Short Term Agricultural Loan 2024 : देश में 75-80 प्रतिशत छोटे और सीमांत वर्ग के किसानों को सरकार द्वारा केसीसी (KCC) ऋण योजना जैसी कई अन्य वित्त पोषित (ब्याज अनुदान) योजनाओं के माध्यम से सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जाता है, ताकि वे अच्छे से खेती कर अपनी आय बढ़ा सकें। वहीं, किसान अपने द्वारा लिए गए इस ऋण को समय से चुका सके, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई तरह की राहत भी प्रदान की जाती है। ऐसे में कई राज्य सरकारों द्वारा केंद्रीय सहकारी बैंको से संबद्ध ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को बिना किसी ब्याज के अल्पकालीन फसल ऋण (Short Term Agricultural Loan) दिया जाता है। यह फसल ऋण सरकार द्वारा किसानों को प्रत्येक खरीफ और रबी सीजन के लिए दिया जाता है, जिससे वे फसल बोने के लिए जरूरी कृषि इनपुट बिना किसी वित्तीय परेशानी के खरीद सकें।
मध्यप्रदेश में भी अल्पकालीन फसल ऋण योजना (Short Term Crop Loan Scheme) के तहत किसानों को खरीफ और रबी फसल के लिए अल्पावधि फसल ऋण दिया जाता है। इस बीच राज्य के फसल ऋण धारक किसानों के लिए बड़ी खबर है। मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा खरीफ सीजन के लिए अल्पकालीन फसल ऋण की देय तिथि को बढ़ाकर अब 30 अप्रैल 2024 कर दिया गया है। ऋण भुगतान करने की तिथि पूर्व में 28 मार्च 2024 निर्धारित की गई थी। ऋण की तारीख बढ़ते ही किसानों को बड़ी राहत मिली है।
मध्यप्रदेश सरकार ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियाें द्वारा खरीफ सीजन 2023 के लिए वितरित अल्पकालिक फसल ऋण की देय तिथि बढ़ाकर अब 30 अप्रैल 2024 कर दी है। पहले राज्य शासन द्वारा खरीफ 2023 सीजन में वितरित अल्पकालिक फसल ऋण की देय तिथि 28 मार्च तय थी। सहकारिता विभाग मंत्रालय, भोपाल द्वारा जारी आदेश में इस योजना की शेष शर्तें यथावत रहेंगी। साथ ही अल्पकालीन फसल ऋण की देय तिथि में परिवर्तन का किसानों के बीच व्यापक प्रचार -प्रसार करने और उपरोक्तानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, ऋण भुगतान की तारीख बढ़ते ही किसानों ने राहत की सांस ली है। किसानों का कहना है कि इस साल प्राकृतिक आपदा के चलते फसलों में काफी हद तक नुकसान हुआ है और अभी अधिकांश किसानों के खेतों में गेहूं-चने व मक्का, सौंफ आदि रबी फसल कटाई का दौर भी जारी है। ऐसे में 28 मार्च तक किसानों के लिए ऋण राशि का भुगतान कर पाना काफी मुश्किल था। लेकिन अब फसल ऋण जमा करने की तारीख बढ़ने से किसानों को राहत मिलेगी। अप्रैल के मध्य तक कटाई का काम पूरा होने पर किसानों के पास उपज की राशि उपलब्ध होने पर ऋण जमा करने में आसानी होगी।
अल्पकालीन फसल ऋण योजना के तहत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कृषक सदस्यों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। यह फसल ऋण (Crop Loan) उन किसानों को प्रदान किया जाता है, जिनके पास कृषि योग्य भूमि है। यह ऋण कम समय के लिए खरीफ और रबी सीजन के लिए दिया जाता है इसलिए इसे अल्पावधि ऋण भी कहा जाता है। इस योजना के तहत किसान खरीफ और रबी खेती के लिए अपनी जरूरत के अनुसार ऋण ले सकते हैं।
इस योजना के माध्यम से किसानों को खरीफ और रबी सीजन फसलों की खेती के लिए खेत में जुताई करने, बुवाई, निराई-गिड़ाई, खाद-उर्वरक, प्रत्यारोपण, फसल के लिए बीज खरीदना, कीटनाशक आदि जैसे कामों के लिए छोटी अवधि के लिए अलग-अलग राशि का अल्पकालीन फसल ऋण दिया जाता है।
प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कृषक सदस्यों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण (Crop Loan) उपलब्ध कराया जाता है। यह ऋण किसानों को प्रत्येक खरीफ और रबी सीजन फसलों के लिए दिया जाता है ताकि किसानों को अपने कृषि कार्यों को करने में किसी भी प्रकार की आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े। राज्य शासन द्वारा केंद्रीय सहकारी बैंकों से संबद्ध ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से 1.50 लाख रुपए तक का अल्पकालीन फसली ऋण दिया जाता है। किसानों द्वारा लिए गए ऋण का समय या समय से पूर्व भुगतान करने पर उन्हें राज्य सरकार द्वारा 4 प्रतिशत और भारत सरकार द्वारा 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है, जिससे किसानों को यह फसली ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर मिलता है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा वैसे तो यह ऋण प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर से दिया जाता है।
अल्पकालीन फसल ऋण योजना के अंतर्गत, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और छोटे फाईनेंस बैंकों के माध्यम किसानों को फसल ऋण (Crop Loan) प्रदान किया जाता है। योजना के तहत यह ऋण उन किसानों के लिए है जिनके पास राज्य में कृषि योग्य भूमि है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को बड़े साहूकारों के उच्च ब्याज वाले ऋण से मुक्त कराना है। क्योंकि कई बार किसान अपने कर्ज के दबाव में आकर आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। इस योजना के तहत, उन्हें सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी। वहीं केंद्र सरकार द्वारा केसीसी (KCC) ऋण योजना के तहत भी किसानों को प्रति फसल सीजन 7 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर से अल्पकालीन लोन उपलब्ध कराया जाता है। वहीं, भारत सरकार कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग (डीएसी एंड एफडब्ल्यू) एक ब्याज सबवेंशन योजना लागू कर ऋण देने वाली संस्थाओं को प्रति वर्ष 2 प्रतिशत की छूट प्रदान करती है। इसके अलावा, ऋण की शीघ्र चुकौती के लिए किसानों को अतिरिक्त 3 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी भी दी जाती है, जिससे यह ऋण 4 प्रतिशत की ब्याज की प्रभावी दर से पड़ता है।
अल्पकालीन फसल ऋण योजना के अंतर्गत शून्य ब्याज प्रतिशत पर फसल ऋण (Crop Loan) के लिए ग्राम सेवा सहकारी समिति का सदस्य बनकर ऋण का आवेदन किया जा सकता है। यह आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है। इच्छुक किसान संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति में जाकर सहकारी फसली ऋण पोर्टल पर पंजीयन की कार्यवाही करवा कर ऋण हेतु आवेदन कर सकता है। आवेदन के इच्छुक किसान के पास संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति का सदस्यता प्रमाण पत्र, कृषक की भूमि एवं बोई जाने वाली फसलों का विवरण आदि दस्तावेज होने चाहिए।
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