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मशरूम खेती के लिए सरकार से मिलेगी 50% तक सब्सिडी, किसान इस तरह करें खेती

मशरूम खेती के लिए सरकार से मिलेगी 50% तक सब्सिडी, किसान इस तरह करें खेती
पोस्ट -07 सितम्बर 2023 शेयर पोस्ट

Subsidy scheme : 50 प्रतिशत की सब्सिडी पर लगाएं मशरूम की खेती, जानिए खेती की पूरी जानकारी

किसानों की आय बढ़ाने के लिए बिहार सरकार की ओर से कई तरह की सब्सिडी योजनाएं चलाई जा रही है। इन सब्सिडी योजनाओं के तहत किसानों को खेती-किसानी से जुड़े हर तरह के कार्यों के लिए बंपर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। ऐसे में एक बार फिर से बिहार सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित “राष्ट्रीय कृषि विकास योजना” के तहत प्रदेश में “एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना” चला रही है। इसके तहत किसानों और महिला किसानों को मशरूम की खेती, उत्पान ईकाई और मशरूम स्पॉन के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जा रही है। 

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अगर आप किसान हैं और सब्सिडी पर मशरूम उत्पादन ईकाई लगाकर अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं, तो आप ’’बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की आधिकारिक साइट http://horticulture-bihar-gov-in/ या अपने जिले के बागवानी निदेशालय पर विजिट कर योजना में आवेदन कर सकते हैं तथा मशरूम के उत्पादन से मुनाफा कमाकर मालामाल बन सकते हैं। इस पोस्ट में मशरूम की खेती कैसे करें तथा खेती के लिए सब्सिडी किस तरह मिलेगी आदि की जानकारी दी जा रही है। संबंधित जानकारी के लिए ट्रैक्टरगुरू की खास पोस्ट को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़ें। 

मशरूम उत्पादन इकाई के लिए 10 लाख रुपए का अनुदान

बिहार में किसानों की आय बढ़ाने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) योजना को उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार की ओर से लागू किया गया है। इसके तहत मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की बिहार सरकार द्वारा मशरूम, मशरूम स्पॉन और मशरूम कम्पोस्ट उत्पादन यूनिट लगाने के लिए 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत मशरूम इकाईयों की लागत 20 लाख रुपए उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार (Directorate of Horticulture, Agriculture Department, Bihar) द्वारा निर्धारित की गई है। जिसमें किसानों को मशरूम उत्पादन इकाई के लिए 50% या अधिकतम 10 लाख रुपए की अनुदान राशि सरकार की तरफ से दी जाती है। संबंधित जानकारी उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार ने अपने ऑफिशियल ट्विटर पर ट्वीट करके दी है। सरकार का मानना है कि इससे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में मदद मिलेगी। वहीं, मशरूम का उत्पादन कर किसान अपनी आय में वृद्धिकर आर्थिक स्थिति को बेहतर बना पाएंगे। 

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मशरूम इकाइयों पर किसानों को शॉर्ट टर्म लोन सुविधा भी 

मशरूम उत्पादन (mushroom production) के लिए कंपोस्ट इकाई स्थापित करने के लिए किसानों पर किसी प्रकार से कोई भी आर्थिक बोझ न पड़े। इसके लिए बिहार सरकार सब्सिडी के साथ-साथ सहकारी बैंकों के माध्यम से शॉर्ट टर्म लोन सुविधा भी किसानों को प्रदान कर रही है। मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के ग्रामीण इलाकों में किसानों और महिलाओं को रोजगार का नया साधान मिल रहा है। मशरूम (mushroom) से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। क्योंकि शहरी इलाकों और कस्बों में मशरूम की मांग बहुत अधिक है और उत्पादन बहुत कम है। वहीं, मशरूम के उत्पादन में लागत कम लगती है, जबकि इससे मुनाफा अधिक होता है। 

बिहार पूरे देश का सबसे बड़ा मशरूम उत्पादक राज्य 

एकीकृत बागवानी विकास मिशन (Integrated Horticulture Development Mission) का लाभ उठाकर बिहार के सीतामढ़ी जिले की निवासी ममता कुमारी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत लाभ लेकर झोपड़ी में मशरूम की खेती कर मुनाफा कमा रही हैं। लाभार्थी महिला किसान का कहना है कि वह साल 2018 से मशरूम का उत्पादन कर रही है। उनका स्वयं सहायता समूह (एसएसजी ग्रुप) भी बना है। ममता कुमारी का कहना है कि मशरूम की खेती करने के लिए सरकार की तरह से उनको 90 हजार रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की गई है। जिससे हमें आगे बढ़ने में काफी सहायता मिली है। आज हमारा ग्रुप मशरूम कंपोस्ट इकाई से मशरूम का उत्पादन कर उनसे बिस्किट, पापड़, अचार जैसे कई अन्य उत्पाद बना रहा है। मशरूम से बने इन उत्पादों को स्थानीय और बाहरी बाजारों में बेचकर बहुत मुनाफा भी ग्रुप कमा रहा है। ममता कुमारी बताती है कि आज सीतामढ़ी में कई महिलाएं सफल मशरूम उत्पादक बन चुकी है। इलाके में रोजगार के मौकों को बढ़ाने में मशरूम बेहतर विकल्प साबित हुआ है। वहीं, इसमें बढ़ते मुनाफे को देखते हुए बिहार सरकार मशरूम का उत्पादन करने पर किसानों को अनुदान भी दे रही है। जिसके कारण आज इलाके में मशरूम की खेती में बढ़ोतरी हो रही है। बता दें कि पूरे देश में सबसे बड़ा मशरूम उत्पादक राज्य बिहार ही है। 

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इस तरह करें मशरूम कंपोस्ट का उत्पादन 

लाभार्थी ममता कुमारी बताती हैं कि वे झोपड़ी में मशरूम का उत्पादन कर रही है। मशरूम कंपोस्ट के लिए फफूंदी रहित अन्‍न के फसलों के तिनकों (गेंहू, मक्‍का, धान) और गन्‍ने फसल के अपशिष्टों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा वर्मी कंपोस्ट, पोल्ट्री अपशिष्ट और कोकोपिट का उपयोग भी किया जा सकता है। मशरूम कंपोस्ट उत्पादन के लिए इन भूसा और पराली अपशिष्ट को कम से कम 6 x 6 की जगह इक्कठा करें। ध्यान रहे कि इस जगह पर बारिश और सूरज की रोशनी नहीं पहुंचनी चाहिए। ममता कुमारी का कहना है कि मशरूम की खेती से बेहतर उत्पादन लेने के लिए इसकी खेती में वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग कर सकते हैं। मशरूम उत्पादन के लिए आप मशरूम स्पॉन (मशरूम जीवाणु) सहायक रोगविज्ञानी, मशरूम विकास केन्‍द्र से हर ब्‍लॉक के लिए प्राप्‍त किया जा सकता है। धान और मक्‍कई फसल के तिनके अत्‍यधिक कोमल होते हैं, ये मशरूम कंपोस्ट बनाने के समय जल्‍दी से अवक्रमित हो जाते हैं। साथ ही गेहूं के तिनकों की अपेक्षा अधिक पानी सोखते हैं। 

एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना में कैसे करें आवेदन

बिहार में आजकल किसान और महिला किसानों का समूह मशरूम उत्पादन से काफी बेहतर आमदनी कर रहे हैं। वहीं, इसके लिए बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय द्वारा मशरूम उत्पादन के लिए किसानों और महिला समूहों को अनुदान भी दिया जा रहा है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत इच्छुक लाभार्थी अनुदान का लाभ लेने के लिए अपने जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, जमीन की अपडेटेड रसीद (जमाबंदी) तथा किसान पंजीयन रसीद आदि के साथ बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की आधिकारी वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, संबंधित अधिक जानकारी के लिए लाभार्थी अपने जिले के कृषि विभाग एंव कृषि उद्यान विभाग के कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं।

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