही मंशा भी है और इस कृषि कृषि के आयोजन का मूल उद्देश्य भी है।
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